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ओमिक्रॉन के बाद IHU वेरिएंट भी बढ़ाएगा टेंशन? जानिए कितना खतरनाक है कोरोना का नया वेरिएंट

रिसर्च रिपोर्ट के मुताबित, IHU वेरिएंट के आनुवंशिक कोड में 46 म्यूटेंट और 37 जेनेटिक कोड हैं, जो ओमिक्रॉन की तुलना में काफी ज्यादा है।

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पेरिस, जनवरी 08: वैज्ञानिक आशंका ही जता रहे थे कि, ओमिक्रॉन के बाद जल्द ही कोरोना वायरसका कोई और वेरिएंट जल्द ही फैलना शुरू हो सकता है और फ्रांस में कोरोना वायरस के एक नये वेरिएंट 'आईएचयू' ने दस्तक दे दी है। पिछले महीने फ्रांस में कोरोना संक्रमितों की टेस्ट के दौरान 'आईएचयू' वेरिएंट के बारे में पता चला है। ऐसे में जानना जरूरी हो जाता है, कि आखिर 'आईएचयू' वेरिएंट कितना खतरनाक है। ये ओमिक्रॉन की तरह कमजोर है या डेल्टा की तरह जानलेवा?

आईएचयू वेरिएंट पर खुशखबरी

आईएचयू वेरिएंट पर खुशखबरी

दुनिया के अलग अलग हिस्सों में लगातार कोरोना वायरस के अलग अलग वेरिएंट को लेकर रिसर्च चल रही है और एक नये अध्ययन में पाया गया है कि कोरोनावायरस का नया 'IHU' वेरएंट, जो पिछले महीने के अंत में फ्रांस में खोजा गया था, वो एक कमजोर वेरिएंट है और सबसे बड़ी राहत की बात ये है कि, ये काफी धीमी रफ्तार से फैलता है, लिहाजा इस वेरिएंट से काफी कम संख्या में लोग संक्रमित हो रहे हैं। हालांकि, रिसर्चर्स का कहना है कि, नए 'IHU' स्ट्रेन के व्यवहार की जांच अभी बहुत प्रारंभिक चरण में है, लेकिन शोधकर्ताओं का कहना है कि, शुरूआती जांच में वायरस को काफी कमजोर पाया गया है। इस रिसर्च रिपोर्ट का अभी समीक्षा होना बाकी है और इसे MedRxiv पर प्रकाशित किया गया है। इसमें, शोधकर्ताओं ने कहा कि "अभी भी IHU वेरिएंट पर अटकलें लगाना जल्दबाजी होगी क्योंकि मामलों की संख्या बेहद कम है"।

डब्ल्यूएचओ ने भी दी राहत

डब्ल्यूएचओ ने भी दी राहत

इस सप्ताह की शुरुआत में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी कहा था कि 'आईएचयू' संस्करण अब तक ज्यादा खतरा नहीं बना है। नए संस्करण की पहली बार नवंबर में पहचान की गई थी और तब से यह डब्ल्यूएचओ के रडार पर है। इसे अब तक वैश्विक स्वास्थ्य निकाय द्वारा 'जांच के तहत संस्करण' के रूप में लेबल नहीं किया गया है। हालांकि, नवीनतम अध्ययन ने 'IHU' संस्करण पर नजर रखने की सलाह दी है।अभी के लिए, दुनिया का ध्यान ओमिक्रॉन वैरिएंट पर है, जिसके कारण दुनिया भर में कोरोनावायरस संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप ओमिक्रॉन स्ट्रेन से बुरी तरह प्रभावित हैं।

आईएचयू में हैं 46 म्यूटेशन

आईएचयू में हैं 46 म्यूटेशन

रिसर्च रिपोर्ट के मुताबित, IHU वेरिएंट के आनुवंशिक कोड में 46 म्यूटेंट और 37 जेनेटिक कोड हैं, जो ओमिक्रॉन की तुलना में काफी ज्यादा है। इनमें से कई स्पाइक प्रोटीन को प्रभावित करते हैं। इसके साथ ही ये संस्करण B.1.640 का एक उप-वंश है और इसकी खोज की घोषणा फ्रांस के इंस्टिट्यूट हॉस्पिटलो-यूनिवर्सिटेयर्स के मार्सिले में मेडिटेरैनी इंफेक्शन के शोधकर्ताओं द्वारा की गई थी, इसलिए इसका नाम आईएचयू रखा गया है। इसे बी.1.640.2 के रूप में वर्गीकृत किया गया है।

IHU संस्करण की खोज नवंबर में एक व्यक्ति के नमूने में की गई थी, जिसने तीन दिनों की यात्रा

अफ्रीकी देश कैमरून का किया था और वापसी में उसे कोरोना पॉजिटिव पाया गया था।

पहले मरीज को लक्षण

पहले मरीज को लक्षण

कोरोना के आईएचयू वेरिएंट से पीड़ित अफ्रीकी देश से लौटे मरीज को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी और दिक्कत बढ़ रही थी, जिसके बाज वो अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचा था। जांच के दौरान अफ्रीका से लौटा शख्स कोरोना पॉजिटिव पाया गया था और फिर फ्रांस में संक्रमण के एक स्थानीय प्रसार की सूचना दी गई थी और आईएचयू तनाव के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था। वहीं, दिल्ली के जीनोमिक एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी संस्थान के वैज्ञानिक विनोद स्कारिया ने ट्विटर पर कहा कि इस वायरस को लेकर अभी कोई सबूत नहीं हैं। वहीं, B.1.640 वेरिएंट को लेकर प्रकोप डॉट इंफो ने दावा किया है कि, ये वेरिएंच पहली बार 1 जनवरी 2021 को ही खोजा गया था और अब तक सिर्फ 400 संक्रमितों की ही पहचान की गई है।

आईएचयू वेरिएंट के फैलने की रफ्तार?

आईएचयू वेरिएंट के फैलने की रफ्तार?

अब तक की रिपोर्ट के मुताबिक, फ्रांस में अब तक एक दर्जन मामले ही आईएचयू वेरिएंट के सामने आए हैं। वहीं, किसी अन्य देश ने नए संस्करण के किसी भी नए मामले का पता नहीं लगाया है। और अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि बी.1.640.2 अधिक मजबूत है या कोरोनावायरस के अन्य ज्ञात उपभेदों की तुलना में तेजी से फैलता है। यही कारण है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने अभी तक इस आईएचयू संस्करण को रुचि का एक प्रकार, चिंता का एक प्रकार, या यहां तक कि जांच के तहत एक संस्करण भी नहीं माना है।

ओमिक्रॉन वायरस सौ गुना कम जानलेवा, बुरा दौर खत्म! एक पैसा भी डरने की जरूरत नहीं!- रिसर्चओमिक्रॉन वायरस सौ गुना कम जानलेवा, बुरा दौर खत्म! एक पैसा भी डरने की जरूरत नहीं!- रिसर्च

English summary
A big disclosure has been made in the study report regarding the 'IHU' variant of the corona virus.
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