
पूर्वी लद्दाख सेक्टर में गोगरा हाइट्स से पीछे हटे चीनी सैनिक, क्या अब तनाव खत्म हो जाएंगे?
नई दिल्ली/ बीजिंग, 13 सितंबर : भारत और चीन की सेनाओं ने आज पूर्वी लद्दाख सेक्टर में पेट्रोलिंग पॉइंट-15 के पास गोगरा हाइट्स-हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र से हटने की प्रक्रिया पूरी कर ली है। सरकारी सूत्र के अनुसार, दोनों पक्षों ने एक-दूसरे की स्थिति का सत्यापन भी पूरा कर लिया है। भारत और चीन के बीच कई दशकों से सीमा विवाद चला आ रहा है। बता दें कि, 2020 में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत, चीन की सेनाओं के बीच गतिरोध बढ़ने से दोनों देशों के बीच संबंध काफी बिगड़ गए थे।

फ्रिक्शन प्वाइंट से सैनिकों की वापसी
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, भारत और चीन की सेनाओं ने मंगलवार को पूर्वी लद्दाख सेक्टर में पेट्रोलिंग प्वाइंट-15 के पास गोगरा हाइट्स-हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र में विघटन प्रक्रिया पूरी कर ली। भारत और चीन के बीच कई दशकों से सीमा विवाद चला आ रहा है। बता दें कि, 2020 में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत, चीन की सेनाओं के बीच गतिरोध बढ़ने से दोनों देशों के बीच संबंध काफी बिगड़ गए थे। दोनों देशों के बीच यह सीमा विवाद गलवान घाटी, गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र के पेट्रोलिंग प्वाइंट 15 (PP-15), डेमचोक और देपसांग तक है। सरकारी सूत्र के मुताबिक, भारत, चीन के बीच 16वें दौर की बातचीत के बाद पूर्वी लद्दाख में गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स एरिया में पेट्रोलिंग प्वाइंट15 (PP-15) से दोनों देशों की सेनाएं पीछे हट गईं हैं।

भारत-चीन के बीच बनी सहमति
दोनों पक्षों ने फ्रिक्शन प्वाइंट से सैनिकों को वापस लाने के लिए एक दूसरे की स्थिति अनुकूलक का सत्यापन भी पूरा कर लिया है। बता दें कि दोनों देशों की सेनाओं ने आठ सितंबर को ऐलान किया था कि उन्होंने पीपी-15 से सेनाएं हटाना शुरू कर दिया है। मई 2020 में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की घुसपैठ के बाद दोनों देशों के बीच हॉट स्प्रिंग्स का पेट्रोलिंग प्वाइंट15 (पीपी15), गोगरा पोस्ट के पास पीपी17ए, गलवान घाटी के पास पीपी14 और पैंगोंग त्सो झील का उत्तरी किनारे के लेकर तनातनी काफी बढ़ गई थी। चीनी सैनिक एलएसी में घुसपैठ कर पीपी15 और पीपी17ए सहित इन प्वाइंट्स में दाखिल हुए थे। इसके बाद भारत और चीन के बीच भारी गतिरोध पैदा हुआ था।

गलवान घाटी में दोनों पक्षों को हुआ था भारी नुकसान
बता दें कि, जून 2020 में गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे जबकि चीन के 30 जवान मारे जाने की सूचना मिली थी। हालांकि, चीन का दावा कुछ और ही था, उसने भारत के दावों को खारिज कर दिया था। वहीं, पीपी15 और पीपी17ए उस क्षेत्र में स्थित हैं, जहां भारत और चीन के बीच बड़े पैमाने पर एलएसी अलाइनमेंट पर सहमति बनी है।

दोनों देशों के बीच अब क्या तनाव कम होंगे?
2020 की घटना के बाद चीन की सेना ने हॉट स्प्रिंग्स-गोगरा क्षेत्र में तैनाती काफी बढ़ गई थी। अब हॉट स्प्रिंग्स-गोगरा क्षेत्र से दोनों देशों (चीन-भारत) की सेनाएं हटने से चीन के साथ भारत का तनाव कम होगा ही साथ ही आधिकारिक तौर पर 2020 में चीन की सेना की तरफ से खड़े किए गए सभी नए फ्रिक्शन प्वाइंट पर गतिरोध खत्म होगा।