भूटान ने भारत से निभाई दोस्ती, पाकिस्तान को दिया बड़ा झटका
नई दिल्ली। भारत से अपनी दोस्ती निभाते हुए भूटान ने पाकिस्तान में होने वाले सार्क (SAARC) सम्मेलन में न शामिल होने का फैसला लिया है। भारत की ओर से सम्मेलन का बहिष्कार किए जाने के बाद भूटान ने कहा कि मौजूदा हालात में सार्क सम्मेलन आयोजित किया जाना उपयुक्त नहीं है।
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माना जा रहा है कि भूटान ने उरी हमले के बाद भारत की ओर से पाकिस्तान के कड़े विरोध और आतंकवाद के मसले पर अंतरराष्ट्रीय स्तर में घेरने की कोशिश का समर्थन किया है। भूटान ने सार्क के मौजूदा अध्यक्ष नेपाल से कहा, 'बिगड़े माहौल और अशांति के बारे में भारत, बांग्लादेश और अफगानिस्तान की चिंताएं वाजिब हैं। भारत के राष्ट्रीय हित जहां भी होगा हम समर्थन करेंगे।'
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भूटान
ने
निभाई
थी
बड़ी
भूमिका
बता
दें
कि
भूटान
ने
2003
में
उल्फा
(ULFA),
कामतापुर
लिबरेशन
ऑर्गेनाइजेशन
(KLO)
और
नेशनल
डेमोक्रेटिक
फ्रंट
ऑफ
बोडोलैंड
(NDFB)
के
शिविरों
को
नष्ट
करने
में
अहम
भूमिका
निभाई
थी।
ये
सभी
शिविर
सुरक्षा
के
लिहाज
से
भारत
के
लिए
बड़ा
खतरा
थे।
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पांच
देशों
ने
किया
था
इनकार
इस
साल
नवंबर
में
सार्क
सम्मेलन
पाकिस्तान
के
इस्लामाबाद
में
प्रस्तावित
था,
लेकिन
उरी
आर्मी
बेस
पर
हुए
आतंकी
हमले
के
बाद
भारत
में
इसमें
न
शामिल
होने
का
फैसला
लिया।
भारत
के
फैसले
का
समर्थन
करते
हुए
बांग्लादेश,
भूटान,
अफगानिस्तान
और
श्रीलंका
ने
भी
सार्क
में
हिस्सा
न
लेने
का
ऐलान
किया
था।
पांच
देशों
के
फैसले
के
बाद
सम्मेलन
को
स्थगित
करना
पड़ा।
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