ऑस्ट्रेलियाई कोर्ट ने ‘ISIS की दुल्हन’ को दी सशर्त जमानत, आराम की जिंदगी छोड़ पति के साथ गई सीरिया
जिस जगह को सरकार ने ब्लैक लिस्ट कर रखा है, ऑस्ट्रेलिया का कानून लोगों को उन क्षेत्रों में प्रवेश करने या रहने के लिए अपराध मानता है। इसके लिए 10 साल तक की सजा हो सकती है।
File Image: ANI
ऑस्ट्रेलिया की एक अदालत ने 'ISIS की दुल्हन' के नाम से चर्चित महिला मरियम राद को सशर्त जमानत दे दी है। मरियम पर इस्लामिक स्टेट के कब्जे वाले सीरिया के क्षेत्रों में प्रवेश करने और वहां पति के साथ रहने का आरोप है। जिस जगह को सरकार ने ब्लैक लिस्ट कर रखा है, ऑस्ट्रेलिया का कानून लोगों को उन क्षेत्रों में प्रवेश करने या रहने के लिए अपराध मानता है। इसके लिए 10 साल तक की सजा हो सकती है।
अदालत ने मरियम राद को शुक्रवार को जमानत देते हुए अपना पासपोर्ट जमा करने, हर सोमवार पुलिस को रिपोर्ट करने और विस्फोटक, हथियार, आतंकवादी हमलों, आतंकवादी संगठनों या सशस्त्र संघर्षों से संबंधित किसी भी गतिविधियों से दूर रहने की सलाह दी है। बीते गुरुवार को पुलिस ने 31 वर्षीय मरियम राद को गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस का आरोप है कि वह स्वेच्छा से 2014 में पति जहाब के साथ सीरिया गई हुई थी। इस दौरान उस महिला को अच्छी तरह से पता था कि उसका पति एक आतंकी संगठनका सक्रिय सदस्य है।
राद को पुलिस ने यंग शहर में उसके घर पर छापेमारी के बाद गिरफ्तार किया गया था। द ऑस्ट्रेलियन की रिपोर्ट के मुताबिक, 16 अन्य महिलाओं के साथ वापस लौटने के तीन महीने बाद ही उनकी गिरफ्तारी हुई है। मरियम स्वदेश लौटने से पहले सीरिया के अल रोज में विस्थापित व्यक्तियों के शिविर में रही थी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मरियम के पति जहाब की सीरिया में 2018 में एक हवाई हमले में मौत हो चुकी है। कोर्ट ने मामले पर अगली सुनवाई के लिए 15 मार्च की तिथि निर्धारित की है।
इससे पहले फरवरी 2021 में यूके की सुप्रीम कोर्ट ने भी इसी से मिलते-जुलते केस में एक चर्चित फैसला सुनाया था। 'जिहादी दुल्हन' शमीमा बेगम नाम की एक महिला अपनी ब्रिटिश नागरिकता रद्द करने के खिलाफ अपील करने के लिए ब्रिटेन वापस आना चाहती थी जिसे अदालत ने ठुकरा दिया था। शमीमा बांग्लादेशी मूल की ब्रिटिश महिला थी। वह 15 साल की उम्र में 2015 में सीरिया में आतंकवादी संगठन आईएसआईएस में शामिल होने के लिए दो स्कूली दोस्तों के साथ ब्रिटेन से सीरिया चली गई थी। उत्तरी सीरियाई शरणार्थी शिविर में उसके पाए जाने के बाद 19 फरवरी, 2019 को ब्रिटेन के तत्कालीन गृह सचिव साजिद जाविद द्वारा उनकी ब्रिटिश नागरिकता रद्द कर दी गई थी। फिलहाल वह उत्तरी सीरिया में किसी कैंप में रहती है।
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