अंतरिक्ष में उठा विशाल सौर तूफान तेजी से पृथ्वी की तरफ बढ़ा, आज टकराने की संभावना, अलर्ट जारी
अंतरिक्ष में उठा सौर तूफान आज पृथ्वी से सीधे तौर पर टकरा सकता है, जिसको लेकर वैज्ञानिकों ने अलर्ट जारी किया है।
न्यूयॉर्क, अक्टूबर 11: अंतरिक्ष में उठा तेज सौर तूफान तेजी से धरती की तरफ बढ़ रहा है और वैज्ञानिकों ने आशंका जताई है कि आज इस तूफान का असर धरती पर दिख सकता है। वैज्ञानिकों ने आधिकारिक तौर पर चेतावनी जारी की है कि धरती पर इस तूफान का असर तेजी से देखे जाने की संभावना है और विश्व के कई हिस्सो में आज बिजली ठप रह सकती है। वहीं, अमेरिकी वैज्ञानिकों ने कहा है कि इस तूफान की सीधी टक्कर हमारी धरती से हो सकता है।
अंतरिक्ष में उठा सौर तूफान
अमेरिकी वैज्ञानिकों ने आशंका जताते हुए कहा है कि इस तूफान की वजह से निकलने वाली नॉर्दर्न लाइट्स को न्यूयॉर्क में देखा जाएगा। यूएस नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) द्वारा एक अलर्ट जारी कर दिया गया है, जिसमें चेतावनी दी गई है कि, भू-चुंबकीय तूफान की वजह से पृथ्वी पर कई हिस्सों में बिजली संकट पैदा हो सकती हो और कई जगहों पर चुंबकीय शक्ति शक्तिशाली होने की वजह से पॉवर ग्रिड भी खराब हो सकते हैं।
सैटेलाइट पर होगा असर
अमेरिकी एजेंसी एनओएए ने अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि, इस तेज रफ्तार सौर तूफान की वजह से कई सैटेलाइट भी खराब हो सकते हैं और कई तरह की गलत जानकारियां दे सकते हैं। जिसका मतलब ये हुआ कि, उन सैटेलाइट्स पर फिर से नियंत्रण हासिल करना होगा और उन्हें ठीक करना होगा। अमेरिकी एजेंसी ने कहा है कि, तूफान का असर बढ़ने की संभावना है और ये बढ़कर जी-2 की श्रेणी में पहुंच सकता है, जो एनओएए एजेंसी के मुताबिक, थोड़ा मजबूत होता है।
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क्या है सौर तूफान क्या है सौर तूफान
आपको बता दें कि, सौर तूफान को लेकर यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निंया की वैज्ञानिक संगीता अब्दू ज्योति ने पिछले दिनों बताया था कि, आने वाल भविष्य में धरती को बड़े सौर तूफान का सामना करना पड़ सकता है। सौर तूफान का मतलब सूरज से निकलने वाला कोरोनल मास है, जो बेहद नुकसानदायक और प्रयलकारी साबित हो सकता है। इस रिपोर्ट के मुताबिक इस सौर तूफान के कारण धरती पर इंटरनेट सर्विस ठप हो सकती है लया कई दिनों तक बंद हो सकती है। इसका असर बिजली आपूर्ति पर भी पड़ सकता है। कई देशों में पावर ग्रिड फेल हो सकते हैं, जिसके कारण उन्हें कई दिनों तक अंधेरे में रहना पड़ सकता है। संगीता ने सिगकॉम 2021 डेटा कम्यूनिकेशन कॉन्फ्रेंस में अपनी स्टडी वैज्ञानिकों को दिखाई , जिसके बाद स वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ गई है।
क्या कहता है वैज्ञानिकों का रिसर्च
संगीता ने अपनी रिसर्च में कहा है कि सौर तूफान के कारण स्थानीय इंटरनट प्रणाली पर कम असर होगा, लेकिन दुनियाभर के समुद्रों में फैली इंटरनेट केबल पर इसका असर पड़ सकता है। शोध के मुताबिक इंटरनेट के फाइबर ऑप्टिक्स पर सौर तूफान के दौरान निकली जियोमैग्नेटिक करंट का सीधा असर नहीं होगा, लेकिन दुनिया के देशों को जोड़ने वाली समुद्री इंटरनेट केबल इससे प्रभावित होगी और जिन देशों ने इन केबल को अपने ऑप्टिक्स से जोड़ा है, वहां कई दिनों तक इंटरनेट सेवा बाधित रह सकती है।
सौर तूफान पर जानकारी कम
शोधकर्ता के मुताबिक सौर तूफान को लेकर हमारी जानकारी कम है और हमारे पास इससे संबंधित डेटा की कमी है, जिसक कारण इसका नुकसान अधिक हो सकता है। शोध के मुताबिक सौर तूफान पावर ग्रिड्स को नुकसान पहुंचाता है। धरती पर आने वाले सौर तूफान की आशंका को देखते हुए दुनिया के कई देशों में ब्लैकआउट का खतरा मंडराने लगा है। दुनिया के कई देश अंधेरे में डूब सकते हैं। इंटरनेट सर्विस को नुकसान पहुंच सकता है। इसका असर नविगेशन, सैटलाइट्स पर पड़ सकता है।
इंटरनेट सर्विस को नुकसान
संगीता ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि दुनिया के देशों को जोड़ने के लिए समुद्री केबल में करंट के बहाव को बनाए रखने के लिए रिपीटर्स लगाए जाते हैं, जो सौर तूफान के लिए काफी सेंसिटिव होता है, यानी अगर सौर तूफान आता है तो ये रिपीटर्स खराब हो सकते हैं और केबल की सप्लाई बाधित हो सकती है। अगर इंटरनेट सर्विस बंद होती है तो हालाकार मच सकता है। इकोनॉमी धड़ाम हो सकती है। कई देशों की अर्थव्यवस्था बर्बाद हो सकती है।
टेलीकॉम सेक्टर्स पर भी असर
उन्होंने कहा कि, अगर तेज सौर तूफान उठता है, तो टेलीकॉम सेक्टर ठप हो सकता है, डिफेंस सेक्टर, आईटी, बैंकिंग सर्विसेस बंद हो सकती है। शोध के मुताबिक सौर तूफान को लेकर कम जानकारी के कारण इसका असर और भी भयानक हो सकता है। संगीता के मुताबिक दुनिया इस सौर तूफान के लिए बिल्कुल तैयार नहीं है, जिसके कारण इसका असर और प्रलरकारी हो सकता है। हम इस बात का अंदाजा भी नहीं लगा सकते है कि अगर इंटरनेट सेवा ठप हुई तो क्या असर होने वाला है। कई देशों की अर्थव्यवस्था बर्बाद हो सकती है।