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वैक्सीन के प्रबल विरोधी इस सांसद की कोरोना से हुई मौत, कोविड वैक्सीन के खिलाफ किया था प्रदर्शन

फ्रांसीसी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, सांसद जोस एवरार्ड हर उस सरकारी गाइडलाइंस के प्रमुख आलोचक थे, जिसे कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए अपनाया जाता था।

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पेरिस, जनवरी 08: फ्रांस के प्रसिद्ध सांसद और वैक्सीन के प्रबल विरोधियों में से एक जोस एवरार्ड की कोरोना वायरस से मौत हो गई है। शुक्रवार को फ्रांसीसी सांसद ने सांसद जोस एवरार्ड की कोरोना वायरस से मौत की पुष्टी की है। सांसद जोस एवरार्ड कोरोना वायरस वैक्सीन के सख्त विरोधी थे और वैक्सीन के खिलाफ होने वाले विरोध प्रदर्शन का समर्थन किया करते थे।

सांसद की कोरोना से मौत

सांसद की कोरोना से मौत

फ्रांसीसी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, सांसद जोस एवरार्ड हर उस सरकारी गाइडलाइंस के प्रमुख आलोचक थे, जिसे कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए अपनाया जाता था। हालांकि, अभी तक साफ नहीं हो पाया है कि, सांसद जोस एवरार्ड ने खुद टीका लिया था या नहीं, लेकिन जिस तरह से उन्होंने फ्रांस में वैक्सीनेशन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था और कुछ प्रदर्शनकारियों का समर्थन किया था, उसे देखते हुए इस बात की संभावना काफी कम है, कि उन्होंने वैक्सीन ली होगी। सांसद जोस एवरार्ड 76 साल के थे और पिछले दिनों कोरोना वायरस से संक्रनित हो गये थे।

वैक्सीन के थे प्रबल विरोधी

वैक्सीन के थे प्रबल विरोधी

सांसद जोस एवरार्ड अकसर सोशल मीडिया पर वैक्सीन के खिलाफ लिखते रहते थे और उन प्रदर्शनकारियों का समर्थन करते थे, जो कोविड वैक्सीन का विरोध करते थे। फ्रांस नेशनल असेंबली के अध्यक्ष रिचर्ड फेरैंड ने ट्विटर पर कहा कि, "उनकी पत्नी, उनके बच्चों, उनके रिश्तेदारों, साथ ही उनके सहयोगियों के लिए मैं शोक व्यक्त करता हूं।' सांसद जोस एवरार्ड " उत्तरी फ्रांस में Pas-de- Calais क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते थे और सांसद Evrard उन तीन सांसदों में से एक थे, जो दूर-दराज की पार्टी "डेबाउट ला फ्रांस" (स्टैंड अप, फ्रांस) से ताल्लुक रखते थे। इसके संस्थापक निकोलस ड्यूपॉन्ट-एग्नान फ्रांस के सबसे प्रमुख टीकाकरण विरोधी कार्यकर्ताओं में से एक हैं।

वैक्नीनेशन की जांच की मांग

वैक्नीनेशन की जांच की मांग

पिछले साल अक्टूबर महीने में सांसद जोस एवरार्ड ने एक संसदीय प्रस्ताव पर सह-हस्ताक्षर किए थे, जिसमें जिसमें मांग की गई थी, कि कोविड-19 टीकों के संभावित दुष्प्रभावों को देखने के लिए एक जांच समिति का गठन किया जाए। आपको बता दें कि, एक तरह इस वक्त जहां पूरी दुनिया में ओमिक्रॉन वेरिएंट काफी तेजी से फैल रहा है, वहीं फ्रांस के वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस के एक और वेरिएंट B.1.640.2 की खोज की है और इस वायरस का फिलहाल 'आईएचयू' नाम दिया गया है और फिलहाल इस वेरिएंट को लेकर जांच की जा रही है। फ्रांस दुनिया के उन देशों में से एक है, जहां कोरोना वायरस ने काफी ज्यादा लोगों को परेशान किया है और हजारों लोगों की जान ली है।

फ्रांस में ओमिक्रॉन

फ्रांस में ओमिक्रॉन

इस वक्त फ्रांस में कोरोना वायरस का ओमिक्रॉन वेरिएंट ही सबसे प्रमुख वेरिएंट बना है, जिससे सबसे ज्यादा लोग संक्रमित हो रहे हैं और फ्रांस की सार्वजनिक स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा है कि देश में 62.4 प्रतिशत कोरोना संक्रमण के मामलों में ओमिक्रॉन वेरिएंट ही जिम्मेदार है। फ्रांस में इस वक्त हर दिन डेढ़ लाख से ज्यादा कोविड के नये मरीज मिल हे हैं और देश के स्वास्थ्य मंत्री ओलिवियर वेरन ने संसद को बताया है कि, "कोरोना की लहर वास्तव में जबरदस्त तरीके से आई है और यह बहुत बड़ी है, लेकिन हम घबराने वाले नहीं हैं।" इस उछाल से लड़ने के प्रयास में, फ्रांसीसी सांसदों ने कानून का प्रस्ताव दिया है, जिसके लिए सार्वजनिक स्थानों जैसे बार, रेस्तरां और लंबी दूरी के सार्वजनिक परिवहन में प्रवेश करने के लिए अधिकांश लोगों को कोविड -19 के खिलाफ टीकाकरण की आवश्यकता होगी। फ्रांस में 15 जनवरी से कई तरह के प्रतिबंधों की घोषणा की गई है।

अगला वेरिएंट ज्यादा घातक

अगला वेरिएंट ज्यादा घातक

आपको बता दें कि, क्रैंब्रिज में क्लिनिकल माइक्रोबायोलॉजी के प्रोफेसर रवींद्र गुप्ता की अगुवाई में हाल में ओमिक्रॉन वेरिएंट पर एक शोध किया गया है। शोध में यह पता चला है कि नया वेरिएंट जो अभी यूके में कहर मचाए हुए है और अब भारत में तेजी से फैल रहा है, वह फेफड़ों की कोशिकाओं को कम संक्रमित कर रहा है, लेकिन इससे यह वायरस हल्का पड़ गया है ऐसा नहीं है। गुरुवार को प्रोफेसर गुप्ता ने पीटीआई को एक इंटरव्यू में कहा है, 'यह धारणा है कि समय के साथ वायरस अधिक हल्के होते जाते हैं, लेकिन यहां ऐसा नहीं हो रहा है, क्योंकि ये लंबे समय के लिए विकासवादी रुझान हैं।' उनका कहना है कि खासकर उन इलाकों में भी यह तेजी से फैल रहा है, जहां काफी वैक्सीनेशन हो चुकी है। 'इसलिए मुझे लगता है कि यह एक विकासवादी गलती है। यह जानबूझकर कुछ नहीं है कि वायरस अपनी बायोलॉजी को बदलने की कोशिश कर रहा है। '

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English summary
Anti-vaccine French Lawmaker José Everard died of corona virus infection.
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