अशरफ गनी ने फेसबुक से की तालिबान को मान्यता देने की अपील, ट्विटर पर कहा, अकाउंट हो गया हैक
अशरफ गनी के फेसबुक से तालिबान को मान्यता देने की अपील की गई है, जिसपर अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति ने कहा है कि उनका फेसबुक अकाउंट हैक कर लिया गया है।
काबुल, सितंबर 27: अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी के एक फेसबुक पोस्ट को देखकर पूरी दुनिया चौंक गई। अशरफ गनी के फेसबुक पेज से एक पोस्ट किया गया, जिसमें कहा गया कि वो दुनिया से अपील करते हैं कि तालिबान को मान्यता दे दे, लेकिन फिर ट्विटर पर आकर उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि उनका फेसबुक अकाउंट हैक कर लिया गया है।
फेसबुक से मान्यता देने की अपील
अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी का आधिकारिक फेसबुक पेज हैक कर लिया गया है। अशरफ गनी ने एक ट्वीट के जरिए पुष्टि की कि किसी ने उनके फेसबुक अकाउंट को किसी ने हैक कर लिया है और उससे कुछ ऐसे पोस्ट किए गये हैं, जो उनके विचार नहीं हैं। अशरफ गनी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, ''अर्जेंट, डॉ. मोहम्मद अशरफ गनी का आधिकारिक फेसबुक पेज कल से हैक कर लिया गया है। इस पेज पर प्रकाशित कोई भी सामग्री तब तक मान्य नहीं है जब तक कि पेज को पुनः प्राप्त नहीं किया जाता।" अश्वका न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, अज्ञात हैकर ने अशरफ गनी के फेसबुक प्रोफाइल से एक संदेश पोस्ट किया था, जिसमें अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अफगानिस्तान में नई तालिबान सरकार को मान्यता देने की अपील की गई थी।
देश छोड़ चुके हैं अशरफ गनी
आपको बता दें कि, अशरफ गनी, अपने शीर्ष मंत्रियों के साथ, उस दिन अफगानिस्तान से भाग गए थे, जिस दिन तालिबान ने काबुल पर कब्जा कर लिया था और फिर पूरे अफगानिस्तान को अपने नियंत्रण में ले लिया था। इस बीच, तालिबान अंतरराष्ट्रीय मान्यता के लिए होड़ कर रहा है। हाल ही में तालिबान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अफगानिस्तान का प्रतिनिधित्व करने के अधिकार का दावा किया। हालांकि, अधिकांश देश संशय में रहे हैं और अभी तक अफगानिस्तान में तालिबान सरकार को मान्यता नहीं दी है।
अशरफ गनी पर लगा था आरोप
आपको बता दें कि, अशरफ गनी के देश छोड़ने के बाद कहा गया था कि वो कई बक्शों में नकदी भरकर अपने हेलीकॉप्टर में ले गए हैं। हालांकि, अशरफ गनी ने अफगानिस्तान छोड़ने के 24 दिन बाद इस पर अपनी सफाई दे दी थी। एक बयान जारी करते हुए उन्होंने कहा था कि उन पर लगाए गए लाखों डॉलर लेकर भागने के आरोप बेबुनियाद और मनगढ़ंत हैं। अशरफ गनी ने अपने बयान में कहा था कि ''कई मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि काबुल से निकलते वक्त मैं लाखों डॉलर अपने साथ लाया। ये आरोप पूरी तरह से गलत हैं, मैं अफगान के लोगों का कोई पैसा अपने साथ नहीं लाया। इन बातों में किसी तरह की कोई सच्चाई नहीं है।'' आपको बता दें कि, अफगानिस्तान छोड़ने के बाद अशरफ गनी कहां है, इसकी कोई खबर नहीं है। कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है वो संयुक्त अरब अमीरात में हैं।
भागने पर दी थी सफाई
अफगानिस्तान से भागने को लेकर अशरफ गनी की गई लोगों ने काफी आलोचना की थी, जिसको लेकर उन्होंने कहा था कि वो अपनी जान बचाने के लिए अफगानिस्तान से भागे हैं। एक वीडियो मैसेज जारी कर उन्होंने कहा था कि, काबुल को तालिबान ने घेर लिया था और वह रक्तपात को रोकने के लिए देश छोड़कर भागकर चले गए। अशरफ गनी ने कहा था कि अगर वह काबुल से नहीं भागते तो उनका भी हाल अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नजीबुल्लाह की तरह होता। उन्होंने कहा था कि, सुरक्षा अधिकारी मुझे बार-बार चेतावनी दे रहे थे, आगाह कर रहे थे कि तालिबान मेरा भी वही हाल करना चाहते हैं, जो उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नजीबुल्लाह का किया था। इसलिए मैं बिना किसी सामान को लिए वहां से जल्दी निकल गया।''
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