
Watch Video: विश्व के सबसे सूखे और गर्म स्थान में शामिल, डेथ वैली में जलप्रपात कैसे ? क्या 'प्रलय' की आहट है
कैलिफोर्निया, 13 सितंबर: जलवायु परिवर्तन की वजह से प्रकृति अपना स्वरूप बदलती जा रही है। भारत खुद इसका गवाह है कि जिन राज्यों में मानसून के दौरान बाढ़ आती थी, वहां इस बार सूखा रह गया और जहां कम बारिश होती थी, वहां लोगों को पानी के चलते घरों से निकलना मुश्किल हो चुका है। यह स्थिति पूरी दुनिया में बन रही है। अमेरिका में मौत की घाटी के नाम से मशहूर इलाका इस बदलाव का सबसे भयानक उदाहरण पेश कर रहा है। जहां कभी धरती पर सबसे ज्यादा तापमान रिकॉर्ड किया जाता है, वहां बरसाती जलप्रपात बनने लगे हैं। बात चौंकाने वाली तो है, लेकिन उससे ज्यादा इस संकट पर गंभीरता से विचार करना आवश्यक है।

मौत की घाटी में जलप्रपात
जलवायु परिवर्तन की वजह से दुनिया भर में पैदा हो रहे हालात, बार-बार विनाश की चेतावनी दे रहे हैं। लेकिन, शायद इंसान इसके खतरे से अंजान बना रहना चाहता है। यह प्रलय की आहट नहीं तो और क्या है कि दुनिया की सबसे सूखे और गर्म जगहों में से एक डेथ वैली में जलप्रपात शुरू हो गया है। अमेरिका के कैलिफोर्निया-नेवादा सीमा पर मौजूद इस इलाके को धरती के सबसे गर्म जगहों में शामिल किया जाता है। अमेरिका में 'के' तूफान के चलते इस सूखे इलाके में भी भारी बारिश हुई है जो कि बहुत ही असामान्य है।

56.6 डिग्री सेल्सियस तापमान है दर्ज
डेथ वैली नेशनल पार्क के अधिकारियों ने रविवार को फेसबुक पर लिखा है, 'के तूफान की वजह से स्थानीय स्तर पर पैदा हुई आंधी ने रविवार दोपहर बाद डेथ वैली नेशनल पार्क में भारी नुकसान पहुंचाया है।' न्यूजवीक के मुताबिक डेथ वैली को धरती का सबसे गर्म स्थान माना जाता है, जहां 56.6 डिग्री सेल्सियस का अधिकतम तापमान दर्ज है। यह ऐसा इलाका है जहां साल में सामान्य तौर पर मुश्किल से 2.2 इंच बारिश होती है।

लगभग पूरे साल की बारिश एक बार में!
मौसम में हो रहे 'प्रलयकारी' परिवर्तनों के कारण विश्व भर में बहुत कुछ असामान्य महसूस किया जाने लगा है। अमेरिका के नेशनल ओशीऐनिक ऐटमोस्फेरिक एडिमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) के मुताबिक इस साल अगस्त में डेथ वैली कुछ ही घंटों में साल की तीन-चौथाई बारिश हो गई थी। जबकि, के तूफान की वजह से सितंबर में और बारिश हो गई और मौत की घाटी से जलप्रपात निकलना शुरू हो गया है।

जलवायु परिवर्तन का दिखने लगा है भयानक असर
दुनिया भर के मौसम वैज्ञानिक बार-बार चेतावनी दे रहे हैं कि जलवायु परिवर्तन के प्रभावों की वजह से मौसम की मुश्किल घटनाओं में बढ़ोतरी होगी। जैसे कि तूफान, हीटवेव, जंगल की आग, सूखा, बाढ़ और ओला-वृष्टि। अमेरिका की मौत की घाटी ने अपना जो बदला हुआ रूप दिखाना शुरू किया है, वह भी इसी पर्यावरण संकट का परिणाम माना जा रहा है।

पहले ही जारी की गई थी चेतावनी
डेथ वैली नेशनल पार्क सर्विस ने एक बयान जारी कर कहा कि बाढ़ के पानी के चलते हाइवे 190 का एक हिस्सा गायब हो गया, जो कि डेथ वैली में आने-जाने के लिए मुख्य सड़क है। राहत की बात ये थी कि तूफान आने से एक घंटे पहले ही नेशनल वेदर सर्विस की ओर से चेतावनी जारी हो चुकी थी और इस दौरान रेंजरों को मौका मिला और उन्होंने यहां पहुंचे सैलानियों को निकल जाने के लिए कह दिया था। हालांकि, फिर भी बाढ़ की वजह से काफी गाड़ियां फंस गई थीं, जिसे बाद में निकाल लिया गया। पार्क की कई और सड़कों को बाद में भी बंद ही रखा गया था।
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क्या 'प्रलय' की आहट है
एक स्थानीय चैनल 8 न्यूज नाउ ने डेथ वैली में जलप्रपात का वीडियो शेयर कर लिखा है- 'अद्भुत: डेथ वैली में जलप्रपात! 'के' तूफान के बाद के प्रभावों ने सड़कों पर बाढ़ लाने और नेशनल पार्क में झरने बनाने के लिए पर्याप्त नमी पैदा की है। नेशनल पार्क सर्विस की ओर से शूट किया गया यह वीडियो देखिए।' (पहली दोनों तस्वीर-ट्विटर वीडियो से, बाकी तीनों पिछले महीने के ट्विटर वीडियो से)