क्या श्रीलंका लौटेंगे पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे? शीर्ष सैन्य अधिकारी ने कर दिया बड़ा दावा
कोलंबो, 02 सिंतबरः श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के कल शनिवार को स्वदेश लौटेंगे। शीर्ष रक्षा अधिकारी के मुताबिक फिलहाल वे थाइलैंड में हैं और आज राजधानी कोलंबो पहुंच सकते हैं। हालांकि अन्य मीडिया रिपोर्ट्स में पहले से ही कहा जा रहा था कि शनिवार को राजपक्षे श्रीलंका वापस आ सकते हैं। राजपक्षे फिलहाल निर्वासन झेल रहे हैं।
13 जुलाई को फरार हुए थे राष्ट्रपति
73 वर्षीय गोटबाया राजपक्षे श्रीलंका में अब तक के सबसे बड़े आर्थिक संकट के बीच उनकी सरकार के खिलाफ भड़के विद्रोह के बाद को देश छोड़कर चले गए थे। 13 जुलाई पूर्व राष्ट्रपति 'श्रीलंका एयरफोर्स' के एक विमान से मालदीव गए थे, जहां से उन्होंने 13 जुलाई को अपना इस्तीफा भेज दिया था। इसके बाद वह सिंगापुर गए और वहां कुछ समय रहने के बाद 11 अगस्त को थाईलैंड चले गए थे। यहां उन्होंने अस्थायी रूप से शरण ली थी। थाईलैंड के विदेश मंत्री डी प्रमुद्विनाई ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति राजपक्षे थाइलैंड में 90 दिन तक रह सकते हैं क्योंकि वह अब भी राजनयिक पासपोर्ट धारक हैं।
विक्रमसिंघे ने लौटने से किया था इंकार
गोटाबाया राजपक्षे के अपदस्थ होने के बाद श्रीलंका की संसद ने रानिल विक्रमसिंघे को नया राष्ट्रपति नियुक्त किया था। हाल में ही रानिल विक्रमसिंघे ने कहा था कि राजपक्षे की वतन वापसी के लिए अभी उचित वक्त नहीं है। विक्रमसिंघे ने कहा था कि अगर अभी राजपक्षे देश वापस लौटते हैं तो एक बार फिर प्रदर्शन भड़क सकता है। मीडिया खबर के अनुसार, विक्रमसिंघे ने राजपक्षे की वापसी के प्रबंध कर लिए हैं। राजपक्षे परिवार के नेतृत्व वाली श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना ने गोटबाया की वापसी का प्रबंध करने का अनुरोध किया था।
श्रीलंका को ऋण देने पर सहमत हुआ IMF
उधर, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष आजादी के बाद से सबसे गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका के साथ हुए एक प्रारंभिक समझौते के तहत उसे 2.9 अरब डॉलर का ऋण देने को सहमत हुआ है। आईएमएफ ने एक बयान में कहा कि आईएमएफ और श्रीलंका के अधिकारी संकटग्रस्त देश की आर्थिक नीतियों को समर्थन देने की खातिर कर्मचारी स्तर के समझौते पर सहमत हुए हैं। इस व्यवस्था के तहत विस्तारित कोष सुविधा (ईएफएफ) में 48 महीने की अवधि के दौरान 2.9 अरब डॉलर दिए जाएंगे। इस मदद का उद्देश्य श्रीलंका में व्यापक आर्थिक स्थिरता और ऋण वहनीयता को बहाल करना है और इसके साथ-साथ वित्तीय स्थिरता की रक्षा करना भी है।
श्रीलंका को ऋण का पुनर्गठन करने की जरूरत
आर्थिक मदद देने से पहले आईएमएफ ने श्रीलंका को कई सुधारात्मक कदम उठाने को कहा था। उसने ऋण वहनीयता सुनिश्चित करने और वित्तीय खाई को पाटने में मदद देने के लिए बहुपक्षीय साझेदारों से अतिरिक्त आर्थिक मदद करने और श्रीलंका के कर्जदाताओं से कर्ज राहत देने का आह्वान भी किया था। श्रीलंका को करीब 30 अरब डॉलर के कर्ज का पुनर्गठन करने की जरूरत है। जापान ने भारत और चीन सहित अन्य मुख्य लेनदारों के संग बातचीत का नेतृत्व करने की पेशकश की है। श्रीलंका को अंतर्राष्ट्रीय बैंकों और परिसंपत्ति प्रबंधकों के साथ एक सौदा करने की भी आवश्यकता होगी, जो इसके 19 अरब डॉलर मूल्य के अधिकांश सॉवरेन बॉन्ड को रखे हुए हैं, जिन्हें अब डिफॉल्ट बता दिया गया है।
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