बिना एप्पल की मदद लिए अनलॉक हो गया आईफोन
सैन फ्रांसिस्को। अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट की ओर से जानकारी दी गई है कि एफबीआई ने एप्पल की मदद के बिना सैन बर्नारडिनो आतंकी हमले में शामिल सैयद रिजवान फारुख के आईफोन को अनलॉक कर लिया है। इस नए घटनाक्रम के बाद एक बार फिर से टेक्नोलॉजी और प्राइवेसी पर बहस शुरू हो गई है।
आपको बता दें कि एप्पल ने आईफोन को अनलॉक करने से साफ मना कर दिया था। एप्पल का कहना था कि ऐसा करना यूजर्स के साथ धोखा करने जैसा होगा।
फोन अनलॉक करने पर क्या था एप्पल का जवाब
एप्पल ने कोर्ट की ओर से दिए गए आदेश को भी मानने से इंकार कर दिया था। एप्पल के मुताबिक उसे आईफोन का अनलॉक तोड़ने के लिए एक नया सॉफ्टवेयर डेवलप करना पड़ता।
एफबीआई ने जानकारी दी कि उसे रिजवान आईफोन अनलॉक करने के लिए अब एप्पल की मदद की कोई जरूरत नहीं है। अब कोर्ट से उसका आदेश वापस लेने की अपील भी की गई है। दिसंबर 2015 में सैन फ्रांसिस्को के सैन बर्नारडिनो में सैयद रिजवान फारुख और उसकी पत्नी तशफीन मलिक ने फायरिंग 14 लोगों को मार दिया था।
फ्री में आईफोन अनलॉक करने का मिला ऑफर
इस हमले को बाद में आतंकी हमला करार दिया गया था। पुलिस की ओर से जवाबी कार्रवाई में दोनों की मौत हो गई थी।
एफबीआई फारुख के आईफोन डेटा की जांच करना चाहती थी और यह पता लगाना चाहती थी कि क्या उसे इस हमले में किन्हीं और लोगों से मदद तो नहीं मिली थी।
जांच में शामिल अधिकारियों का कहना था कि घटना वाले दिन तशफीन मलिक ने आईएसआईएस के लिए अपना समर्थन सोशल मीडिया पर जाहिर किया था।