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मोबाइल की वजह से मारे गये 89 सैनिक, अपनी ही आर्मी पर भड़का रूस, दोनेत्स्क कैसे बना कब्रगाह?

पिछले साल 24 फरवरी को रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था और उसके बाद से रूसी सैनिकों पर हुआ ये सबसे विनाशक हमला है, जिसने रूस को हिला दिया है।

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Makiivka missile strike:

Makiivka missile strike: रूसी रक्षा मंत्रालय ने अपने ताजा बयान में कहा है, कि यूक्रेनी मिसाइल हमले में उसके 89 सैनिक मारे गये हैं और इसके लिए रूस ने मोबाइल फोन के अवैध इस्तेमाल को जिम्मेदार ठहराया है। एक दिन पहले रूस ने अपने 63 सैनिकों के एक साथ मारे जाने की पुष्टि की थी, लेकिन आज का नया आंकड़ा रूस की तरफ से 89 का दिया गया है। जबकि, यूक्रेन ने कम से कम 400 रूसी सैनिकों के एक साथ मारे जाने का दावा किया है।

रूसी सैनिकों पर कैसे हुआ खौफनाक हमला?

रूसी सैनिकों पर कैसे हुआ खौफनाक हमला?

एक साथ करीब 100 सैनिकों के मारे जाने के बाद रूस के भीतर से काफी सख्त प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं और पुतिन के आलोचक, यूक्रेन में आधे-अधूरे अभियान की बात कहते हुए सरकार पर सख्त निशाना साध रहे हैं। हालांकि, रूस में सोशल मीडिया पर फूटा लोगों का गुस्सा राष्ट्रपति पुतिन के बजाए सैन्य कमांडरों के ऊपर था, क्योंकि ऐसे आरोप लगे हैं, कि रूसी सैनिकों ने युद्ध के मैदान में भारी लापरवाहियां की हैं, जिनकी वजह से उन्हें जान से हाथ धोना पड़ा है। रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा है, रूस के कब्जे वाली क्षेत्रीय राजधानी डोनेट्स्क के जुड़वा शहर मकीवका में एक मैनेजमेंट कॉलेज को रूसी सैनिकों ने बैरक बना रखा था, जिसे चार यूक्रेनी मिसाइलों के जरिए निशाना बनाया गया है, जिसमें 89 रूसी सैनिक एक साथ मारे गये हैं, जबकि यूक्रेन का दावा 400 सैनिकों के एक साथ मारे जाने की है।

मोबाइल फोन की वजह से हमला

मोबाइल फोन की वजह से हमला

रूसी रक्षा मंत्रालय ने इस भीषण हमले के पीछे अपने सैनिकों के अवैध तरीके से मोबाइल फोन के इस्तेमाल को जिम्मेदार ठहराया है और कहा है, कि इसकी जांच के आदेश दे दिए गये हैं। रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि, "मोबाइल फोन फैक्टर ने दुश्मन को मिसाइल हमले के लिए सैनिकों के सटीक लोकेशन बताए, जिससे दुश्मनों को उन्हें ट्रैक करने और फिर सटीक हमला करने में मदद की।" हालांकि, यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमीर जेलेंस्की, जो हर रात अपने देशवासियों को संबोधित करते हैं, उन्होंने इस हमले का जिक्र नहीं किया है। लेकिन, उन्होंने ये जरूर कहा है, कि यूक्रेन एक बार फिर से बड़े प्रतिरोध के लिए तैयार है। जेलेंस्की ने अपने वीडियो संबोधन में कहा कि,"हमें पूरी उम्मीद है, कि ये युद्ध जीतने के लिए रूस के मौजूदा मास्टर्स, जो कुछ भी उनके पास मौजूद है, वो सबकुछ झोंक देंगे।" उन्होंने कहा कि,"लेकिन, हमें उन्हें रोकना होगा और हम इसकी तैयारी कर रहे हैं। आतंकियों को हारना ही होगा। उनके नये आक्रमण की सारी कोशिशें फेल होनी चाहिए।"

यूक्रेन ने कैसे मचाई तबाही?

