चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग से मुलाकात से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा 'मीटिंग बहुत मुश्किल'
अगले हफ्ते फ्लोरिडा में होगी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात। ट्वीट कर ट्रंप ने कहा यह मुलाकात मुश्किलों से भरी मुलाकात होने वाली है।
वॉशिंगटन। अगले हफ्ते अमेरिका में दो महाशक्तियों के राष्ट्रायक्षों की मुलाकात होने वाली है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करने के लिए यहां पर पहुंचने वाले हैं। छह से सात अप्रैल की इस मीटिंग को ट्रंप ने ट्वीट कर एक मुश्किल मीटिंग कहा गया है।
फ्लोरिडा में होगी मुलाकात
आम तौर पर अमेरिकी राष्ट्रपति आधिकारिक निवास व्हाइट हाउस में किसी राष्ट्राध्यक्ष का स्वागत करते हैं लेकिन ट्रंप चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग का स्वागत अपने फ्लोरिडा वाले रिसॉर्ट में करेंगे। चीन के विदेश मंत्रालय की ओर से गुरुवार को मुलाकात के बारे में ऐलान किया गया है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि व्यापार के कई मुद्दों, नॉर्थ कोरिया और साउथ चाइना सी पर सीमा विवाद के बीच ही यह मुलाकात हो रही है। ट्रंप ने मुलाकात से पहले ही भविष्यवाणी कर दी है कि यह 'मीटिंग एक बहुत मुश्किल मीटिंग' होने वाली है। ट्रंप ने अपनी ट्वीट में लिखा है, 'हमें ज्यादा समय तक बड़े व्यापार और नौकरियों का नुकसान नहीं झेलना पड़ेगा। अमेरिकी कंपनियों को दूसरे विकल्पों के बारे में सोचने के लिए तैयार रहना चाहिए।' चीन ने भी ट्रंप की इस ट्वीट का जवाब दिया है और वह भी बड़े ही डिप्लोमैटिक अंदाज में। चीन के उप-विदेश मंत्री झेहेंग जेगुआंग ने शुक्रवार सुबह पत्रकारों से कहा, 'दोनों पक्ष इस मुलाकात को एक सफल मुलाकात बनते हुए देखना चाहत हैं ताकि द्विपक्षीय संबंध सही दिशा में आगे बढ़ सकें।' उन्होंने आगे कहा कि चीन, अमेरिका के साथ मिलकर काम करता रहेगा ताकि वह और बेहतर सोच सकें और चीन-अमेरिका के बीच व्यापार में एक बड़ा संतुलन बना रहे।
नॉर्थ कोरिया की वजह से झुके हैं ट्रंप
अमेरिका और चीन दुनिया की नंबर 1 और नंबर 2 अर्थव्यवस्था हैं और ट्रंप को चुनावों में मिली जीत के बाद दोनों के रिश्ते काफी अनिश्चित हो गए हैं। ट्रंप ने अपने कैंपेन में चीन पर गलत व्यापार प्रक्रिया आरोप लगाया और कहा कि चीन से आयात होने वाले सामानों पर बहुत ज्यादा टैक्स लगाया जाता है। उन्होंने चीन को करेंसी मैनीपुलेटर तक कह डाला था। अभी यह साफ नहीं है कि क्या ट्रंप किसी खतरे के तहत चीन के साथ वार्ता पर आगे बढ़ेंगे। ट्रंप को नॉर्थ कोरिया के बढ़ते परमाणु हथियारों और मिसाइल प्रोग्राम को बंद करने के लिए अब चीन की मदद चाहिए। चीन, नॉर्थ कोरिया को सबसे अहम डिप्लोमैटिक सपोर्ट और आर्थिक मदद मुहैया कराता है। फरवरी में ट्रंप ने जिनपिंग को कॉल किया था जिसमें उन्होंने वादा किया था कि वह चीन की 'वन चाइना पॉलिसी' का सम्मान करेंगे और उसके साथ ही आगे बढ़ेंगे।