क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

जब चीनी सैनिकों ने चुरा लिये थे भारत के 14 घोड़े, सीमा पर बसे भारत के अंतिम गांव की कहानी

Google Oneindia News

नई दिल्ली। सीमा पर तैनात चीनी सैनिकों का आचरण बेहद भड़काऊ और उत्पाती रहा है। भारतीय गांवों में घुस कर लफंगों की तरह उत्पात मचाना उनकी फितरत रही है। 2014 में चीन सैनिक डोमचोक गांव से 14 घोड़े चुरा कर ले गए थे। चोरी के घोड़ों का उन्होंने ने गश्ती में इस्तेमाल किया था। भारत के बुद्धिजीवी या नेता भले चीनियों पर यकीन कर लें लेकिन लद्दाख के ग्रामीण इन पर बिल्कुल भरोसा नहीं करते। लद्दाख के लेह जिले का डेमचोक गांव भारत चीन सीमा के बिल्कुल नजदीक है। सीमा पर यह भारत का अंतिम गांव है। यह गांव न्योमा तहसील की कुयूल पंचायत का हिस्सा है। डेमचोक की भौगोलिक स्थिति भारत के लिए सामरिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है। पर्वतीय और दुर्गम क्षेत्र होने के कारण इस गांव की आबादी बहुत कम है। हाल के विवाद के समय डेमचोक गांव फिर चर्चा में रहा। चीन ने हाल ही में जब गलवान घाटी और पैगोंग झील के पास सैनिक गतिविधियां तेज की थीं तब भारत ने डेमचोक में अपने सैनिकों की संख्या बढ़ा दी थी। मौजूदा विवाद के बीच 9 मई को भारत ने पहली बार चीनियों को करारा जवाब दिया। भारत ने पहली बार चीनी सीमा के पास लड़ाकू सुखोई विमान उड़ा कर ईंट का जवाब पत्थर से दिया था। भारत की इस सख्ती से अब लद्दाख के लोगों में बेहद खुशी है।

 चीनी सैनिकों ने घोड़े चुराये

चीनी सैनिकों ने घोड़े चुराये

डोमचोक, चीन की सीमा पर आबादी वाला अंतिम भारतीय गांव है। यह प्राचीन लद्दाख तिब्बत मार्ग पर लेह से 250 किलोमीटर दूर पूरब में अवस्थित है। डेमचोक भारत का हिस्सा है लेकिन चीन भी इस पर दावा करता रहा है। चीन डेमचोक को तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र का हिस्सा मानता है। चीन ने सबसे पहले डेमचोक के चारागाह पर ही अवैध कब्जा जमाया था। उसने दो दशक पहले डोमचोक-कुयूल सेक्टर के 45 किलोमीटर लंबे चारागाह का अतिक्रमण कर लिया था। इस चारागाह के छीन जाने से डेमचोक समेत आसपास के कई गांवों के लिए पशुपालन मुश्किल हो गया था। जाड़े के दिनों में इस इलाके के करीब एक लाख 20 हजार भेड़, पसमीना बकरियां और याट इसी चारागाह की घास पर जिंदा रहते थे। पशुपालन ही यहां के लोगों की आजीविका है। लेकिन चीनी सैनिकों ने यहां के लोगों का जीना मुहाल कर दिया। 2014 में चीनी सैनिक घुसपैठ कर डेमचोक गांव में आ धमके थे। वे 18 दिन इस गांव में जमे रहे। तंबू तक गाड़ दिये। गांव के लोगों ने सामान ढोने और आने-जाने के लिए घोड़े पाल रखे थे। चीनी सैनिकों ने गांव के 14 घोड़े चुरा लिये। जब ग्रामीणों ने इसका विरोध किया तो चीनी मारपीट और धमकी पर उतर आये। उस समय भी भारत-और चीन के बीच बहुत तनातनी हुई थी। तब 28 दिन बाद चीन यहां से निकला था।

दलाई लामा के जन्मदिन समारोह में डाली थी बाधा

दलाई लामा के जन्मदिन समारोह में डाली थी बाधा

डोमचोक गांव में 6 जुलाई 2019 को को स्थानीय बौद्ध लोग अपने धर्मगुरु दलाई लामा का जन्मदिन उत्सव मना रहे थे। इसी दौरान एक एसयूवी में सवार छह लोग वहां पहुंचे और जन्मदिन समारोह बंद करने के लिए चिल्लाने लगे। वे सिविल ड्रेस में थे इसलिए लोग ये अंदाजा नही लगा पाये कि चीनी सैनिक आए हुए हैं। लेकिन जब उन्होंने चीनी झंडा निकाल कर फहराना शुरू कर दिया तब मामला साफ हुआ। चीन सैनिक आधे घंटे तक डोमचोक गांव में जमे रहे। उन्होंने भारतीय लोगों को डरा धमका कर दलाई लामा का जन्मदिन समारोह बंद करा दिया। भारत की सरकार ने इस घटना पर लीपापोती कर दी। लेकिन डोमचोक गांव की सरपंच उरगेन ने इस घटना की पुष्टि की थी। नम्बरदार रिंज जिन ने तब कहा था कि गांव के लोग जब अपने इलाके में भी भेड़-बकरिया चराने जाते हैं तो चीनी सैनिक उन्हें भगा देते हैं। नम्बरदार ने इस घटना की जानकारी लेह के डिप्टी कमिश्नर को भी दी थी। लेकिन उन्होंने कह दिया कि इस मामले में केन्द्र सरकार ही कोई फैसला ले सकती है। चीनी सैनिक पिछले कई साल से इस इलाके में घुसपैठ करते रहे हैं किंतु भारत लड़ाई टालने के लिए इसकी अनदेखी करता रहा। लेकिन मई 2020 में ऐसा पहली बार हुआ कि भारत ने चीन की आंखों में आखें डाल कर बराबरी की टक्कर दी। भारत 2017 में ही डोमचोक को सड़क मार्ग से जोड़ चुका है। इसलिए अब यहां सैनिकों की तैनाती आसान हो गयी है।

डोमचोक में बिजली-पानी

डोमचोक में बिजली-पानी

भारत डोमचोक तक सिंचाई के लिए पाइप लाइन भी बिछा चुका है। उस समय भी चीन ने खूब अड़ंगा डाला था। लेकिन भारत के इंजीनियरों और सैनिकों ने दिलेरी से अपना काम पूरा कर लिया था। झील के पानी से सिंचाई की सुविधा देकर इस बर्फिले रेगिस्तान में खेती की संभावनाएं बढ़ायी जा रही हैं। गर्मियों के मौसम में इस पानी का खेती के लिए इस्तेमाल हो सकता है। इस सीमावर्ती गांव का हुलिया धीरे-धीरे बदल रहा है। अब यहां सौर ऊर्जा से बिजली का भी मिलने लगी है। चीनी सीमा पर भारत के इस अंतिम गांव के लिए यह एक बहुत बड़ा तोहफा है। जैसे-जैसे डोमचोक में भारत जनसुविधांएं बढ़ा रहा है, वैसे-वैसे चीन की बेचैनी बढ़ रही है।

ताइवान को आजादी से रोकने के लिए उस पर हमला करेगा चीन, टॉप चीनी जनरल की खुली धमकी ताइवान को आजादी से रोकने के लिए उस पर हमला करेगा चीन, टॉप चीनी जनरल की खुली धमकी

Comments
English summary
india china standoff When Chinese soldiers stole 14 horses
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X