क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

म्यांमार से फिर भाग रहे रोहिंग्या मुसलमान, बांग्लादेश की सीमा पर गोलीबारी के बाद हालात तनावपूर्ण

बांग्लादेश के गृहमंत्री ने कहा कि, "चूंकि हम संघर्ष नहीं चाहते हैं, इसीलिए म्यांमार के साथ शांतिपूर्ण समाधान खोजने के लिए हमारे प्रयास चल रहे हैं। हम सब कुछ करेंगे।"

Google Oneindia News

ढाका, सितंबर 18: भारत के दो पड़ोसी देशों के बीच हालात काफी तनावपूर्ण हो गये हैं और म्यांमार की तरफ से दागे गये मोर्टार हमले में बांग्लादेश में एक शख्स की मौत हो गई है, जबकि 6 लोग गंभीर घायल हो गये हैं। जिसके बाद दोनों पड़ोसी देश आमने सामने हैं और बांग्लादेश के गृहमंत्रक्षी ने चेतावनी देते हुए कहा है कि, हम यु्द्ध नहीं चाहते हैं। वहीं, बांग्लादेश की तरफ से कहा गया है, कि म्यांमार को संयम बरतना चाहिए।

बांग्लादेश ने दी धमकी

बांग्लादेश ने दी धमकी

बांग्लादेश ने शनिवार को म्यांमार से संयम बरतने को कहा है और दोनों देशों के बीच स्थिति तनावपूर्ण है। बांग्लादेश ने म्यांमार से कहा है, कि वो युद्ध नहीं चाहता है और म्यांमार को संयम बरतना चाहिए, लेकिन अगर बांग्लादेश की तरफ से फिर से गोलीबारी की जाती है, तो फिर संयुक्त राष्ट्र को इसकी जानकारी दी जाएगी। बांग्लादेश के गृहमंत्री असदुज्जमां खान कमाल ने कहा कि, बांग्लादेश युद्ध नहीं चाहता है, लेकिन म्यांमार की गोलीबारी ने रोहिंग्या मुसलमानों को खौफ में डाल दिया है। उन्होंने कहा कि, अगर म्यांमार बांग्लादेश सीमा के पास गोलीबारी बंद नहीं करता है तो बांग्लादेश संयुक्त राष्ट्र को सूचित करेगा और "हमने विदेश मंत्रालय के माध्यम से म्यांमार को बार-बार चेतावनी दी है, लेकिन उन्होंने चेतावनियों पर ध्यान नहीं दिया"। उन्होंने कहा कि, बांग्लादेश म्यांमार के साथ शांति से मुद्दों को सुलझाना चाहता है और उम्मीद करता है कि पड़ोसी को अपनी गलती का एहसास होगा और भविष्य में ऐसा कुछ भी करने से बचना चाहिए जो द्विपक्षीय संबंधों को बाधित करे।

म्यांमार के साथ क्यों है तनाव

म्यांमार के साथ क्यों है तनाव

बांग्लादेश के गृहमंत्री ने कहा कि, "चूंकि हम संघर्ष नहीं चाहते हैं, इसीलिए म्यांमार के साथ शांतिपूर्ण समाधान खोजने के लिए हमारे प्रयास चल रहे हैं। हम सब कुछ करेंगे।" कमाल ने कहा कि, अराकान लिबरेशन आर्मी जैसे विद्रोही समूहों के साथ अपने आंतरिक संघर्ष के लिए म्यांमार की कार्रवाई को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि, "कभी-कभी म्यांमार सेना और अराकान के बीच अच्छे संबंध देखे गए, कभी-कभी यह अज्ञात कारणों से युद्ध में बदल गया। लेकिन निश्चित रूप से, उनका युद्ध उनकी सीमाओं के भीतर ही रहना चाहिए।" कमल ने कहा कि, ढाका देख रहा है कि म्यांमार की सेनाएं भारत की मिजोरम सीमाओं और थाईलैंड और चीन के साथ सीमाओं पर अपने स्वयं के विद्रोही समूहों के साथ इसी तरह की संघर्ष में लगी हुई थीं, लेकिन "उनके देश (म्यांमार) में संघर्ष उनकी सीमाओं के भीतर ही रहना चाहिए"।

