इसराइल में भारतीय वायु सेना का ‘मिराज’ लड़ाकू विमान क्या कर रहा है?
इसराइल के दौरे पर गए भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को एक इसराइली एयरबेस का दौरा किया था, जहां पर उन्होंने भारतीय वायु सेना के दल से मुलाक़ात की.
इसराइल इस समय 'ब्लू फ़्लैग 2021' नामक मल्टीनेशनल एयर एक्सरसाइज़ कर रहा है, जिसे इसराइल की अब तक का सबसे बड़ा वायु सेना अभ्यास बताया जा रहा है.
इसराइली वायु सेना ने बताया है कि हर दो साल पर होने वाले इस अभ्यास का उद्देश्य विभिन्न राष्ट्रों के बीच संबंधों को मज़बूत बनाना है और इस साल इसराइल में अब तक का सबसे बड़ा और सबसे उन्नत हवाई अभ्यास हो रहा है.
इस मल्टीनेशनल एयर एक्सरसाइज़ में सात देशों की वायु सेना भाग ले रही है और मंगलवार को इसका तीसरा दिना था. कुल आठ देशों की वायु सेनाओं का यह अभ्यास 28 अक्तूबर तक जारी रहेगा.
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इस अभ्यास में जर्मनी, इटली, ब्रिटेन, फ़्रांस, भारत, ग्रीस और अमेरिका की वायु सेनाएं भाग ले रही हैं. इसमें उनके चौथी और पांचवीं पीढ़ी के विमान भाग ले रहे हैं.
इसराइल के पाँच दिवसीय दौरे पर गए भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को ओव्डा एयरबेस पर हो रही ब्लू फ़्लैग इंटरनेशनल एयर फ़ोर्स एक्सरसाइज़ का दौरा किया था. उन्होंने भारतीय वायु सेना के समूह के साथ तस्वीरें भी ली थीं.
उन्होंने ट्वीट करके इसकी जानकारी देते हुए कहा था कि 'उन्हें भारतीय और इसराइली वायु सेना के बीच आपसी सम्मान और केमिस्ट्री को देखकर बहुत ख़ुशी हुई. रक्षा और सुरक्षा हमारे संबंधों के प्रमुख स्तंभ हैं.'
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वहीं भारत में इसराइल के राजदूत नौर गिलोन ने भी ट्वीट करके भारतीय विदेश मंत्री के एयरबेस का दौरा करने की जानकारी दी थी.
क्यों ख़ास है यह वायु सेना अभ्यास
इसराइल का कहना है कि यह उसका अब तक का सबसे बड़ा वायु सेना अभ्यास है, जिसमें उसके अलावा सात और देशों की वायु सेनाएं भाग ले रही हैं.
इसराइली समाचार पत्र हारेत्ज़ के अनुसार, 2017 में इसराइली वायुसेना के एक अफ़सर का कहना था कि हर दो साल पर होने वाला यह अभ्यास एक 'हवाई कूटनीति' है जो सार्वजनिक तौर पर दिखाता है कि कई देश अरब राष्ट्रों की चिंता और फ़लस्तीन जैसे राजनीतिक मुद्दों को अलग रखकर इसराइल के साथ रणनीतिक साझेदारी चाहते हैं.
इसराइली वायु सेना का कहना है कि यह अभ्यास भाग लेने वाली वायु सेनाओं के साथ उनकी क्षमताओं का दायरा फैलाता है, जिसमें हवा से हवा में और हवा से ज़मीन पर हमला करने पर ध्यान केंद्रित किया जा है.
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इसके अलावा इस अभ्यास में दुश्मन के क्षेत्र में उसके ज़मीन पर बने एयर डिफ़ेंस सिस्टम से बचना और अलग-अलग कार्रवाई करना भी शामिल हैं.
इसराइली एयर फ़ोर्स ने अपने बयान में कहा है कि 'यह पहली बार है जब इसराइल के गठन के बाद ब्रिटिश लड़ाकू जहाज़ों का स्क्वॉड्रन आया हुआ है. इसके साथ ही पहली बार भारतीय वायु सेना का मिराज लड़ाकू विमान इसराइल में है और साथ ही पहली बार फ़्रांस वायु सेना का रफ़ाल लड़ाकू विमान का स्क्वाड्रन आया है.'
