पाकिस्तान के समर्थन में चीनी मीडिया ने भारत को अहंकारी बता डाला
बीजिंग। यूएन महासभा में जिस तरह से भारत ने पाकिस्तान के तमाम आरोपों पर जबरदस्त पलटवार किया है उसने ना सिर्फ पाकिस्तान बल्कि चीन भी बौखला गया है। चीनी मीडिया ने पाकिस्तान पर भारत के हमले को अहंकार करार दिया है। चीनी मीडिया ने भारत के यूएन महासभा में पाकिस्तान के खिलाफ जवाब को अंहकार करार देते हुए कहा कि जिस तरह से हाल के दिनों में भारत में आर्थिक विकास हुआ है, उसी के चलते भारत पाकिस्तान को नीचा दिखा रहा है। चीनी मीडिया ने कहा कि भारत के आर्थिक विकास के साथ वैश्विक स्तर पर बेहतर संबंध ने उसे अहंकारी बना दिया है।
भारत के भीतर अहंकार
एक तरफ जहां चीन की मीडिया ने भारत को अहंकार बताया है तो दूसरी तरफ इस बात को भी स्वीकार किया है कि पाकिस्तान में आतंकवाद की समस्या है। यूएन महासभा में भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा था कि एक तरफ जहां भारत आईआईएम, आईआईटी, एम्स और इसरो जैसी संस्थान बनाए हैं तो दूसरी तरफ पाकिस्तान ने लश्कर ए तैयबा, जैश ए मोहम्मद जैसे आतंकी संगठन तैयार किए हैं। सुषमा स्वराज के यूएन में भाषण की पूरे देश में तारीफ हुई थी, ना सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी बल्कि विपक्षी दलों के नेताओं ने भी सुषमा स्वराज के भाषण की तारीफ की थी।
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भारत का रवैया पक्षपातपूर्ण
लेकिन सुषमा स्वराज के बयान को चीनी की सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने पक्षपाती करार देते हुए कहा कि पाकिस्तान में आतंकवाद है, लेकिन साथ क्या आतंकवाद का समर्थन करने किसी देश की राष्ट्रीय नीति हो सकती है, पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन करके क्या हासिल करेगा, पैसा या सम्मान। चीनी मीडिया में छपे एक संपादकीय में भारत के हाल के आर्थिक विकास और कई देशों के साथ बेहतर रिश्तों का जिक्र करते हुए कहा गया है कि यही वजह है जिसकी वजह से भारत के अंदर अहंकार दिख रहा है। जिसके चलते वो ना सिर्फ पाकिस्तान को नीचा दिखा रहा है, बल्कि चीन के साथ भी अहंकार दिखा रहा है।
भारत को लगता है पाकिस्तान डर जाएगा
चीनी मीडिया ने लिखा है कि अगर भारत को लगता है कि पाकिस्तान अपने पड़ोसी देशों से डर जाएगा और अमेरिका और अन्य यूररोपीय देशों के प्रभाव में आ जाएगा। भारत को मतभेद बढ़ाने का रास्ता नहीं अख्तियार करना चाहिए बल्कि उसे दोस्ताना व्यवहार करना चाहिए, साथ ही पाकिस्तान का भी सम्मान करना चाहिए। गौरतलब है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने भारत के जम्मू कश्मीर का जिक्र करते हुए कहा था कि भारत यहां मानवाधिकारों का हनन कर रहा है, जिसके जवाब में सुषमा स्वराज ने कहा था कि जो देश आतंकवाद को शरण देते हैं उनसे हमें किसी भी तरह के मानवाधिकार पर भाषण की जरूरत नहीं है।