भारत ने सीमा विवाद पर जताई बड़ी उम्मीद, क्या चीन सुनेगा भारत की बात?
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि, वो उम्मीद करता है कि चीन एलएसी पर विवादित प्वाइंट्स पर जल्द ही जमीनी स्तर पर काम करेगा।
नई दिल्ली, अक्टूबर 14: भारत और चीन के बीच कमांडर स्तरीय 13वें दौर की वार्ता फेल हो गई है, और चीन ने तीन अति महत्वपूर्ण रणनीतिक प्वाइंट्स से पीछे हटने से इनकार कर दिया है, लेकिन भारत और चीन इस बात पर सहमत हुए हैं कि, दोनों देश शांति बनाए रखने के लिए जमीनी स्तर पर बातचीत करते रहेंगे। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि, बातचीत के दौरान भारत ने चीनी पक्ष के समने रचनात्मक प्रस्ताव रखा था, जिसपर चीनी पक्ष सहमत नहीं हुआ है, लेकिन दोनों देशों के बीच बातचीत होती रहेगी।
भारत-चीन बातचीत
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा कि, भारत को उम्मीद है कि चीनी पक्ष पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर बाकी बचे सभी मुद्दों के जल्द समाधान की दिशा में काम करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि, शेष क्षेत्रों का समाधान और शांति और शांति की बहाली से समग्र द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति की सुविधा होगी। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि, "हमने भारत-चीन कोर कमांडर-स्तरीय बैठक के 13 वें दौर के दौरान बाकी बचे विवादित क्षेत्रों को हल करने के लिए रचनात्मक सुझाव सामने रखे थे, लेकिन चीनी पक्ष सहमत नहीं हुआ था। मैं इसे किसी विशेष तरीके से चिह्नित नहीं करना चाहता, सिवाय इसके कि दो दोनों पक्षों ने संचार बनाए रखने और जमीनी स्तर पर स्थिरता बनाए रखने पर सहमति जताई है।"
विदेश मंत्रियों की बैठक
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने दुशांबे में भारतीय और चीनी विदेश मंत्रियों के बीच हुई बैठक का भी जिक्र किया और कहा कि, दोनों देशों के विदेश मंत्री इस बात पर सहमत हुए हैं कि "विवादित क्षेत्रों का शांतिपूर्ण हल किया जाना चाहिए"। उन्होंने कहा कि, "हम उम्मीद करते हैं कि चीनी पक्ष पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर शेष सभी मुद्दों के जल्द समाधान की दिशा में काम करेगा, जबकि द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन करेगा।" उन्होंने कहा कि, "और मैं फिर से दोहराता हूं कि बाकी क्षेत्रों का शांतिपूर्वक समाधान और शांति बहाल करने से हमारे समग्र द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति होगी। हम इस पर चीन के साथ बातचीत जारी रखने के लिए तत्पर हैं।" आपको बता दें कि, भारत-चीन कोर कमांडर-स्तरीय बैठक का 13वां दौर 10 अक्टूबर को चुशुल-मोल्दो सीमा बैठक बिंदु पर आयोजित किया गया था।
कमांडर स्तर की वार्ता फेल
भारत-चीन के वरिष्ठ सैन्य कमांडरों की मैराथन बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकल सका और 13वें दौर की बातचीत फेल हो गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, चीन की सेना पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर बाकी बचे टकराव के तीन प्वाइंट्स से पीछे हटने के लिए इनकार कर दिया। जिसके बाद दोनों देशों की सेनाओं की बातचीत बेनतीजा खत्म हो गई। रिपोर्ट के मुताबिक, चीन की सेना ने हॉट स्प्रिंग्स, देपसांग बुलगे और चार्डिंग नाला जंक्शन से पीछे हटने से इनकार कर दिया। चीन की सेना ने बातचीत फेल होने के बाद कहा था कि, भारत को जितना मिला, उसमें खुश हो जाना चाहिए।
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