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मोदी से मीटिंग से पहले ब्रिटेन ने खोला दिल, भारत भेजेगा एक हजार वेंटिलेटर्स, मदद के लिए स्पेशल टीम का गठन

कोरोना संकट से जूझ रहे भारत की मदद के लिए ब्रिटेन ने एक हजार वेंटिलेटर्स भारत भेजने का फैसला किया है। इसी हफ्ते भारतीय पीएम नरेन्द्र मोदी और ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन भी वर्चुअल मीटिंग करेंगे।

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लंदन/नई दिल्ली, मई 03: इसी हफ्ते भारतीय प्रधानमत्री नरेन्द्र मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की वर्चुअल मीटिंग होने वाली है। लेकिन उससे पहले रविवार को ब्रिटेन ने घोषणा की है कि भारत के अस्पतालों की मदद के लिए वो एक हजार वेंटिलेटर्स और भेजेगा। ब्रिटेन ने कहा है कि कोरोना वायरस से लड़ाई में वो भारत की हर संभव मदद करता रहेगा और इस खेप में ब्रिटेन ने भारत में एक हजार वेंटिलेटर्स भेजने का फैसला लिया है। इससे पहले पिछले हफ्ते ब्रिटेन ने भारत को इमरजेंसी आधार पर 200 वेंटिलेटर्स. 495 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स और तीन ऑक्सीजन जेनरेटर्स की सप्लाई की थी और अब आने वाले वक्त में ब्रिटेन एक हजार वेंटिलेटर्स और भारत भेजने वाला है।

भारत को ब्रिटिश मदद

भारत को ब्रिटिश मदद

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा है कि 'हमने पिछले कुछ दिनों में भारत की कई ऐसी तस्वीरें देखी हैं, जो विचलित करने वाली हैं, जिसने ब्रिटेन को भारत के और करीब कर दिया है और ब्रिटिश नागरिक चाहते हैं कि हम भारच की पूरी मदद करें।' ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि 'मैं काफी गर्व महसूस कर रहा हूं कि ब्रिटेन के लोगों ने भारत के लिए ये मदद देने का फैसला किया है और ब्रिटिश सरकार भी अपने तरीके से भारत की मदद कर कर रही है, ताकि भारत में जिंदगियां बचाई जा सके। जरूरत के वक्त में ब्रिटेन हर समय भारत की मदद के लिए खड़ा रहेगा।' ब्रिटिश प्रधानमंत्री के अलावा ब्रिटेन के चीफ मेडिकल एडवाइजर क्रिस विट्टी और चीफ साइंटिफिक एडवाइजर पेट्रिक वेलेंस भी लगातार भारतीय रणनीतिकारों के संपर्क में हैं और लगातार कोविड-19 संकट से निपटने और कैसे जिंदगियों को बचाया जाए, इसको लेकर सलाह मशविरा कर रहे हैं।

मेडिकल ग्रुप का निर्माण

मेडिकल ग्रुप का निर्माण

इसके साथ ही ब्रिटेन के एनएचएस ने खास तौर पर भारत के लिए मेडिकल एडवाइजरी ग्रुप का निर्माण तिया है, जिसे इंग्लैंड के चीफ पीपल ऑफिसर प्रेरणा इस्सार लीड कर रही हैं। ब्रिटिश सरकार द्वारा बनाया गया ये ग्रुप डायरेक्ट भारत के एम्स जैसे संस्थानों से बात कर मदद मुहैया कराता है। इस ग्रुप में विश्वविख्यात रिसर्चर, ग्लोबल हेल्थ रिसर्चर,नर्सिंग और मेडिकल स्टाफ शामिल हैं, जिन्हें भारतीय हेल्थकेयर सिस्टम के बारे में भी पता है। ब्रिटेन के विदेश सचिव डोमिनिक राब ने कहा कि 'इस ग्रुप का निर्माण फौरन तौर पर भारत की मदद के लिए किया गया है खासकर मरीजों को मिलने वाली ऑक्सीजन को लेकर। हम इस वक्त अपने भारतीय दोस्तों की हर संभव मदद करना चाहते हैं। हमें कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए एक साथ आकर सामुहिक लड़ाई लड़ने की जरूरत है। इस महामारी से कोई तब तक सुरक्षित नहीं हो सकता है, जबतक की हम सुरक्षित नहीं हो सकते हैं'

पीएम मोदी-बोरिस जॉनसन की बैठक

पीएम मोदी-बोरिस जॉनसन की बैठक

आपको बता दें कि इस मंगलवार भारतीय प्रानमंत्री नरेन्द्र मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की वर्चुअल बैठक होने वाली है। हांलांकि इस बैठक के लिए बोरिस जॉनसन पहले खुद भारत के दौरे पर आने वाले थे, लेकिन भारत में अचानक कोविड-19 के बढ़ते मामलों को लेकर उनका भारत दौरा कैंसिल हो गया था। अब दोनों देशों के प्रधानमंत्री वर्चपअल बैठक में हिस्सा लेंगे। इस बैठक के दौरान दोनों देशों के बीच ग्लोबल पार्टनरशिप, क्षेत्रीय शांति, कोविड-19, इंडो-पैसिफिक, चीन, द्विपक्षीय संबंधों पर महत्वपूर्ण बात होने वाली है। खासकर कोरोना वायरस और चीन का मुद्दा दोनों देशों के बीच मुख्य मुद्दा रहेगा।

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English summary
Britain has decided to send one thousand ventilators to India to help India struggling with the Corona crisis. This week Indian PM Narendra Modi and British PM Boris Johnson will also hold virtual meetings.
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