स्टडी में खुलासा- जब घर में कुत्ता हो तो नहीं मचाना चाहिए शोर, जानिए क्यों?
वाशिंगटन, 16 नवंबर। जानवरों के प्रेमी कई लोग अपने घरों में कुत्ता-बिल्ली, या कोई और जानवर पालते हैं। इस दौरान पालतू जानवर भी घर से सदस्यों के साथ इतना घुल-मिल जाता है कि वह भी अपने मालिक के बिना नहीं रह पाता। हालांकि कुछ लोग शौक-शौक में जानवरों को पाल तो लेते हैं लेकिन उनकी देखभाल नहीं कर पाते जिसके चलते बेजुबान को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। हाल ही में सामने आई एक स्टडी के मुताबिक घर में होने वाला शोर कुत्तों में तनाव की वजह बन सकता है।
पालतू कुत्तों को लेकर किया गया शोध
दरअसल, अमेरिका स्थित कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने एक शोध में पाया कि घरेलू शोर जैसे स्मोक डिटेक्टर की बैटरी चेतावनी, बेल, अलार्म, लड़ाई-झगड़े समेत कई हाई और लो फ्रीक्वेंसी वाली आवाजों से पालतू जानवर, खासकर कुत्ते तनावग्रस्त हो जाते हैं। इस रिपोर्ट को फ्रंटियर्स इन वेटरनरी साइंस जर्नल में प्रकाशित किया गया है। जिस तहर इंसानों को तेज आवाज से परेशानी होती है उसी तरह जानवरों को भी होती है।
कुत्ते में तनाव का कारण हो सकता है घरेलू शोर
स्टडी को लेकर छपी रिपोर्ट के मुताबिक अचानक तेज आवाज, जैसे कि आतिशबाजी या गरज कुत्ते में टेंशन को बढ़ाते हैं, इसके अलावा वैक्यूम या माइक्रोवेव की आवाज भी उन्हें परेशान कर सकती है। यूसी डेविस स्कूल ऑफ वेटरनरी मेडिसिन में शोध सहयोगी एम्मा ग्रिग ने कहा, 'हम जानते हैं कि बहुत सारे कुत्ते हैं जिनके पास शोर संवेदनशीलता है, लेकिन हम शोर के प्रति उनकी भयावहता को कम आंकते हैं।'
डॉग्स में तनाव के लक्षण
उन्होंने आगे कहा कि कई कुत्तों के मालिक अपने पालतू की बॉडी लैंग्वेज नहीं पढ़ पाते, जिसकी वजह से उन्हें नहीं पता चलता कि जानवर को किस चीज से दिक्कत हो रही है। ऐसे मामलों में जब कुत्तों को टेंशन होती है तो वह रोने, कंपकंपाने या पीछे हटने जैसी हरकतें करते हैं। हालांकि कई बार कुत्ते ज्यादा प्रतिक्रिया नहीं देते जिससे उनके मालिक समझ नहीं पाते। अगर आपके पास भी कोई कुत्ता है और यह जानना चाहते हैं कि उसे तनाव है या नहीं तो कुत्तों में हमारे द्वारा बताए इशारों को समझें।
386 डॉग्स और उनके मालिकों पर हुई स्टडी
तनावग्रस्त होने पर कुत्ते अपने जबड़ों को फड़फड़ाते हैं, चाटते हैं या फिर अपना सिर दूसरी ओर घुमा सकते हैं। कभी-कभी उनके कान पीछे मुड़ जाते हैं और अपना सिर कंधों के नीचे दबा लेते हैं। एम्मा ग्रिग ने सुधाव दिया को इन इशारों को समझ कर मालिक अपने कुत्ते के बारे में अधिक जान सकते हैं। स्टडी के लिए शोधकर्ताओं ने 386 कुत्ते के मालिकों का उनके कुत्तों की घरेलू आवाजों के रिएक्शन के बारे में एक सर्वेक्षण किया।
कुत्ते के डर को मनोरंजन मानते हैं मालिक
इसके अलावा ऑनलाइन उपलब्ध 62 वीडियो से रिकॉर्ड किए गए कुत्ते के व्यवहार और मानव प्रतिक्रियाओं की जांच की गई। अध्ययन में पाया गया कि मालिकों ने न केवल अपने कुत्तों की भयावहता को कम करके आंका, बल्कि वीडियो में अधिकांश लोगों ने अपने कुत्ते के प्रॉब्लम को समझने की बजाए उसे मनोरंजन के रूप में लिया। एम्मा ग्रिग ने आगे कहा कि कुत्तों में डर को लेकर उनके मालिकों में अगल ही प्रतिक्रिया देखने को मिली। कुत्तों का डरना उन्होंने मनोरंजन के तौर पर लिया।
कुत्तों के लिए दर्दनाक हो सकता है शोर
ग्रिग ने कहा, 'इस स्टडी के सामने आने के बाद हमे उम्मीद है कि पालतू कुत्तों के मालिक अपने घर के शोर को कम करेंगे। उस आवाज को बंद करने की कोशिश करेंगे जो उनके पालतू कुत्ते की तनाव का कारण हो सकता है। ऐसा कर के वह अपने प्यारे कुत्ते के लिए जोखिम कम कर सकते हैं। कुत्तों की सुनने की एक सीरीज होती है, इसलिए कुछ शोर उनके कानों के लिए संभावित रूप से दर्दनाक भी हो सकते हैं। अक्सर कुत्ते उस कमरे से निकल जाते हैं जहां तेज आवाज होती है।'
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