एलियंस से धरती पर तबाही का खतरा, अलौकिक शक्तियों से बचने के लिए करनी होगी संधि: हॉवर्ड वैज्ञानिक
प्रोफेसर एवि लोएब ने 'साइंटिफिक अमेरिकन' कहा है कि हमें उन अलौकिकत सभ्यताओं के समझौता करने के लिए तैयार हो जाना चाहिए, जो हमारे मुकाबले काफी ज्यादा शक्तिशाली और उन्नत हैं।
लंदन, मई 26: साल 2017 में एलियंस के धरती पर आने का दावा करने वाले हॉवर्ड यूनिवर्सिटी के प्रमुख वैज्ञानिक एवि लोएब ने एलियंस को लेकर बेहद सनसनीखेज दावा किया है। प्रोफेसर एवि लोएब ने पहले दावा किया था कि 2017 में एलियंस धरती पर आए थे लेकिन वैज्ञानिकों ने एलियंस के धरती पर आने की घटना को नजरअंदाज कर दिया था। प्रोफेसर एवि लोएब के दावे ने पूरी दुनिया में सनसनी फैला दी थी और अब प्रोफेसर एवि लोएब ने एक और दावा किया है। उन्होंने कहा है कि इंसानों को अगर एलियंस से खुद को बचाना है तो हमें उन अलौकिक शक्तियों से समझौता करने के लिए तैयार हो जाना चाहिए। प्रोफेसर एवि लोएब प्रसिद्ध भौतिकशास्त्री स्टीफन हॉकिंग के साथ भी काम कर चुके हैं और उन्होंने काफी सालों के रिसर्च के बाद एलियंस को लेकर दावा किया है।
Recommended Video
अलौकिक शक्तियों से समझौता
प्रोफेसर एवि लोएब ने 'साइंटिफिक अमेरिकन' कहा है कि हमें उन अलौकिकत सभ्यताओं के समझौता करने के लिए तैयार हो जाना चाहिए, जो हमारे मुकाबले काफी ज्यादा शक्तिशाली और उन्नत हैं। प्रोफेसर एवि लोएब ने कहा कि अलौकिक सभ्यता के पास काफी खतरनाक हथियार बनाने की शक्ति है जो किसी पार्टिकिल या किसी ऊर्जा के जरिए अंतरिक्ष से धरती पर भेज सकते हैं। उनके पास इतनी ज्यादा शक्ति हो सकती है कि वो पूरी धरती और पूरी कायनात को जलाने के लिए काफी साबित हो सकते हैं। प्रोफेसर एवि लोएब ने अपनी किताब में लिखा है कि 'दुर्भाग्यवश बुरी खबर ये है कि हमारे पास ऐसी क्षमता नहीं है जिससे हम उनकी चाल को पकड़ सकें और वो भी हमें कोई एडवांस चेतावनी नहीं भेज रहे हैं और अगर हमें किसी संकेत के जरिए हमें चेतावनी भेजता भी है तो उसकी गति प्रकाश की गति से तेज नहीं हो सकती है, जिससे हमें चेतावनी मिल सके।' हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने ब्रह्मांड को बचाने के लिए और ब्रह्मांड के पूरे वातावरण को बचाने के लिए एक सॉल्यूशन जरूर दिया है।
ब्रह्मांड को कैसे बचाएं ?
