खतरनाक एचएफसी को बैन करके ग्लोबम वॉर्मिंग पर लगेगी लगाम
न्यूयॉर्क। शुक्रवार को सौ देशों ने हाइड्रो फ्लोरो कार्बन या एचएफसी जो कि जलवायु परिवर्तन रोकने के लिए एक अहम कारक मन जा रहा है, को चरण बाढ़ तरीके से निष्कासित करने और उसको पूरे तरह पर्तिबंधित करने के लिए एक तारीख सुनिचित करने पर सहमति जताई है।
यह फैसला, अमेरिका के शहर न्यूयॉर्क में मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल में संशोधन को अपनाने के लिए हो ने वाली आगामी अंतरराष्ट्रीय वार्ता को गति प्रदान करने के इरादे से आयोजित सभी देशों कि एक बैठक में लिया गया।
मिलेंगे 80 मिलियन डॉलर
इस कार्य के लिए लिए विकसित देशों के एक समूह ने उन देशों के लिए जिन्हें आर्थिक मदद की जरुरत है 80 मिलियन डॉलर मुहैया कराने की घोषणा की है।
वहीं अमेरिका, जापान, जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन, इटली, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, नीदरलैंड, स्विट्जरलैंड, स्वीडन, नार्वे, डेनमार्क, फिनलैंड, आयरलैंड और न्यूजीलैंड ने अतिरिक्त 27 मिलियन अमरीकी डालर की सहायता राशी मुहैया करने के लिए सहमति दी है।
500 से ज्यादा पैरोकार
मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल पर अगली बैठक 14 अक्टूबर को किगाली, रवांडा में होगी जहां पर मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल पारित होने की संभावना है।
500 से अधिक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों और संगठन अपनी सरकारों से व्यक्तिगत रूप से या उनके संगठनों के माध्यम से - मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल के लिए एक महत्वाकांक्षी संशोधन के लिए पैरवी कर रहे हैं।
क्यों खतरनाक है एचएफसी
गौरतलब है कि एचएफसी का उपयोग विशेष रूप से विकासशील देशों में एयर कंडीशनिंग, रेफ्रिजरेशन और अन्य क्षेत्रों में तेजी से बढ़ रहा है। पर हाल ही में यह पता लगा कि एचएफसी में छोटे हीट ट्रैपिंग पंच पैक है।
एचएफसी से ओजोन छरण रोकने में तो मदद मिली लेकिन जलवायु पर एचएफसी का प्रभाव कार्बन डाइऑक्साइड की तुलना में हजारों गुना अधिक है।
ग्लोबल वॉर्मिंग के लिए नुकसान
ऐसे में अगर एचएफसी इसी तरह बढ़ती रही, तो यह हमारे ग्लोबल वार्मिंग को दो डिग्री नीचे लाने के पेरिस लक्ष्य को पूरा करने में बाधा बनेंगे।
एक समय एयर कंडीशनिंग और रेफ्रीजिरेशन में प्रयोग होने वाले रसायन क्लोरोफ्लोरोकार्बन (सीएफसी) के दुष्प्रभाव के चलते ओजोन परत छरण की बात पता चली। इसके बाद दुनिया के 191 देशों के नेताओं ने एकजुट होकर 1987 में एक साथ सीएफसी को चरणबध तरीके से निष्कासित करने का फैसला किया।
क्या है मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल
मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल दुनिया की सबसे सफल पर्यावरण संधि है इसके माध्यम से, पृथ्वी पर हर देश ने ओजोन को नष्ट करने वाले फ्रीजिंग रसायन के रूप में उपयोग किए जा रहे क्लोरोफ्लोरोकार्बन (सीऍफ़सी) के उत्पादन और आयात का सफाया कर दिया और इसकी जगह फ्रीजिंग रसायन के रूप में हाइड्रोक्लोरोफ्लोरोकार्बन (एचएफसी) का उपयोग होने लगा जो ओजोन को नष्ट नहीं करते हैं।