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अमेरिका ने नहीं दिया वीजा, भारत ने भी ठुकराया, जाने मालदीव ही क्यों भागे गोटाबाया राजपक्षे?

श्रीलंका में 19 जुलाई को नये राष्ट्रपति को चुनने के लिए देश की संसद में वोट डाले जाएंगे और अभी तक नया राष्ट्रपति बनने के लिए देश के 6 नेताओं ने अपनी दावेदारी जताई है, लेकिन उनमें से किसी के भी पास बहुमत नहीं है।

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कोलंबो, जुलाई 13: आखिरकार श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने वही किया, जो पिछले साल 15 अगस्त को अफगानिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति अशरफ गनी ने किया था। देश को बीच मंछधार में छोड़कर गोटाबाया राजपक्षे फरार हो गये। अशरफ गनी को लेकर तो माना जा सकता है, कि तालिबान से उनकी जान को खतरा हो सकता था, लेकिन गोटाबाया राजपक्षे के सामने तो ऐसा कोई खतरा नहीं था। लेकिन, देश को बर्बाद करने के लिए, गलत नीतियां बनाने के लिए उनके खिलाफ कोई मुकदमा नहीं चले, इसीलिए वो देश छोड़कर फरार हो गये। यानि, सत्ता की मलाई,जी भर खाई, लेकिन जिम्मेदारी, हवा-हवाई।

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Sri Lanka Crisis | Gotabaya Rajapaksa | Ranil Wickremesinghe | वनइंडिया हिंदी | *International
श्रीलंका में प्रदर्शन को कौन हवा दे रहा है?

श्रीलंका में प्रदर्शन को कौन हवा दे रहा है?

श्रीलंका में भीषण आर्थिक संकट है और देश में पेट्रोल नहीं है और श्रीलंका के पास पेट्रोल खरीदने के लिए पैसे भी नहीं हैं। श्रीलंका के प्रधानंमत्री रानिल विक्रमसिंघे देश को बता चुके हैं, कि श्रीलंका दिवालिया हो चुका है और उन्होंने भी इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया है और इस्तीफा देने का वादा कर राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे मालदीव फरार हो चुके हैं और उनके दुबई जाने की संभावना है। लिहाजा, देश की जनता भारी गुस्से में है और भारी विरोध प्रदर्शन कर रही है, लेकिन देश में विरोध प्रदर्शन को सबसे ज्यादा हवा देश की वामपंथी पार्टियां कर रही हैं, जो लोगों को भड़का रही हैं। दिल खोलकर मदद करने के बाद भी श्रीलंका के वामपंथी पत्रकार भारत के खिलाफ झूठी खबरें फैला रहे हैं, जैसे भारत ने ही गोटाबाया राजपक्षे को श्रीलंका से मालदीव भागने के लिए सुविधाएं मुहैया कराईं, जिसका श्रीलंका में भारतीय उच्चायोग ने कड़े शब्दों में खंडन किया है और इसमें कोई शक नहीं, कि इसके पीछे चीन का हाथ हो सकता है, क्योंकि श्रीलंका की जनता अब समझने लगी है, कि भारत ही श्रीलंका का सच्चा साथी है।

श्रीलंका में नये राष्ट्रपति का चुनाव

श्रीलंका में नये राष्ट्रपति का चुनाव

श्रीलंका में 19 जुलाई को नये राष्ट्रपति को चुनने के लिए देश की संसद में वोट डाले जाएंगे और अभी तक नया राष्ट्रपति बनने के लिए देश के 6 नेताओं ने अपनी दावेदारी जताई है, लेकिन उनमें से किसी के भी पास बहुमत या यहां तक कि अशांत राष्ट्र का नेतृत्व करने की इच्छाशक्ति भी नहीं है। वहीं, पूर्व प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे, जो कि 'बदनाम राजपक्षे' परिवार के बहुत करीबी माने जाते हैं, वो ही आम सहमति के उम्मीदवार बन सकते हैं, क्योंकि उन्हें जाहिर तौर पर पश्चिम का समर्थन प्राप्त है। भले ही श्रीलंका आज खाद्य और ईंधन संकट के साथ एक दिवालिया राष्ट्र है, गोटाबाया राजपक्षे ने अपना पूरा मंगलवार संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए वीजा सुरक्षित करने की कोशिश में बिताया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। गोटाबाया ने श्रीलंका के राष्ट्रपति बनने के लिए अपनी अमेरिकी नागरिकता त्याग दी थी। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, गोटाबाया राजपक्षे ने भारत से भी संपर्क साधने की कोशिश की थी, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ, क्योंकि नई दिल्ली ने साफ तौर पर कह दिया, कि वो श्रीलंका के लोगों के साथ है।