प्रोफेसर एवि लोएब ने अलौकिक सभ्यताओं के साथ समझौते के लिए जो तरीका सुझाया है, वो समझौता प्रस्ताव करीब करीब अमेरिका और रूस के बीच परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि के समान ही है, जिसपर 1963 में अमेरिका, ब्रिटेन और सोवियत संघ की सरकारों ने हस्ताक्षर कर किए थे। प्रोफेसर एवि लोएब के मुताबिक इंसान इस गाइडलाइंस का इस्तेमाल कर हमारी आकाशगंगा में मौजूद दूसरी काफी उन्नत सभ्यता से संपर्क स्थापित कर ब्रह्मांड में आने वाली किसी तबाही को रोक सकता है। आपको बता दें कि प्रोफेसर लोएब कैम्ब्रीज के मैसाचुएट्स में स्थिति लीग कॉलेज में काफी लंबे वक्त तक अपनी सेवा दे चुके हैं और उन्होंने 2017 में एलियंस के धरती पर आने का दावा कर पूरी दुनिया को सकते में डाल दिया था। वहीं, अब इस बात की काफी संभावना जताई जा रही है कि प्रोफेसर एवि लोएब एलियंस या फिर किसी उन्नत सभ्यता से संपर्क बनाने की कोशिश कर रहे हैं या फिर प्रोफेसर लोएब शायद यह जान गये हैं कि धरती से बाहर किसी उन्नत सभ्यता के पास काफी शक्तिशाली मशीन मौजूद हैं।
'साइंटिफिक अमेरिका' में किया दावा
प्रोफेसर एवि लोएब ने 'साइंटिफिक अमेरिका' में लिखे अपने लेख में लिखा किया है कि 'कल्पना कीजिए कि ब्रह्मांड में कहीं एक उन्नत सभ्यता है, जिसने काफी तेज गति का इलेक्ट्रॉन विकसित कर लिया है जो प्लैंक ऊर्जा पर इलेक्ट्रॉन का टकराव करवाने में सक्षम है, जहां पर गुरुत्वाकर्षण को यांत्रिक ऊर्जा के तौर पर देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि पार्टिकिल एक्सलेटल इलेक्ट्रॉमैग्नेटिक फील्ड का इस्तेमाल किसी दूसरे पार्टिकिल को शूट करने के लिए करता है, और ये एक्शन काफी ज्यादा तेज रफ्तार में अंजाम दिया जाता है, जिसके बारे में वैज्ञानिकों का मत है कि इसका इस्तेमाल डार्क थ्योरो की समझने और टाइम ट्रैवल करने के लिए किया जाता है।
कैसे हमला कर सकती है अलौकिक शक्ति?
वैज्ञानिक लोब ने बताया कि यह संभव है कि भविष्य में एक अनंत दुनिया हमारी तरफ से एक पार्टिकल भेजे। यह एक बुलबुले का तरह होगा, जिसमें अनंत उर्जा होगी। इस एनर्जी को डार्क एनर्जी कहा जा सकता है, क्योंकि इसका नेचर बहुत ही विध्वंसक होगा। उर्जा का यह बुलबुला प्रकाश की रफ्तार से आगे बढ़ेगा और अपने रास्ते में आने वाले हर एक चीज को तबाह कर देगा। अगर धरती भी इसके दायरे में आ जाती है तो हमारा अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है। भविष्य की ऐसी किसी घटना से मानवता और धरती को बचाने के लिए उन्होंने एक समझौता करने की सलाह दी है जिसे 'Planck Collider Treaty' कहते हैं. जिस तरह हम न्यूक्लियर टेस्ट बैन का समझौता करते हैं, प्लैंक समझौता की शर्तें कुछ उसी तरह की होंगी। डॉ लोब ने कहा कि इस तरह का समझौता हमें गैलेक्सी और मिल्की वेब के के अन्य सदस्यों के साथ करना होगा.
किताब में सनसनीखेज दावे
डॉक्टर लोब दुनिया के उनलोगों की जमात में शामिल हैं, जिनका मानना है कि दुनिया में और भी शभ्यताएं मौजूद हैं। खासकर 2017 में Oumuama के सामने आने के बाद से यह धारण प्रबल हो गई है। हाल ही में उन्होंने 'Extraterrestrial: The First Sign of Intelligent Life Beyond Earth' नाम से एक किताब पब्लिश की है। इस किताब में उन्होंने Oumuama को क्षुद्रग्रह की तरह नहीं माना है। उनके कॉन्सेप्ट के हिसाब से Oumuama एक मशीन की तरह है जो अंतरिक्ष जाने के लिए बना है। जनवरी 2021 में एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि था कि Oumuama को सूरत की किरणों से उर्जा मिलती है।
क्या वास्तव में होते हैं एलियंस ?
प्रोफेसल लोएब के 2017 में किए गये दावे से हालांकि विश्व के ज्यादातर वैज्ञानिक सहमत नहीं हुए थे। जिसके बाद उन्होंने एक इंटरव्यू में दावा किया था कि वैज्ञानिकों का सहमत नहीं होना कोई आश्चर्य की बात नहीं है क्योंकि जब गैलीलियो ने पहली बार कहा था कि धरती ब्रह्मांड का केन्द्र नहीं है तो उन्हें भी सजा दी गई थी। आपको बता दें कि कुछ समय पहले इजरायल स्पेस सिक्योरिटी एजेंस के पूर्व प्रमुख हैम इशद ने भी दावा किया था कि एलियन वास्तव में हैं और इजरायल और अमेरिका कई सालों से एलियंस से संपर्क में हैं। उन्होंने ये भी कहा था कि एलियंस ने ही अपनी मौजूदगी की जानकारी सार्वजनिक नहीं करने की सलाह दी थी।
Video: यूएस नेवी पर एलियंस की एयरस्ट्राइक! 90 मिनट से चूका निशाना, रक्षा मंत्रालय ने की पुष्टि