यूक्रेन ने कैसे मचाई तबाही?

रूसी सैनिकों पर ये हमला 31 दिसंबर को डोनबास में डोनेट्स्क ओब्लास्ट में स्थिति मकीवका शहर में किया गया था और इस हमले को अंजाम देने के लिए यूक्रेनी सैनिकों ने अमेरिका में बने HIMARS रॉकेटों का इस्तेमाल किया था। यूक्रेन के इस हमले ने रूस को अंदर तक दहला दिया है और रूस की पूरी सैन्य तैयारियों पर ही गंभीर सवाल खड़े हो गये हैं। पिछले साल 24 फरवरी को रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था और पिछले 10 महीनों में रूसी सैनिकों पर हुआ ये सबसे बड़ा हमला है। यूक्रेनी सेना ने अपने एक फेसबुक पोस्ट अपडेट में कहा है, कि उसके हमले में दुश्मन की कम से कम 10 ईकाइयां तबाह हो गई हैं। वहीं, डोनेट्स्क में मौजूद एक वरिष्ठ रूसी अधिकारी डेनियल बेज्सोनोव ने टेलीग्राम पर लिखा है, कि बैरकों के रूप में इस्तेमाल किए जा रहे एक व्यावसायिक स्कूल को "एक बड़ा झटका" दिया गया था, और हमले के बाद वहां पर सिर्फ लाशें ही लाशें और घायल ही घायल पड़े थे।

मौत की संख्या पर अभी भी सस्पेंस

मौत की संख्या पर अभी भी सस्पेंस

न्यूयॉर्क टाइम्स ने यूक्रेन में रहने वाले एक पूर्व रूसी अर्धसैनिक कमांडर, इगोर गिरकिन, जो नॉम डे गुएरे इगोर स्ट्रेलकोव का उपयोग करते हैं, उनके हवाले से कहा है, कि मरने वाले सैनिकों की संख्या कई सौ हो सकते हैं और अभी भी काफी सैनिक मलबे के नीचे फंसे हुए हो सकते हैं। वहीं, द एनवाईटी और द गार्जियन की रिपोर्ट में कहा गया है, कि कथित तौर पर यूक्रेनी हमले के बाद की सैटेलाइट तस्वीरों को ऑनलाइन प्रसारित करते हुए दिखाया गया है, कि एक इमारत लगभग पूरी तरह से नष्ट हो गई है।

काफी खतरनाक है HIMARS मिसाइल सिस्टम

काफी खतरनाक है HIMARS मिसाइल सिस्टम

रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा है, कि चार HIMARS रॉकेटों के जरिए उसके सैन्य परिसर को निशाना बनाया गया है। वहीं न्यूयॉर्क टाइम्स ने कहा है, कि HIMARS हथियार प्रणाली, जो सैटेलाइट गाइडेड रॉकेट सिस्टम के जरिए दुश्मनों पर हमला करता है, वो पश्चिमी देशों के सॉफिस्टिकेटेड हथियारों के जखीरे का हिस्सा है, जिसने यूक्रेन संघर्ष को पूरी तरह से बदलने में मदद की है। अमेरिका ने जून 2022 में कीव को HIMARS प्रणाली की आपूर्ति शुरू की थी, और तब से इसका उपयोग युद्ध की अग्रिम पंक्ति के अलावा पीछे के लक्ष्यों को मारने के लिए किया जा रहा है। इससे पहले भी HIMARS मिसाइल से रूस सैनिकों को भारी नुकसान पहुंचाया जा चुका है।

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English summary
Russia has so far confirmed the death of 89 of its soldiers in Ukraine's attack in Makivka, while Ukraine claims to have killed more than 400 soldiers.
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