LAC पर फिर बढ़ा तनाव, सीमा के काफी करीब उड़ रहे हैं चीनी फाइटर जेट्स, IAF ने भेजा राफेल
सरकारी सूत्रों ने बताया कि, किसी भी तरह की चीनी खतरों से निपटने के लिए भारतीय वायुसेना ने एडवांस लड़ाकू विमानों के साथ पूरी तरह से तैयार बैठी हुई है और ऐसा लग रहा है, कि चीन की सेना टेंशन में है।
नई दिल्ली, जुलाई 24: चीन भारत के साथ भी पूर्वी लद्दाख में ताइवान वाला खेल खेलने लगा है, लेकिन चीन भूल जाता है, कि भारत ताइवान नहीं है। कोर कमांडर स्तर की बातचीत के बाद भी चीनी लड़ाकू जेट पूर्वी लद्दाख में तैनात भारतीय बलों को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं और वो वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के काफी करीब उड़ान भर रहे हैं। चीनी विमान पिछले तीन से चार हफ्तों में नियमित रूप से एलएसी के करीब उड़ान भर रहे हैं और माना जा रहा है, कि चीन भारतीय क्षेत्र में सैनिकों की मौजूदगी के साथ साथ इंडियन आर्मी की तैयारियों का जायजा लेने की कोशिश कर रहा है।
भारतीय सेना दे रही है जवाब
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय वायु सेना बहुत जिम्मेदारी से स्थिति का जवाब दे रही है और खतरे से निपटने के लिए कोई मौका नहीं ले रही है और साथ ही मामले को किसी भी तरह से बढ़ने नहीं दे रही है। सरकारी सूत्रों ने एएनआई को बताया कि, "J-11 सहित चीनी लड़ाकू जेट वास्तविक नियंत्रण रेखा के करीब उड़ान भरते रहते हैं। हाल के दिनों में इस क्षेत्र में कई बार 10 किलोमीटर कॉन्फिडेंस बिल्डिंग मेजर (सीबीएम) लाइन के उल्लंघन के मामले सामने आए हैं।" भारत के सरकारी सूत्रों ने एएनआई से कहा कि, भारतीय वायु सेना ने इन उकसावे का जवाब देने के लिए कड़े कदम उठाए हैं और भारतीय वायुसेना ने अपने मिग-29 और मिराज 2000 सहित अपने सबसे शक्तिशाली लड़ाकू विमानों को एडवांस ठिकानों पर भेज दिया है, जहां से वे मिनटों में चीनी गतिविधियों का जवाब दे सकते हैं।
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भारतीय वायुसेना गहराई से कर रही है निगरानी
रिपोर्ट के मुताबिक, सरकारी सूत्रों ने बताया कि, किसी भी तरह की चीनी खतरों से निपटने के लिए भारतीय वायुसेना ने एडवांस लड़ाकू विमानों के साथ पूरी तरह से तैयार बैठी हुई है और ऐसा लग रहा है, कि चीन की सेना, लद्दाख सेक्टर में भारतीय वायुसेना के बुनियादी इन्फ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड करने के बाद से टेंशन में है। भारतीय वायु सेना ने अपने अड्डों को काफी अपग्रेड कर दिया है और इसके जरिए भारतीय वायुसेना अपने नियंत्रण वाले क्षेत्रों से ही ना सिर्फ लगातार चीनी गतिविधियों की निगरानी करते रहते हैं, बल्कि वो किसी भी वक्त चीन की वायुसेना को करार जवाब दे सकते हैं।
चीनी पैटर्न पर एयरफोर्स की नजर
भारत की आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि, भारतीय वायुसेना इन कार्रवाइयों का एक कैलिब्रेटेड तरीके से जवाब दे रही है और उस क्षेत्र में चीनी उड़ान पैटर्न पर भी कड़ी नजर रख रही है जहां वे कम और उच्च ऊंचाई दोनों पर उड़ रहे हैं। अप्रैल-मई 2020 की समय सीमा में एलएसी पर चीन द्वारा एकतरफा रूप से यथास्थिति को बदलने की कोशिश की गई थी, जिसके बाद से भारत भी लद्दाख में अपने सैन्य बुनियादी ढांचे को एडवांस करने के लिए बहुत तेज गति से काम कर रहा है और इंडियन आर्मी ने पूर्वी लद्दाख में काफी तेजी से अपने इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास किया है, जिसके बाद अब चीन के लिए मामला उल्टा पड़ गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी लड़ाकू विमानों द्वारा उकसावे की शुरुआत 24-25 जून के आसपास हुई है, जब एक चीनी लड़ाकू विमान ने पूर्वी लद्दाख में एक तनाव वाले जगह के बहुत करीब से उड़ान भरी। उसके बाद, चुमार सेक्टर के पास एलएसी के साथ दोनों पक्षों के बीच सीबीएम के कई उल्लंघन हुए और तब से यह लगातार चल रहा है।
इंडियन एयरफोर्स की क्या है तैयारी?
भारत सरकार के सूत्रों ने कहा कि, भारतीय वायुसेना अपने फाइटर जेट्स के साथ लगातार पूर्वी लद्दाख में उड़ान भर रही है, जिनमें राफेल फाइटर जेट्स भी शामिल हैं, जो लगातार उड़ान भर रही हैं, और ये उत्तरी सीमाओं के पास अंबाला में अपने घरेलू अड्डे से बहुत कम समय में लद्दाख पहुंच सकते हैं। सूत्रों ने बताया कि, 17 जुलाई को चुशुल मोल्दो सीमा बैठक स्थल पर हुई कोर कमांडर वार्ता के दौरान भी इस मामले को कथित तौर पर चर्चा के लिए उठाया गया था। IAF प्रमुख एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी ने हाल ही में एक इंटरव्यू में एएनआई को बताया था कि, "जब भी हम पाते हैं कि चीनी विमान या दूर से चलने वाले विमान प्रणाली (RPAS) LAC के थोड़ा बहुत करीब आ रहे हैं, तो हम अपने लड़ाकू विमानों को एक्टिल कर देते हैं और हमने लगातार अपने सिस्टम को हाई अलर्ट पर रखा हुआ है। इसने उन्हें काफी हद तक डरा दिया है।"
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