बांग्लादेश ने सीमा पर बढ़ाए सैनिक

बांग्लादेश ने सीमा पर बढ़ाए सैनिक

वहीं, तनाव बढ़ने के बाद बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश ने हालिया गोलाबारी के बाद सीमा के पास गश्त और निगरानी बढ़ा दी है। म्यांमार के साथ सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच रोहिंग्याओं को बांग्लादेश में प्रवेश करने से रोकने के लिए बीजीबी और तटरक्षक बल अलर्ट पर हैं। गृहमंत्री ने कहा कि, सीमा के जरिए बांग्लादेश में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे रोहिंग्याओं को वापस म्यांमार भेजा जा रहा है। असदुज्जमां खान कमल ने मीडिया से कहा कि, "कल (शुक्रवार) जीरो लाइन पर एक रोहिंग्या परिवार था... हमने यह भी देखा कि (म्यांमार से) मोर्टार फायरिंग में एक व्यक्ति की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।" आपको बता दें कि, बांग्लादेश-म्यांमार सीमा पर एक महीने से अधिक समय से जारी तनाव के कारण रोहिंग्याओं की बांग्लादेश में घुसपैठ बढ़ रही है। स्थानीय सूत्रों ने पुष्टि की कि 10 सितंबर से कम से कम 10-15 रोहिंग्याओं ने कॉक्स बाजार में कुटुपलोंग और बालूखली आश्रय शिविरों में शरण ली है।

म्यांमार से फिर भाग रहे रोहिंग्या

म्यांमार से फिर भाग रहे रोहिंग्या

आपको बता दें कि, म्यांमार से एक बार फिर से रोहिंग्या मुसलमानों का पलायन शुरू हो गया है और भारत में भी रोहिंग्या मुसलमानों की एंट्री शुरू हो गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, मिजोरम की सीमा के स्थित जिला लवंगतलाई में रोहिंग्या मुसलमान पहुंचे हैं कई परिवार नफ नदी को पार कर हाल के हफ्तों में बांग्लादेश की सीमा में प्रवेश कर रहे हैं। बुथिदौंग के 11 अन्य लोगों के साथ 40 वर्षीय अबू वाडा ने 10 सितंबर को कॉक्स बाजार के उखिया के कुटुपलोंग में मदुरचोरा कैंप -1 में शरण ली थी। बांग्लादेशी सरकार के मुताबिक, तीन और परिवारों ने पिछले कुछ हफ्तों में बुथिदौंग से बांग्लादेश में प्रवेश किया है और कॉक्स बाजार में रोहिंग्या शिविर में अपने रिश्तेदार के घर में शरण ली है।

रोहिंग्या परिवारों ने क्या कहा?

रोहिंग्या परिवारों ने क्या कहा?

बांग्लादेशी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीमा पार से आने वाले रोहिंग्या मुसलमानों का कहना है कि, "सेना और स्थानीय बौद्धों ने हम पर हमला किया और हमें माउंगडॉ जाने और देश से भागने के लिए कहा। हम जान जाने के डर से तुरंत वहां से भाग गए हैं।" रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने पहले कुटुपलोंग शिविर में शरण ली, लेकिन जैसे ही कानून लागू करने वालों ने उनकी तलाश शुरू की, वे दूसरे शिविर में चले गए। हालांकि, उन्होंने उस शिविर का खुलासा नहीं किया जहां उन्हें रखा गया है। बांग्लादेश में कुटुपलोंग रजिस्टर्ड शिविर के शिविर 2ई के प्रभारी मोहम्मद अख्तर हुसैन ने रोहिंग्याओं के वहां शरण लेने के बारे में पूछे जाने पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। वहीं, बांग्लादेश की सरकार ने कहा है कि, पहले ही उनके देश में भारी संख्या में रोहिंग्या मौजूद हैं, जिससे देश के ऊपर भारी प्रेशर है। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पिछले दिनों कहा था, कि रोहिंग्या शरणार्थी देश में कानून व्यवस्था को खराब कर रहे हैं, वो चोरी, डकैती और ड्रग्स तस्करी में शामिल हो रहे हैं।

बाइडेन और पाकिस्तान की खतरनाक जुगलबंदी, क्या धोखा खाने से पहले हो जाना चाहिए भारत को सतर्क?बाइडेन और पाकिस्तान की खतरनाक जुगलबंदी, क्या धोखा खाने से पहले हो जाना चाहिए भारत को सतर्क?

Comments
English summary
The situation between Bangladesh and Myanmar is very tense and the Bangladeshi Home Minister has asked Myanmar to exercise restraint.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X