भारत की चिंताओं को देखने के बाद रूस ने बदला था अपना फैसला
मॉस्को। रूस की सेना इस समय रावलपिंडी में है और यहां वह पाकिस्तान की सेना के साथ पहली ज्चाइंट मिलिट्री एक्सरसाइज में हिस्सा ले रही है। यह एक्सरसाइज निश्चित तौर पर भारत के लिए एक बड़ा कूटनीतिक झटका है लेकिन इससे भी बड़ा झटका भारत को उस समय लगा जब इस बात की खबर आई कि रूस की सेना पीओके के गिलगित और बाल्टीस्तान में एक्सरसाइज करेगी।
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सेना पहुंचने के पांच घंटे बाद बदला फैसला
रूस और पाक के बीच हो रही इस एक्सरसाइज को 'द्रुजबा 2016' यानी 'फ्रेंडशिप 2016' नाम दिया गया है। उरी आतंकी हमले के बाद इस मिलिट्री एक्सरसाइज के गिलगित-बाल्टीस्तान में होने की खबर ने भारत के कान खड़े कर दिए।
कुछ ही घंटों बार रूस की ओर से जानकारी दी गई कि पीओके स्थित गिलगित-बाल्टीस्तान में एक्सरसाइज करने का उसका कोई इरादा नहीं है।
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सरकारी एजेंसी ने क्या कहा था
वहीं अगर आप रूस की एजेंसी इतरतास की ओर से जारी जानकारी पर नजर डालेंगे तो आपको पता लगेगा कि रूस ने आखिरी मौके पर अपना फैसला बदला था।
इतर तास ने साफ-साफ शब्दों में लिखा था कि एक्सरसाइज पाक आर्मी के स्कूल रात्तू और गिलगित-बाल्टीस्तान में होगी।
पाक की होती रणनीतिक जीत
निश्चित तौर पर यह भारत के लिए बुरी खबर थी। गुरुवार को भारत की ओर से पहले ही कहा गया था कि उसे उम्मीद है कि रूस गिलगित-बाल्टीस्तान में एक्सरसाइज नहीं करेगा क्योंकि यह जम्मू कश्मीर का हिस्सा है और भारत इसे आज तक अपना मानता है।
अगर रूस गिलगिल-बाल्टीस्तान पर एक्सरसाइज के लिए जाता तो पाक के लिए एक बड़ी रणनीतिक जीत की तरह होता। भारत की तरफ से इस ओर तुरंत अपनी चिंताएं बताई गईं।
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दूतावास ने जारी किया बयान
इसके बाद करीब रात 9:30 बजे राजधानी दिल्ली स्थित रूस के दूतावास की ओर से बयान जारी किया। बयान में कहा गया कि मिलिट्री ड्रिल 'गिलगित बाल्टीस्तान जैसी किसी भी संवेदनशील जगह पर नहीं होगी।'
इसके बाद इतर तास की ओर से जारी खबर की पहली कॉपी को एडिट करके नई कॉपी जारी की गई और इसमें दूतावास के बयान के अनुरुप बातें दर्ज थीं।