करेंसी की भारी कमी के चलते सरकार ने नोटबंदी का फैसला लिया वापस
वेनेजुएला में नोटबंदी हुई विफल, नोटों की भारी कमी के चलते वेनेजुएला के राष्ट्रपति ने नोटबंदी के फैसले को वापस लेने का किया ऐलान
नई दिल्ली। वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मदुरो ने देश मे नोटबंदी के फैसले को उस वक्त वापस लेने का फैसला लिया जाब देशभर में इसके खिलाफ आवाज उठने लगी। नोट की कमी के चलते मदुरो ने इस प्रस्ताव को वापस लेने का फैसला लिया।
12 दिसंबर को लिया गया था फैसला
वेनेजुएला ने नोटबंदी के फैसले के विफल होने के पीछे विदेशी ताकतों का हाथ बताया है। राष्ट्रपति ने 12 दिसंबर से वेनेजुएला की सबसे बड़ी नोट 100 बोलिवर को प्रतिबंधित कर दिया था, इसकी जगह 500, 2000 और 20,000 बोलिवर को जारी किया था।
जहाज से भेजे जा रहे थे नोट
सरकार के फैसले के बाद बैंकों के बाहर लोगों की काफी लंबी लाइनें लगनी शुरु हो गई थी, यहां भी नए नोटों को बैंकों तक पहुंचाने के लिए तीन हवाई जहाज की मदद ली गई थी, लेकिन बावजूद इसके नोटों की कमी कम होने का नाम नहीं ले रही थी और लोग बेकाबू होने लगे थे।
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CBI
ने
RBI
के
दो
अधिकारियों
को
बेंगलुरू
में
किया
अरेस्ट,बड़ी
मात्रा
में
करेंसी
एक्सचेंज
करने
का
आरोप
कई
जगहें
दुकानें
लुटी
कई
जगहों
पर
सैकड़ों
दुकानों
को
लूटने
की
खबरें
सामने
आई,
लोगों
ने
सरकार
के
खिलाफ
जमकर
प्रदर्शन
करना
शुरु
कर
दिया
था।
ऐसी
स्थिति
में
सरकार
ने
नोटबंदी
के
फैसले
को
वापस
लेने
का
फैसला
लिया।
क्यों
लिया
था
फैसला
नोबंदी
के
फैसले
के
पीछे
वेनेजुएला
की
सरकार
ने
पड़ोसी
देश
कोलंबिया
में
माफियाओं
द्वारा
बड़ी
नोट
की
जमाखोरी
को
खत्म
करने
के
लिए
यह
फैसला
लिया
था।
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उर्जा
मंत्री
पीयूष
गोयल
ने
की
नोटबंदी
से
मिले
फायदे
की
बात,
कहा
सबके
साथ
शेयर
करेंगे
सरकार
ने
दिया
था
सिर्फ
72
घंटे
का
समय
यहां
गौर
करने
वाली
बात
यह
है
कि
लोगों
को
पुराने
नोट
बदलने
के
लिए
सिर्फ
72
घंटे
का
समय
दिया
गया
था,
जिसकी
वजह
से
लोगों
को
तमाम
चीजें
खरीदने
में
दिक्कतों
का
सामना
करना
पड़
रहा
था।
इस
फैसले
से
लोगों
की
क्रिसमस
की
तैयारियों
पर
भी
काफी
असर
पड़ने
लगा
था।
जिसके
बाद
रविवार
को
सरकार
ने
नोटबंदी
का
फैसला
वापस
लेने
का
ऐलान
किया।
सरकार
को
हटाने
के
लिए
शुरु
मुहिम
आपको
बता
दें
कि
वेनेजुएला
में
करेंसी
की
हालत
काफी
कमजोर
थी,
यहां
100
बोलिवर
की
कीमत
सिर्फ
2
से
तीन
सेंट
थी।
सरकार
के
विरोधियों
का
कहना
है
कि
सरकार
की
गलत
नीतियों
की
वजह
से
देश
की
अर्थव्यवस्था
चौपट
हो
गई।
वेनेजुएला
में
2018
में
चुनाव
होने
हैं,
ऐसे
में
विपक्ष
इस
कोशिश
में
है
कि
यहां
जनमत
कराकर
सरकार
को
समय
से
पहले
ही
बाहर
कर
दिया
जाए।