चीनी सीमा के नजदीक युद्धाभ्यास करेगा भारत और अमेरिका, ताइवान के बाद ड्रैगन पर एक और प्रहार
नई दिल्ली, 07 अगस्तः भारत, अमेरिका के साथ विवादित सीमा से 100 किलोमीटर से भी कम दूरी पर एक संयुक्त सैन्य अभ्यास की तैयारी कर रहा है। यह सैन्य अभ्यास अक्टूबर के मध्य में उत्तराखंड के औली में 10,000 फीट की ऊंचाई पर आयोजित किया जाएगा। इस युद्धाभ्यास का उद्देश्य अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में युद्ध के प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित करना है।
चीन से महज 95 किमी दूर है औली
औली चीन की वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगभग 95 किलोमीटर दूर है, जो एक दुर्गम भूमि वाला इलाका है। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक दोनों देशों का ये सैन्य अभ्यास एक वार्षिक संयुक्त अभ्यास के 18वें संस्करण के हिस्से के रूप में होगा, जिसे युद्धाभ्यास के रूप में जाना जाता है। गौरतलब है कि जून 2020 में लद्दाख की गलवान घाटी में चीन और भारत के सैनिकों के बीच हुए खूनी झड़प के बाद से भारत और चीन के बीच संबंध तनावपूर्ण हो चुके हैं। इस युद्ध में कम से कम 20 भारतीय और चार चीनी सैनिक मारे गए थे।
पैंगोंग झील पर चीन ने तैयार किया पुल
हाल ही में चीन द्वारा सीमा पर स्थिति पैंगोंग त्सो झील पर एक पुल का निर्माण करने से दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है। भारत सरकार ने भी इस अवैध कब्जे पर पुल बनाने की निंदा की है। इस साल भारत की य़ात्रा के दौरान अमेरिकी सेना के पैसिफिक कमांडिंग जनरल चार्ल्स फ्लिन ने विवादित सीमा के पास चीन के सैन्य जमावड़े को खतरनाक बताया था। इस संयुक्त अभ्यास के बारे में पूछे जाने पर अमेरिकी रक्षा विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि भारत के साथ साझेदारी एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए हमारे साझा दृष्टिकोण के सबसे महत्वपूर्ण तत्वों में से एक है।
अक्टूबर में होगा ये द्विपक्षीय सैन्याभ्यास
प्रवक्ता ने कहा कि इस व्यापक प्रयास के एक महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में संयुक्त सैन्य अभ्यास और प्रशिक्षण कार्यक्रम शामिल हैं। ये युद्ध अभ्यास एक ऐसा वार्षिक द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास है, जिसे दोनों पक्षों की सेनाओं की क्षमता में सुधार और क्षेत्रीय सुरक्षा की चुनौतियों की एक लंबी सीरिज से निपटने के लिए डिजाइन किया गया है।
नैन्सी पेलोसी की यात्रा से बढ़ा तनाव
बता दें कि अमेरिकी स्पीकर नैंसी पेलोसी द्वारा ताइवान की यात्रा के बाद शुरू हुआ चीन और ताइवान के बीच तनाव अब खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। दोनों देश एक दूसरे पर दबाव बनाने के लिए समुद्री सीमा पर नजर गड़ाए हुए हैं। समुद्री सीमा में सैन्य अभ्यास के नाम पर चीन, ताइवान पर दबाव बनाने की लगातार कोशिश कर रहा है।
दोनों देश एक दूसरे पर रख रहे नजर
ताइवान की सेना के मुताबिक अभ्यास में हिस्सा ले रहे चीनी जहाज और विमान उस द्वीप पर सैन्य अभ्यास कर रहे थे, जिस पर चीन अपना दावा करता है। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने बाद में कहा कि ताइवान मिलिट्री ने 20 चीनी विमानों को चेतावनी देते हुए सीमा के बाहर खदेड़ दिया था। इसके बावजूद ताइवान जलडमरूमध्य के आसपास 14 चीनी जहाज लगातार गतिविधि कर रहे हैं। इसे देखते हुए ताइवान भी करीब से निगरानी बनाए हुए है।
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