क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

सेंट्रल एशिया के 'जासूसों' के साथ अजीत डोभाल की बड़ी बैठक, पाकिस्तान नपेगा, तालिबान डरेगा!

मध्य एशियाई देशों के साथ मोदी सरकार ने संबंधों को मजबूती देने के लिए काफी प्रयास किए हैं और अगर मध्य एशियाई देशों से अच्छे संबंध रहते हैं, तो तालिबान पर काफी आसानी से प्रेशर बनाया जा सकता है।

Google Oneindia News
india central asia

Ajit Doval: आतंकियों पर नकेल कसने के लिए भारत काफी तेजी से काम कर रहा है और आज भारत के सबसे बड़े 'जासूस' अजीत डोभाल ने मध्य एशिया के 'जासूसों' के साथ नई दिल्ली में काफी अहम बैठक की है और इस बैठक का सीधा असर पाकिस्तान पर पड़ने वाला है। भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने अफगानिस्तान सहित मध्य एशिया में आतंकवादी नेटवर्क की पहचान करने और उन्हें खत्म करने के लिए काफी अहम बैठक की है, जिसमें वित्तपोषण पर ताला लगाकर आतंकियों के कमर को तोड़ने पर अहम प्लान तैयार किया गया है।

आतंकवाद पर बड़ी बैठक

आतंकवाद पर बड़ी बैठक

भारत ने पिछले कई सालों से सेंट्रल एशिया के साथ अपने संबंधों को विस्तार देने के लिए काफी अहम कदम उठाए हैं और अब भारत अपने उन संबंधों को भुना रहा है। सेंन्ट्रल एशिया के सिक्योरिटी मिनिस्टर्स मीटिंग के दौरान भारत ने आतंकवादियों तक पैसे पहुंचने के तमाम रास्ते बंद करने के लिए कई अहम प्लान बनाए हैं। नई दिल्ली में आयोजित इस बैठक में कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और सुरक्षा परिषद के सचिवों ने हिस्सा लिया था। सबसे खास बात ये है, कि ये सभी देश अफगानिस्तान के पड़ोसी देश हैं और तालिबान को साधने के लिए भारत के लिए ये तमाम देश काफी ज्यादा महत्वपूर्ण हैं। खासकर उज्बेकिस्तान और ताजिकिस्तान के साथ तो भारत के संबंध सालों से ऐतिहासिक रहे हैं और उज्बेकिस्तान में अफगानिस्तान की लगती सीमा के पास भारत ने 90 के दशक में अस्पताल भी खोला था, जहां तालिबान के खिलाफ लड़ने वाले वार लॉर्ड्स का कथित तौर पर इलाज किया जाता था।

अफगानिस्तान पर अहम चर्चा

अफगानिस्तान पर अहम चर्चा

बैठक में चर्चा करते हुए भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने कहा कि, "अफगानिस्तान हम सभी के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा है।" अजीत डोभाल ने कहा कि, "भारत की चिंताएं और उद्देश्य ... तत्काल प्राथमिकताएं और आगे का रास्ता वही हैं, जो इस टेबल के चारों तरफ बैठे लोगों के हैं"। इस बैठक के दौरान तुर्कमेनिस्तान का प्रतिनिधित्व भारत में उसके राजदूत कर रहे थे। बैठक के दौरान अजीत डोभाल ने कहा कि, "एक शांतिपूर्ण, सुरक्षित और समृद्ध मध्य एशिया आम लोगों के हित में है।" वहीं, अजीत डोभाल ने मंगलवार को अफगानिस्तान में आतंकवादी नेटवर्क की मौजूदगी के बारे में चिंता जताई। उन्होंने कहा कि, "अफगानिस्तान भी गहरी चिंता का विषय है। और वित्त पोषण आतंकवाद की जीवनदायिनी है, लिहाजा आतंकवाद का मुकाबला करना हम सभी के लिए समान प्राथमिकता होनी चाहिए।" उन्होंने मध्य एशियाई देशों से संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्यों से आतंकवाद के खिलाफ लड़ने की अपील करने की अपील की।

'मध्य एशिया भारत का विस्तारित पड़ोसी'

'मध्य एशिया भारत का विस्तारित पड़ोसी'

मध्य एशिया को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए भारतीय एनएसए अजीत डोभाल ने कहा कि, मध्य एशिया देश के साथ सभ्यतागत संबंधों के साथ भारत का विस्तारित पड़ोस है। आपको बता दें कि, पहली बार एनएसए स्तर की बातचीत की शुरूआत इसी साल जनवरी में हुई थी, जिसमें भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अलावा कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपतियों ने भाग लिया था। एनएसए डोभाल ने कहा कि, इस साल जनवरी में हुई भारत-मध्य एशिया शिखर बैठक आज की बैठक का आधार बनी है और यह मुलाकात अंतरराष्ट्रीय संबंधों में भारी उथल-पुथल और भविष्य को लेकर अनिश्चितता के समय हो रही है। उन्होंने कहा कि, "आज की बैठक महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह हमें उन मामलों पर चर्चा करने का मौका दे रहा है, जिनके लिए क्षेत्रीय देशों के बीच अधिक सहयोग और समन्वय की आवश्यकता होती है।" वहीं, डोभाल ने यह भी कहा कि, मध्य एशियाई देशों के साथ कनेक्टिविटी भारत के लिए एक प्रमुख प्राथमिकता है।

कितना अहम है 'जासूसों' का मिलन?

कितना अहम है 'जासूसों' का मिलन?

एनएसए अजीत डोवाल ने मध्य एशियाई देशों के साथ सुरक्षा के लिए काफी अहम समझौते किए है और मध्य एशियाई देश लगातार अफगानिस्तान के तालिबान शासन के विरोधी रहे हैं। खासकर उज्बेकिस्तान और ताजिकिस्तान तो खुलेआम तालिबान विरोधी रहा है, लिहाजा इन देशों के साथ करीबी संबंध तालिबान को कंट्रोल में रखने के लिए काफी ज्यादा जरूरी माना जाता है, जिसमे भारत अव्वल रहा है। इसके अलावा इन देशों की मदद से भारत पाकिस्तान स्थिति आतंकियों को भी वित्तपोषण रोकने के लिए काफी अहम कदम उठा रहा है और सबसे खास बात ये है, कि आतंकवाद के खिलाफ चलने वाली लड़ाई में ये देश भारत के काफी करीबी रहे हैं।

मुंबई हो या मोसूल... आतंकवाद पर भारत ने फिर दी दुनिया को नसीहत, UN में PAK को फटकारामुंबई हो या मोसूल... आतंकवाद पर भारत ने फिर दी दुनिया को नसीहत, UN में PAK को फटकारा

English summary
India-Central Asia: In the meeting held in New Delhi with the Central Asian countries, important decisions regarding Taliban and Pakistan have been taken.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X