रूस-यूक्रेन युद्ध: ज़ेलेंस्की इस युद्ध में कैसे दुनिया की दिलचस्पी बनाए हुए हैं
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने पिछले चार महीनों में किन तरीकों से वैश्विक नेताओं और आम लोगों का ध्यान यूक्रेन की तरफ खींचा है.
रूस और यूक्रेन के बीच पिछले चार महीनों से जारी युद्ध में यूक्रेनी सैनिक जहां अग्रिम मोर्चे पर रूसी सैन्य टुकड़ियों के साथ संघर्ष कर रहे हैं, वहीं यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की दुनिया का ध्यान इस युद्ध पर बनाए रखने में लगे हैं.
ज़ेलेंस्की इस अभियान के तहत यूक्रेनी राजधानी कीएव में वैश्विक नेताओं के साथ-साथ अलग-अलग क्षेत्रों की हस्तियों से मुलाक़ातें कर रहे हैं. और इसी दिशा में उन्होंने हाल ही में एक टेक इवेंट में होलोग्राम के ज़रिए हिस्सा लिया.
यूक्रेन इस युद्ध में अपने से कई गुना ज़्यादा ताकतवर दुश्मन का सामना कर रहा है. और उसे आगे बढ़ने से रोकने के लिए यूक्रेन को अंतरराष्ट्रीय मदद की ख़ासी ज़रूरत है.
ऐसे में इस वैश्विक समर्थन को जुटाने के लिए ज़ेलेंस्की की पीआर टीम चार तरीकों का इस्तेमाल कर रही है.
अलग-अलग मंचों पर युद्ध की बात
पिछले हफ़्ते वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने होलोग्राम के ज़रिए पेरिस में आयोजित वीवाटेक कॉन्फ्रेंस में शिरकत की.
यहां दिए अपने भाषण में उन्होंने विश्व प्रसिद्ध फ़िल्म सिरीज़ 'स्टार वार्स' का ज़िक्र किया.
ज़ेलेंस्की ने कहा कि "राष्ट्राध्यक्षों के लिए होलोग्राम के ज़रिए लोगों को संबोधित करना सामान्य नहीं है. लेकिन हम 'स्टार वार्स' में दिखाई गई इस तकनीक को अभ्यास में नहीं ला पा रहे हैं. हम इसका इस्तेमाल करेंगे और इस साम्राज्य को भी हराएंगे."
ये कहते हुए उन्होंने रूस की तुलना 'स्टार वार्स' के खलनायकों से की.
इस भाषण का उद्देश्य टेक कंपनियों को यूक्रेन के पुनर्निमाण और पूरी तरह से डिडिटल लोकतंत्र बनाने की प्रक्रिया में शामिल होने के लिए ख़ास मौका देना था.
हॉलीवुड सितारों से खेल की दुनिया के सितारों का सहारा
इस युद्ध की शुरुआत से ही फ़िल्म, कला और खेल की दुनिया से जुड़ी कई हस्तियों ने यूक्रेन का समर्थन किया है. इन हस्तियों ने अपने बयानों से दुनियाभर में इस युद्ध के प्रति जागरुकता फैलाई है. साथ ही शरणार्थियों की मदद के लिए लाखों-करोड़ों डॉलर भी जुटाए हैं.
इन हस्तियों में पूर्व फुटबॉलर डेविड बेकहम, संगीतकार एड शिरीन, एक्टर शॉन पेन, एश्टन कुचर और मिल्ला कुनिस शामिल हैं जो कि स्वयं यूक्रेनी से जुड़ी रही हैं.
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी यूएनएचसीआर की विशेष दूत एंजेलिना जोली भी बीते अप्रैल यूक्रेन पहुंची थीं जहां उन्होंने शरणार्थियों और वॉलिंटियर्स से बात की थी.
राष्ट्रपति बनने से पहले मनोरंजन जगत से जुड़े रहे ज़ेलेंस्की के लिए लाइमलाइट में आना असहज करने वाला नहीं है. राजधानी कीएव में नेताओं के साथ मुलाक़ातों के बीच उन्होंने अपने साथी कलाकारों से भी मुलाक़ातें की हैं.
बीते सोमवार विश्व शरणार्थी दिवस के मौक़े पर उन्होंने कीएव में अभिनेता बेन स्टिलर से मुलाक़ात की जो यूएनएसचीआर के दूत भी हैं.
स्टिलर ने ज़ेलेंस्की से कहा है, "ये मेरे लिए काफ़ी सम्मान की बात है. ये काफ़ी बेहतरीन है. आप मेरे नायक हैं."
कुछ महीने पहले ऑस्कर कार्यक्रम की होस्ट एमी शूमर ने कहा था कि उन्होंने ज़ेलेंस्की से गुज़ारिश की थी कि वे ऑस्कर सेरेमनी के दौरान स्काइप के ज़रिए लोगों को संबोधित करें क्योंकि ऑस्कर सेरेमनी को लेकर दुनिया की दिलचस्पी काफ़ी ज़्यादा थी.
दुनिया के नेताओं के साथ मुलाक़ातें
मनोरंजन की दुनिया के सितारों के साथ तस्वीरों के साथ-साथ ज़ेलेंस्की की टीम यूरोपीय संघ के नेताओं को भी मनाने की कोशिश में लगी है ताकि यूक्रेन यूरोपीय संघ के सदस्य बन सके और इसके साथ हथियारों से जुड़े उसके निवेदन माने जा सकें.