देश में ही रूकने की मिली थी सलाह

देश में ही रूकने की मिली थी सलाह

हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, गोटाबाया राजपक्षे को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से देश में ही रूकने की सलाह मिली थी और देश में रूककर संकट से लड़ने की सलाह दी गई थी, लेकिन, अंतरराष्ट्रीय परामर्श के बावजूद, मंगलवार की रात में गोटाबाया राजपक्षे ने परिवार के साथ श्रीलंका छोड़ दिया और एक घंटे की उड़ान के बाद श्रीलंकन वायुसेना के रूसी एएन-32 विमान में बैठकर मालदीव की राजधानी माले पहुंच गये। जहां, उनका स्वागत मालदीव के स्पीकर मोहम्मद नशीद ने किया, जो खुद 2012 में श्रीलंका भाग कर गए थे और राजपक्षे सरकार ने उन्हें संरक्षण दिया था। स्पीकर स्वागत के लिए इसलिए हवाई अड्डे पर पहुंचे थे, क्योंकि गोटाबाया राजपक्षे आधिकारिक तौर पर अभी भी श्रीलंका के राष्ट्रपति हैं। ऐसी रिपोर्ट है कि, उन्होंने कोलंबो छोड़ने से पहले राष्ट्रपति के रूप में अपने इस्तीफे का पत्र संसद अध्यक्ष को भेजा था, लेकिन अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की गई है।

राजपक्षे परिवार के खिलाफ याचिका

राजपक्षे परिवार के खिलाफ याचिका

हालांकि, गोटाबाया राजपक्षे तो अपनी पत्नी के साथ देश छोड़कर फरार हो गये, लेकिन राजपक्षे परिवार के बाकी सदस्य अभी भी श्रीलंका में ही हैं और श्रीलंकन सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई है, कि राजपक्षे परिवार को देश से बाहर जाने की इजाजत नहीं दी जाए। एक दिन पहले राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के छोटे भाई बासिल राजपक्षे, जो पहले देश के वित्तमंत्री थे, उन्होंने भी देश छोड़कर भागने की कोशिश की थी, लेकिन एयरपोर्ट अधिकारियों के विरोध के बाद उन्हें वापस लौटना पड़ा। वहीं, पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे अभी भी श्रीलंकन नेवी की सुरक्षा में हैं और सबसे छोटा भाई तुलसी राजपक्षे भी श्रीलंकन नेवी की ही सुरक्षा में हैं।

दुबई जाने का है इरादा

दुबई जाने का है इरादा

वहीं, अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, मालदीव में अपने गंतव्य स्थान पर पहुंचने के बाद भी राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे इस्तीफा देंगे और उससे पहले उनके इस्तीफा देने की उम्मीद नहीं है। एक सरकारी सूत्र ने कहा कि राष्ट्रपति के मालदीव से दूसरे एशियाई देश जाने की संभावना है। प्रधानमंत्री कार्यालय के एक सूत्र ने अल जज़ीरा को बताया कि, प्रधानमंत्री के सचिव समन एकनायके को बताया गया है कि राष्ट्रपति सचिवालय को उनका इस्तीफा पत्र मिलना बाकी है। नतीजतन, प्रधान मंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने अस्थायी राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने की कोई तैयारी नहीं की है।

क्या भारत ने श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया को देश से भागने में मदद की? सरकार का आया जवाबक्या भारत ने श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया को देश से भागने में मदद की? सरकार का आया जवाब

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English summary
Srilankan President Gotabaya Rajapaksa has absconded and is now being called the 'Ashraf Ghani' of Sri Lanka.
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