फ्रांस में ओमिक्रॉन से भी संक्रामक 'IHU'variant का पता चला, 46 बार बदल चुका है रूप
पेरिस, 4 जनवरी: ओमिक्रॉन के भयावह खतरे के बीच फ्रांस के वैज्ञानिकों को कोरोना का एक नया प्रकार मिला है- 'आईएचयू', जो 46 बार अपना रूप बदल चुका है। बहुत ज्यादा म्यूटेशन होने की वजह से वैज्ञानिक इसे ज्यादा संक्रामक मान रहे हैं, जो कि वैक्सीन के खिलाफ भी ज्यादा प्रतिरोधी साबित हो सकता है। हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने फिलहाल इसे वेरिएंट अंडर इंवेस्टिगेशन की श्रेणी में नहीं रखा है, लेकिन इसका लिंक भी एक अफ्रीकी देश कैमरून से ही जुड़ रहा है। फ्रांस में अभी तक इस नए वेरिएंट के 12 मामले सामने आए हैं।
ओमिक्रॉन से भी ज्यादा संक्रामक वेरिएंट है 'आईएचयू'
लगभग पूरी दुनिया नए कोविड वेरिएंट ओमिक्रॉन की चपेट में आ चुकी है। संक्रमण की रफ्तार इतनी ज्यादा है कि रोज नए रिकॉर्ड टूट रहे हैं। लेकिन, फ्रांस के वैज्ञानिकों को कोरोना का एक और वेरिएंट मिला है, जो ओमिक्रॉन से भी ज्यादा बार अपना रूप बदल चुका है और उससे कहीं ज्यादा संक्रामक माना जा रहा है। इस वेरिएंट को 'आईएचयू' या बी.1.640.2 नाम दिया गया है। इसका पता इंस्टीट्यूट आईएचयू मेडिटेरेनी इंफेक्शन के शोधकर्ताओं ने लगाया है। इनके मुताबिक इसका 46 बार म्यूटेशन हो चुका है, जो ओमिक्रॉन से भी काफी ज्यादा है, जिसकी वजह से इसे वैक्सीन का ज्यादा प्रतिरोधी और अधिक संक्रामक माना जा रहा है।
फ्रांस में आईएचयू वेरिएंट के 12 मामले मिले
फ्रांस में कोरोना के इस नए वेरिएंट 'आईएचयू' के 12 मामले मारसैल के नजदीक पाए गए हैं और इन सबकी ट्रैवल हिस्ट्री अफ्रीकी देश कैमरून से जुड़ी हुई है। वैसे तो फिलहाल ओमिक्रॉन के ही मरीजों की संख्या विश्व भर में बढ़ती जा रही है, लेकिन 'आईएचयू' के इससे भी तेजी से फैलने की आशंका है। फिलहाल 'आईएचयू' वेरिएंट के मामले किसी और देश में सामने नहीं आए हैं और ना ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसे वेरिएंट अंडर इंवेस्टिगेशन की श्रेणी में रखा है।
अभी विश्व स्वास्थ्य संगठन ने तय नहीं की है श्रेणी
वैसे एपिडेमोलॉजिस्ट एरिक फीग्ल-डिंग ने ट्विटर पर इसके बारे में कहा है कि नए वेरिएंट आते रहते हैं, लेकिन जरूरी नहीं है कि वे ज्यादा खतरनाक होंगे। लेकिन, उन्होंने लिखा है, 'जो चीज किसी वेरिएंट को ज्यादा मशहूर और खतरनाक बनाती है, वह है मूल वायरस से इसके म्यूटेशन की संख्या।' नए वेरिएंट के बारे में उन्होंने लिखा है, 'यह तब होता है जब ये वेरिएंट ऑफ कंसर्न बन जाता है, जैसे कि ओमिक्रॉन, जो कि ज्यादा संक्रामक और इम्यूनिटी का अधिक प्रतिरोधी है। देखना होगा कि यह नया वेरिएंट किस श्रेणी में आता है।'
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दुनिया पर फिलहाल ओमिक्रॉन वेरिएंट हावी
ओमिक्रॉन बहुत ही ज्यादा संक्रामक है, लेकिन अभी तक वह ज्यादा घातक नहीं लग रहा है। इसी तरह आईएचयू वेरिएंट के भी ज्यादा घातक होने या न होने पर स्थिति साफ नहीं है। वैसे फ्रांस में भी यूरोप के बाकी देशों और अमेरिका की तरह ओमिक्रॉन के ही मामले ज्यादा हैं और कुल केस के 60 फीसदी ओमिक्रॉन वेरिएंट के बताए जा रहे हैं। ओमिक्रॉन वेरिएंट का पहला मामला पिछले साल 24 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका में सामने आया था। अब तक यह 100 से ज्यादा देशों में फैल चुका है। भारत में 1,900 से ज्यादा लोग इससे पीड़ित बताए जा रहे हैं, लेकिन दिल्ली के बारे में कहा जा रहा है कि 81 फीसदी से ज्यादा सैंपल ओमिक्रॉन के ही मिल रहे हैं।