हालिया दिनों में यूक्रेन पहुंचने वाले राष्ट्राध्यक्षों में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों, इटली के प्रधानमंत्री मारियो द्राघी, जर्मनी के चांसलर ओलाफ़ स्कूल्ज़, और रोमानिया की राष्ट्रपति क्लाउस लोहानिस शामिल हैं.
ज़ेलेंस्की से मिलने वाले नेताओं में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और ब्रितानी प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन भी शामिल हैं. बोरिस जॉनसन दो बार यूक्रेन का दौरा कर चुके हैं.
लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन का अभी तक कीएव न पहुंचना काफ़ी दिलचस्प है.
अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने यूक्रेन के लिए अरबों डॉलर और हथियार जुटाए हैं. लेकिन उन्होंने कहा है कि वह अपनी आगामी यूरोप यात्रा के दौरान यूक्रेन पहुंचकर यूक्रेनी लोगों के लिए समस्याएं नहीं बढ़ाना चाहते हैं.
यूक्रेन को लेकर अपने समर्थन में ग़ैर-पश्चिमी देश भी बंटे हुए हैं. लेकिन ज़ेलेंस्की इन मुल्कों से भी समर्थन हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं.
इसी दिशा में उन्होंने बीते सोमवार अफ़्रीकी संघ को दिए भाषण में युद्ध से दुनिया पर पड़ने वाले नकारात्मक असर की ओर ध्यान खींचने की कोशिश की.
उन्होंने कहा कि अफ़्रीकी जनता इस युद्ध में फंस गई है और अभूतपूर्व खाद्य संकट का सामना कर रही है. उन्होंने कहा कि युद्ध की वजह से खाद्य पदार्थों के सप्लाई चेन में बाधा आई है और खाने के सामेन की कमी हो गी है.
बीबीसी को मिली जानकारी के मुताबिक़, इस कॉन्फ्रेंस कॉल में 55 नेताओं को बुलाया गया था जिसमें से सिर्फ 4 अफ़्रीकी नेताओं ने हिस्सा लिया.
हालांकि, ज़ेलेंस्की के दूसरे वर्चुअल भाषणों में सुनने वाले अच्छी संख्या में मौजूद रहे हैं.
ज़ेलेंस्की अब तक अमेरिकी कांग्रेस, यूरोपीय संघ, जर्मनी, फ्रांस, स्पेन और इटली समेत कई अन्य मुल्कों की संसद में भाषण दे चुके हैं. इन वर्चुअल भाषणों में उन्हें काफ़ी सराहना मिली है.
दुनिया को दिखाई युद्ध की भयावहता
ज़ेलेंस्की ने युद्ध से प्रभावित शहरों, अग्रिम मोर्चों और अस्पतालों का दौरा करके दुनिया को इस युद्ध की भयावहता से भी परिचित कराया है.
बीते शनिवार ज़ेलेंस्की ने यूक्रेन के दक्षिण में स्थित युद्ध प्रभावित क्षेत्र मायकोलीएव शहर का पहली बार दौरा किया. इस दौरान ज़ेलेंस्की ने क्षतिग्रस्त इमारतों की समीक्षा की और सैनिकों एवं स्वास्थ्यकर्मियों से मुलाक़ात की.
इसके साथ ही वह पश्चिमी यूक्रेनी शहर ओडेसा भी पहुंचे जो युद्ध की शुरुआत से रूसी मिसाइलों की मार झेलता रहा है.
हालिया हफ़्तों में वह ख़ारकीएव जैसे शहरों में भी पहुंचे जहां युद्ध अभी भी जारी है.
'यूक्रेन पर बात करते रहें'
इस समय जब यूक्रेनी सेना अग्रिम मोर्चों पर रूसी सैनिकों के साथ संघर्ष कर रही है तब यूक्रेनी राष्ट्रपति ने इस युद्ध को दुनिया की नज़रों से ओझल नहीं होने दिया है.
उन्होंने वैश्विक नेताओं के साथ-साथ अलग-अलग क्षेत्रों की हस्तियों, अमेरिकी छात्रों, अंतरराष्ट्रीय पत्रकारों और दोहा से लेकर दावोस तक व्यापारिक दुनिया के नेताओं से संपर्क बनाया है.
पिछले महीने उन्होंने अचानक कान्स फ़िल्म फेस्टिवल में भाषण देकर सबको चौंका दिया. उनके कई भाषणों के बाद उन्हें स्टेंडिंग ओवेशन यानी लोगों ने अपनी सीटों पर खड़े होकर उन्हें सम्मान दिया.
लॉइंस फ़ेस्टिवल ऑफ़ क्रिएटिविटी में बात करते हुए उन्होंने कहा, "युद्ध के दौरान भी आप में लोगों की आत्मा को छूने की ताक़त है. आप लोगों को उन मुद्दों के बारे में बोलने के लिए प्रेरित करते हैं जिन्हें लोग सामान्य रूप से नज़रअंदाज़ कर देते हैं."
इसके बाद उन्होंने जो कहा वह उनके इस अभियान का सबसे अहम संदेश है.
उन्होंने कहा, "यूक्रेन के बारे में बात करिए, इसे दुनिया की नज़रों से ओझल मत होने दीजिए."
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