इसराइली वायु सेना ने और क्या कहा
इसराइली वायु सेना के बयान में उसके कमांडर और मेजर जनरल अमिकम नॉर्किन ने कहा है कि इस वायु सेना का अभ्यास किया जाना रणनीतिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है.
उन्होंने कहा, "हम बहुत ही जटिल क्षेत्र में रह रहे हैं, जहां पर इसराइल राष्ट्र को ग़ज़ा पट्टी, लेबनान, सीरिया और ईरान से ख़तरा है जो लगातार बढ़ रहा है."
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"इस वास्तविक स्थिति में एक अंतरराष्ट्रीय अभ्यास का किया जाना और सभी मोर्चों पर हमारी परिचालन गतिविधियों का जारी रहने का बहुत बड़ा सामरिक महत्व है. इसके साथ ही यह इसराइली वायु सेना, इसराइली रक्षा बल और इसराइल राष्ट्र पर एक व्यापक प्रभाव डालेगा."
इसके साथ ही मेजर जनरल नॉर्किन ने कहा कि वर्तमान में चल रहा अभ्यास क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय सहयोग में एक बड़ा क़दम है.
नॉर्किन ने कहा कि 'यह अभ्यास तकनीक, ट्रेनिंग की गुणवत्ता और भाग लेने वाले सदस्यों की संख्या के मामले में भी अभूतपूर्व है. यह सभी राष्ट्रों की वायु सेनाओं के बीच एक मज़बूत साझेदारी और संबंधों को दिखाता है.'
रविवार को इस अभ्यास के पहले दिन नॉर्किन ने अपने जर्मन समकक्ष लेफ़्टिनेंट जनरल इंगो गेरहार्ट्ज़ के साथ मिलकर यरुशलम के ऊपर से गुज़रने वाले इसइराइली-जर्मन विमानों का नेतृत्व किया था. इसके साथ ही दोनों अफ़सर याद वाशेम होलोकॉस्ट मेमोरियल सेंटर गए थे, जहाँ पर उन्होंने होलोकॉस्ट के पीड़ितों की याद में मोमबत्तियां जलाईं थीं.
नॉर्किन ने जहाँ 'बाज़' (एफ़-15) विमान का नेतृत्व किया था, वहीं गेरहार्ट्ज़ ने 'ईगल स्टार' यूरोफ़ाइटर को उड़ाया था और इसमें ख़ास यह था कि इस पर इसराइली और जर्मनी के झंडे बने हुए थे.
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मंगलवार को इसराइली रक्षा बलों के प्रमुख अविव कोचावी ने गेरहार्ट्ज़ को मेडल ऑफ़ एप्रिसिएशन से सम्मानित किया था. यह सम्मान उन्हें इसराइली और जर्मन सुरक्षा बलों के बीच क़रीबी सहयोग बनाने की कोशिशों के लिए दिया गया है.
वहीं जर्मनी की इसराइल में राजदूत सुज़ैन वासुम-ग़ाइनर ने नॉर्किन को जर्मनी के सबसे बड़े राष्ट्रीय पुरस्कार ऑर्डर ऑफ़ मेरिट ऑफ़ द फ़ेडरल रिपब्लिक ऑफ़ जर्मनी से सम्मानित किया.
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एक समारोह में वासुम-ग़ाइनर ने कहा कि 'इसराइली और जर्मन विमान एक साथ मिलकर हमारे समय की सबसे बड़ी सुरक्षा चुनौतियों के लिए तैयारी भी कर रहे हैं.'
"पिछले साल इसराइली विमानों का जर्मनी के वायु सेना अभ्यास में भाग लेना एक अन्य अर्थपूर्ण क़दम था जिसने हमारे जवानों के बीच बढ़ते पेशेवर और दोस्ताना रवैया को दिखाया था."
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