फ्रांस की राजनीति गरमाई : राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को बड़ा झटका, संसद में खोया बहुमत
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने रविवार को संसद में अपना बहुमत (parliamentary majority) खो दिया है। हालियां, घटनाक्रमों को देखते हुए उनके समर्थन में 200-260 सीटों का ही समर्थन है जो कि बहुमत के 289 सीटों से कम है।
पेरिस, 20 जून: फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने रविवार को संसद में अपना बहुमत (parliamentary majority) खो दिया है। बता दें कि हाल ही में हुए चुनावों में फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों और धुर दक्षिणपंथी नेता ली पेन के बीच कांटे की टक्कर हुई थी। लेकिन इमैनुएल मैक्रों ने ये बाजी जीत ली थी। संसद में बहुमत खोने के बाद मैक्रों अपनी कुर्सी बचाने के लिए एक नए गठबंधन को सोचने पर मजबूर हो गए हैं। क्योंकि सत्ता में बने रहने के लिए अब ये जरूरी हो गया है।
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मैक्रों
के
लिए
चुनौती
का
समय
अब
जब
तक
मैक्रों
अन्य
दलों
के
साथ
गठबंधन
में
सक्षम
नहीं
होते
तब
तक
फ्रांस
में
एक
कमजोर
विधायिका
की
संभावना
बढ़
गई
है।
अभी
तक
रूस-यूक्रेन
युद्ध
को
रोकने
के
लिए
यूरोपीय
संघ
के
प्रमुख
राजनेता
के
रूप
में
एक
महत्वपूर्ण
भूमिका
निभाने
की
कोशिश
करने
वाले
फ्रांस
के
राष्ट्रपति
मैक्रों
अपने
ही
घर
में
घिरते
हुए
दिख
रहे
हैं।
फ्रांस
की
राजनीति
में
भूचाल
मैक्रों
राष्ट्रपति
चुनाव
में
जीत
के
बाद
अपने
सहयोगियों
के
साथ
अगली
नेशनल
असेंबली
में
सबसे
बड़ी
पार्टी
बनाने
की
राह
पर
थे।
लेकिन
हालियां,
घटनाक्रमों
को
देखते
हुए
उनके
समर्थन
में
200-260
सीटों
का
ही
समर्थन
है
जो
कि
बहुमत
के
289
सीटों
से
कम
है।
फ्रांस
के
राष्ट्रपति
ने
कई
चुनावी
वादे
किए
थे
जानकारी
के
मुताबिक
हाल
में
हुए
राष्ट्रपति
चुनाव
में
महंगाई,
रूस
का
यूक्रेन
पर
हमला
और
इस्लाम
बड़ा
मुद्दा
बनकर
उभरे
थे।
मैक्रों
ने
देश
की
जनता
से
कई
सारे
चुनावी
वादे
भी
किए
थे,
जिसमें
पेंशन
की
उम्र
को
62
से
बढ़ाकर
65
वर्ष
करना
और
बेरोजगारों
को
सामाजिक
सुरक्षा
लाभ
देना
था।
लेकिन,
ताजा
घटनाक्रम
ने
राष्ट्रपति
मैक्रों
की
हाल
की
चुनावी
जीत
को
निराशा
में
बदल
कर
रख
दिया
है।
अब
फ्रांस
की
राजनीति
में
आगे
क्या
होगा
और
मैक्रों
आगे
क्या
रूख
अख्तियार
करेंगे
यह
तो
समय
ही
बताएगा।
फिलहाल
उनके
लिए
राजनीतिक
संघर्षों
को
दौर
शुरू
हो
चुका
है।
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