अमेरिका-चीन के बीच बढ़ा तनाव, चेंगदू में कोंसुलेट को छोड़ेगा US
बीजिंग। अमेरिका और चीन के बीच तनाव लगातार बढ़ता ही जा रहा है। अमेरिका चीन पर लगातार जुबानी हमले कर रहा है। हाल ही में अमेरिका ने टेक्सस स्थित ह्यूस्टन में चीन के कोंसुलेट को बंद कर दिया था, जिसके जवाब में चीन ने चेंगदू में अमेरिका के दूतावास को बंद करने का फैसला लिया है। रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका आज अपने मिशन को यहां खत्म करके वापस स्वदेश लौटेगा। चेंगदू में अमेरिकी मिशन के दफ्तर के बाहर अमेरिका का झंडा आधा झुका है।
अमेरिका लगातार चीन पर हमलावर
अमेरिकी मिशन के सामने स्थानीय लोगों की काफी भीड़ है, लोगों के हाथ में चीन का झंडा है और लोग अमेरिकी मिशन के सामने खड़े होकर सेल्फी ले रहे हैं। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने कहा था कि अमेरिका ने चीन के कोंसुलेट को इसलिए बंद करने का फैसला लिया क्योंकि बीजिंग बौद्धिक संपत्ति की चोरी कर रहा था। वहीं चीन के विदेश मंत्री वैंग बेनबिन ने इसके जवाब में कहा था कि अमेरिका का यह कदम चीन विरोधी झूठ के प्रचार पर आधारित है।
चेंगदू
में
बिगड़े
हालात
चेंगदू
की
बात
करें
तो
चीन
की
मीडिया
के
अनुसार
कई
यूएस
कोंसुलेट
से
कई
गाड़ियां,
अमेरिकी
डिप्लोमैट
को
जाते
हुए
दिखाया
जा
रहा
है।
दर्जनों
चीनी
पुलिसकर्मियों
को
यहां
तैनात
किया
गया
है।
यहां
लोगों
की
भीड़
से
अपील
की
जा
रही
है
कि
वह
यहां
इकट्ठा
ना
हो
और
किसी
भी
तरह
से
भड़काने
का
काम
मनहीं
करें।
लेकिन
इस
दौरान
भीड़
की
ओर
से
नारेबाजी
को
सुना
जा
सकता
है।
बता
दें
कि
चेंदगू
कोंसुलेट
की
स्थापना
1985
में
हुई
थी।
यहां
तकरीबन
200
कर्मचारी
तैनात
थे।
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क्यों
बिगड़े
अमेरिका-चीन
के
रिश्ते
बता
दें
कि
पिछले
कुछ
समय
से
चीन
और
अमेरिका
के
बीच
आपसी
संबंध
बिगड़ते
जा
रहे
हैं।
अमेरिका
के
राष्ट्रपति
डोनाल्ड
ट्रंप
कई
बार
चीन
के
खिलाफ
बयान
दे
चुके
हैं।
वह
कोरोना
वायरस
के
संक्रमण
के
लिए
चीन
को
जिम्मेदार
ठहरा
चुके
हैं।
इसके
अलावा
ट्रेड
डील
को
लेकर
भी
दोनों
देशों
के
बीच
काफी
तकरार
देखने
को
मिली
है।
इसके
अलावा
अमेरिका
ने
हॉन्गकॉन्ग
में
नए
कानून
का
भी
खुला
विरोध
किया
था।
पिछले
हफ्ते
की
बात
करें
तो
सिंगापुर
के
एक
व्यक्ति
ने
यूएस
की
कोर्ट
में
कबूल
किया
है
कि
वह
चीन
के
एजेंट
के
तौर
पर
काम
कर
रहा
था।
यही
नहीं
चीनी
व्यक्ति
को
अमेरिका
के
वीजा
के
फर्जीवाड़े
का
भी
दोषी
करार
दिया
गया
था
और
कहा
गया
था
कि
इस
व्यक्ति
ने
कथित
तौर
पर
यह
झूठ
कहा
था
कि
उसने
चीन
की
सेना
में
काम
नहीं
किया
था।
इन
तमाम
मुद्दों
के
चलते
पिछले
कुछ
समय
में
अमेरिका
और
चीन
के
बीच
रिश्ते
काफी
ज्यादा
बिगड़े
हैं।
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