अपनी मां और लिंकन की बाइबिल के साथ शपथ लेंगे डोनाल्ड ट्रंप
दो बाइबिल के साथ शपथ लेंगे नए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप। एक उनकी मां की और दूसरी अब्राहम लिंकन की बाइबिल है। लिंकन की बाइबिल पर ही हाथ रखकर राष्ट्रपति ओबामा ने भी दोनों बार ली थी शपथ।
वाशिंगटन। नए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नवंबर में जब चुनाव जीता था तो हाउस स्पीकर पॉल रेयान और दूसरे रिपब्लिकंस ने कहा था कि ट्रंप शायद अब्राहम लिंकन को भुला देंगे। लेकिन दो माह बाद ही ट्रंप ने उन सभी को गलत साबित कर दिया है। ट्रंप आज जब शपथ लेंगे तो वह लिंकन की बाइबिल पर हाथ रखकर ही शपथ लेंगे।
पहली बार 1861 में प्रयोग हुई बाइबिल
ट्रंप के पास शपथ ग्रहण समारोह के दौरान दो बाइबिल होंगी, पहली उनकी मां की दी हुई और दूसरी अब्राहम लिंकन की। लिंकन की बाइबिल वही बाइबिल है जिस पर हाथ रखकर पहले राष्ट्रपति ओबामा ने वर्ष 2009 में शपथ ली और फिर उन्होंने 2013 में भी इसी बाइबिल पर हाथ रखकर शपथ ली थी। लिंकन की बाइबिल को वर्ष 1861 में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस र्क्लेक विलियम थॉमस कैरोल ने उस समय शपथ ग्रहण के लिए पहली बार प्रयोग किया था जब अमेरिका सिविल वॉर की कगार पर खड़ा था। इस बाइबिल को वेल्वेट के कपड़े से मढ़ा गया है और इसके किनारे पर सोना लगा हुआ। वहीं ट्रंप लिंकन की बाइबिल के अलावा उस बाइबिल का भी प्रयोग करेंगे जो उनकी मां ने उन्हें वर्ष 1955 में तब दी थी जब वह संडे स्कूल से ग्रेजुएट हुए थे। राष्ट्रपति ट्रंप की बाइबिल पर उनका नाम लिखा है और कवर पर कई चर्च लीडर्स के मैसेज हैं।
सिर्फ छह इंच की है बाइबिल
एक बार अमेरिका के चीफ जस्टिस जॉन रॉबर्ट्स जब ट्रंप को शपथ दिला देंगे तब लिंकन की बाइबिल को कांग्रेस की लाइब्रेरी में वापस रख दिया जाएगा। उप-राष्ट्रपति माइकल पेंस उस बाइबिल का प्रयोग अपनी शपथ ग्रहण में करेंगे जो पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन की है। लिंकन के चुनाव के बाद अमेरिका बंटा हुआ नजर आ रहा था। लोगों में डर इतना था कि उन्हें लगने लगा था कि उन पर हमला हो सकता है। लिंकन को चुपचाप व्हाइट हाउस भेजा गया और उनके कोर्ट क्लर्क को बाइबिल खरीदने के लिए भेजा गया जो सिर्फ छह इंच और चार इंच की थी। यह भी पढ़ें-अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की 45 खास बातें