यूक्रेन-रूस संकट का असरः ब्रिटेन में बस 9 दिन के लिए बची थी गैस, लेना पड़ा ये बड़ा फैसला
ब्रिटिश गैस ने चेतावनी दी है कि ब्रिटेन में अब बस 9 दिन के लिए जितना ही गैस मौजूद है। इसके बाद ऊर्जा सेवा कंपनी ने अपने गैस भंडार को खोल दिया है।
रूस-यूक्रेन के बीच हुए जंग में यूरोपीय देश बुरी तरह पिसते नजर आ रहे हैं। पश्चिमी देशों द्वारा रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों का नुकसान अब खुद उन्हें ही को महंगा पड़ रहा है। ब्रिटेन में ऊर्जा सेवा मुहैया कराने वाली कंपनी ब्रिटिश गैस ने चेतावनी दी है कि ब्रिटेन में अब बस 9 दिन के लिए जितना ही गैस मौजूद है। आपको बता दें कि ब्रिटेन, रूस पर ऊर्जा सेवाओं के लिए निर्भर नहीं है फिर भी उसे इस युद्ध का नुकसान उठाना पड़ रहा है, क्योंकि पश्चिमी प्रतिबंधों के कारण यूरोपीय देशों के पास विकल्प कम हो चुके हैं।
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फ्रांस, जर्मनी की तुलना में ब्रिटेन की स्थिति खराब
सेंट्रिका ने कहा कि यूरोपीय देशों की तुलना में ब्रिटेन में गैस भंडारण सबसे निम्नतम स्तर पर है। जर्मनी में 89 दिन, फ्रांस में 103 दिन और नीदरलैंड में 123 दिनों तक के लिए गैस भंडार है। डेनमार्क और बेल्जियम में भी स्थिति ब्रिटेन जैसी ही है। यहां भी दस से कम दिनों तक के लिए गैस बची हुई है। स्थिति को देखते हुए ब्रिटिश गैस-मालिक सेंट्रिका ने सर्दियों में यूके की आपूर्ति को बढ़ावा देने के लिए अपनी विशाल गैस भंडारण सुविधा को फिर से खोल दिया है। इस कदम से यूके की गैस क्षमता 50% तक बढ़ जाने की उम्मीद है।
ऊर्जा सुरक्षा के लिए उठाए जाएंगे और कदम
ऊर्जा फर्म ने कहा कि इस कदम से ब्रिटेन के लोगों को ठंड के महीने में सस्ती दर पर गैस मिल पाएगी और वे ठंड के महीने के लिए गैस को स्टोर कर पाएंगे। सेंट्रिका ने कहा कि गैस भंडारण सुविधा को फिर से खोलना "ऊर्जा सुरक्षा के लिए एकमात्र उपाय नहीं है। बल्कि यह कई कदमों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो इस सर्दी में ब्रिटेन की मदद के लिए उठाए जा सकते हैं।" कंपनी ने कहा कि उनका दीर्घकालिक उद्देश्य यूके की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करना, 2035 तक शुद्ध शून्य बिजली प्रणाली प्रदान करना, यूके के औद्योगिक समूहों जैसे कि हंबर क्षेत्र को 2040 तक डीकार्बोनाइज करना है।
कुछ यूरोपीय देशों में बरकरार है बिजली संकट
सेंट्रिका के फैसले से जहां यूके को राहत मिली है वहीं, बेल्जियम और डेनमार्क जैसे देशों में अभी भी संकट बरकरार है।इससे पहले नेशनल ग्रिड ईएसओ द्वारा चेतावनी दी गई थी कि अगर इस सर्दी में गैस की कमी होती है तो ब्रिटेन को तीन घंटे की नियोजित बिजली कटौती का सामना करना पड़ सकता है। दरअसल रूस-यूक्रेन संकट के दौरान यूरोपीय संघ के देश गैस खरीदने की होड़ में डूब गए थे, जिससे सर्दियों के लिए उनके भंडारण टैंक लगभग 95% तक भर गए।
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