रूस की राह पर चीन! ताइवान और गुआम पर हमले की कर रहा तैयारी
सेटेलाइट इमेज से पता चलता है कि चीन, झिंजियांग के रिमोट एरिया तकलामाकन में एक प्रशिक्षण शिविर चला रहा है। जहां रेगिस्तान में नौसैनिक एक नकली जहाज के लेआउट के साथ युद्धाभ्यास कर रहे हैं।
वाशिंगटन 13 मईः हाल में ही जारी की गई उपग्रह तस्वीरों के मुताबिक, चीन ने अपने जहाज रोधी मिसाइल प्रशिक्षण में बड़े, वाहक आकार के लक्ष्यों को छोटे जहाजों और नौसैनिक स्टेशनों को टार्गेट करते हुए अभ्यास शुरू कर दिया है। यह जानकारी सैटेलाइट द्वारा ली गई तस्वीरों से मिली है। ताइपे स्थित नौसेना विश्लेषक के अनुसार, सेटेलाइट इमेज से पता चलता है कि चीन, झिंजियांग के रिमोट एरिया तकलामाकन में एक प्रशिक्षण शिविर चला रहा है। इसमें साफ जाहिर है कि एक नौसैनिक अड्डे में लंगर डाले एक नकली जहाज है और वह लक्ष्यों पर हमला कर रहा है। यह अभ्यास ऐसे लेआउट को तैयार कर किया जा रहा है, जैसा कि वास्तव में पूर्वोत्तर ताइवान और गुआम में बने हुए हैं।
2025 तक ताइवान पर कब्जा कर लेगा चीन
यूएस नेवल इंस्टीट्यूट (यूएसएनआई) समाचार के मुताबिक, नई उपग्रह तस्वीरें दिखाती हैं कि चीन, बड़े पैमाने पर मॉडल विध्वंसक टार्गेट विकसित कर रहा है। ताइवान के रक्षा मंत्री शियु कुओ-चेंग पहले भी कह चुके हैं कि चीन ताइवन पर हमले की योजना बना रहा है और साल 2025 तक वह इस देश पर पूरी तरह कब्जा करने में सक्षम हो जाएगा। बता दें कि चीन ताइवान पर अपना दावा करता है। हालांकि, दोनों ही देशों में सात दशक से अधिक समय से अलग-अलग सरकारें शासन कर रही हैं।
चीन मानता है अपना हिस्सा
चीन और ताइवान के बीच का संघर्ष साल 1949 में शुरू हुआ था। गृहयुद्ध के दौरान चीन से ताइवान अलग हो गया था। लेकिन चीन, ताइवान को अभी भी अपना हिस्सा मानता है। चीन का मानना है कि वो सिर्फ एक विद्रोही प्रांत है। चीन न सिर्फ ताइवान को हिस्सा मानता है बल्कि खुलकर उस पर नियंत्रण की बात और दावा करता है। हालांकि ताइवान के नेताओं का मानना है कि उनका देश एक आजाद देश है।
अमेरिका का नेवी बेस है गुआम
गुआम 1950 में आधिकारिक रूप से अमरीकी क्षेत्र बना और यह अमरीका के डिपार्टमेंट ऑफ नेवी के अंतर्गत आता है। गुआम में अमरीकी नेवी का एक बेस है। यहां अमरीकी एयरफोर्स का एंडरसन एयरफोर्स बेस है। एंडरसन एयरफोर्स, ताइवान के उत्तर-पूर्व में स्थित हैं। अमरीकी एयरफोर्स बेस पर बी-52 बमवर्षक और लड़ाकू विमान तैनात हैं। अमरीकी नेवी बेस द्वीप के दक्षिणी-पश्चिमी हिस्से में है। यहां परमाणु शक्ति से लैस युद्धपोत तैनात हैं।