सावधान! कोरोना से जिंदा बचे लोगों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है हेयर डाई, दिखी खतरनाक एलर्जी
लंदन। कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में करोड़ों लोगों को प्रभावित किया है। कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हजारों लोग ठीक होने के बाद भी कई शारीरिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं। हाल ही में कोरोना वायरस के चलते लोगों में एक नई तरह की समस्या देखने को मिली है। जिन लोगों को कोरोना हुआ था, उन्हें एक नए तरह की जानलेवा एलर्जी का सामना करना पड़ रहा है। ये जानलेवा एलर्जी हेयर डाई की वजह से हो रही है।
सैलून मालिकों पर कानूनी कार्रवाई का खतरा
हेयर एंड ब्यूटी प्रोफेशनलों को सर्तक रहने के लिए कहा गया है। वहीं सैलून मालिकों पर कानूनी कार्रवाई का खतरा दिख रहा है। कोरोना वायरस से लंबे समय तक ग्रसित रहे लोगों का मानना है कि, कोरोना वायरस निगेटिव होने के बाद ये एलर्जी बढ़ जाना एक अन्य लक्षण है। हालांकि हालांकि इस सिद्धांत की पुष्टि करने के लिए अभी तक कोई ठोस वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिले हैं। रिसर्च से पता चला है कि, किसी भी गंभीर संक्रमण से जूझ रहे लगभग 15 फीसदी लोगों में वायरस के खतरे के बाद प्रतिरक्षा प्रणाली "ओवर-सिम्युलेटेड" बनी हुई है।
एक सैलून को मरीज के लिए बुलवानी पड़ी थी एंबुलेंस
ब्रिटेन के नेशनल हेयर एंड ब्यूटी फेडरेशन (NHBF) अब सैलून मालिकों से सेफ्टी गाइडेंस का पालन करने का आग्रह कर रहा है। जिसमें कहा गया है कि गंभीर बीमारी के बाद हेयर कलर के कैमिकल लोगों पर 'खतरनाक प्रतिक्रिया' कर सकते हैं। लॉरियल कलर स्पेशलिस्ट चार्लोट बार्कर ने अपना अनुभव साधा करते हुए बताया कि, इस साल के शुरू में मुझे अपने सैलून में एक एंबुलेंस बुलानी पड़ी थी। क्योंकि मेरे एक नियमित ग्राहक को सीरियस रिएक्शन का सामना करना पड़ा था।
अब कस्टमर का स्किन टेस्ट कर रहे हैं सैलून
उन्होंने बताया कि, कस्टमर पर रिएक्शन होते ही मैंने तुरंत रंग हटा दिया और क्लाइंट को एंटीहिस्टामाइन दिया। उनके इस कदम की मेडिकल स्टाफ ने काफी प्रशंसा की थी। बार्कर कहती हैं कि, कोरोना किसी भी अन्य बीमारी की तरह, प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित करता है। हमारे उद्योग में यह बताने के लिए कुछ भी नहीं है कि हमें स्किन टेस्ट की आवश्यकता है या नहीं। हमें अब सर्तक रहना होगा, क्योंकि कई लोगों को पता ही नहीं होता है, कि उन्हें कोरोना हो चुका है।
नए ग्राहकों पर "पैच टेस्ट" कर रहे हैं सैलून
हेयरड्रेसिंग उद्योग को औपचारिक रूप से विनियमित नहीं किया गया है, लेकिन सभी नए ग्राहकों पर "पैच टेस्ट" करने के लिए एक अच्छी एक्सरसाइज है। इसमें कस्टमर की स्किन पर थोड़ी डाई लगाई जाती है। जिससे पता चलता है कि, वह डाई से एलर्जी है या नहीं। एनएचबीएफ ने कहा कि इसे साल में एक बार किया जाना चाहिए जबकि इसे अन्य हर छह महीने में करने की वकालत करते हैं। अधिकांश एलर्जी प्रतिक्रियाएं हल्की होती हैं, लेकिन कभी-कभी तीव्र प्रतिक्रिया जिसे एनाफिलेक्सिस या एनाफिलेक्टिक शॉक कहा जाता है। जो जीवन के लिए खतरा हो सकती हैं।
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