Alien News: एलियंस की जानकारी हुई लीक तो दुनिया की अर्थव्यवस्था कर जाएगी क्रैश, बड़ी चेतावनी
पीआरजी के मुताबिक, एलियंस के विमान, जिन्हें हम यूएफओ कहते हैं, वो उड़ान भरने के लिए पारंपरिक इंधन का इस्तेमाल नहीं करते हैं, जो हमारी अर्थव्यवस्था को चलाते हैं।
Alien News: एलियंस को लेकर अकसर दावे होते रहते हैं, लेकिन अभी तक सार्वजनिक तौर पर सबूतों के साथ पुख्ता तरीके से नहीं कहा गया है, कि एलियंस असल में होते हैं या नहीं। हालांकि, दुनियाभर के कई वैज्ञानिक एलियंस के होने या फिर उनके नहीं होने को लेकर कई रिपोर्ट जारी कर चुके हैं। लेकिन, अब अमेरिका के एक लॉबिस्ट ने चेतावनी जारी की है, कि यदि एलियंस को लेकर जानकारियां सार्वजनिक कर दी जाएं, तो फिर उसका अंजाम काफी घातक होगा और दुनियाभर की अर्थव्यवस्था क्रैश कर जाएगी।
एलियंस को लेकर चेतावनी
वॉशिंगटन में रहने वाले एक लॉबिस्ट के मुताबिक, यदि सभी यूएफओ डेटा जारी कर दिए गए तो पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो जाएगी। वाशिंगटन में एक लॉबिस्ट और पैराडाइम रिसर्च ग्रुप (पीआरजी) के प्रमुख स्टीफन बैसेट का मानना है कि, अमेरिकी सरकार के पास गुप्त तौर पर एलियंस टेक्नोलॉजी मौजूद है, लेकिन वो इससे संबंधित किसी भी जानकारी को सार्वजनिक नहीं कर रही है। स्टीफन बैसेट का ये भी मानना है, कि अगर यूएफओ से संबंधित जानकारी सार्वजनिक की जाती है, तो फिर दुनियाभर में छिपकर रहने वाले अलौकिक लोगों की मौजूदगी के बारे में लोगों को पता चल जाएगा।
कौन हैं स्टीफन बैसेट?
स्टीफन बैसेट ने साल 1996 में पैराडाइम रिसर्च ग्रुप (पीआरजी) की स्थापना की थी, जिसका मकसद अमेरिकी सरकार पर प्रेशर बनाकर इंसानों से छिपाई गई उन रहस्यमयी तथ्यों को उजागर करना है, जो अलौकिकत हैं और उन तथ्यों को मानव जाति के बीच में आने रोकने के लिए सरकार ने प्रतिबंध लगा रखे हैं। पीआरजी ग्रुप की वेबसाइट पर यही जानकारी दी गई है और इस ग्रुप का मानना है, कि धरती पर एलियंस मौजूद हैं, लेकिन अमेरिकी सरकार ने उनकी जानकारी सार्वजनिक होने से रोक रखी है। वहीं, मई 2022 में अमेरिकी संसद में 50 से ज्यादा अनएक्सप्लेन्ड एरियल फेनोमेना यानि यूएपी को लेकर सुनवाई की गई है, जिसे बैसेट ने काफी महत्वपूर्ण माना है।
पेंटागन भी कर चुका है दावे
हाउस इंटेलिजेंस काउंटर टेररिज्म, काउंटरइंटेलिजेंस, और काउंटरप्रोलिफरेशन उपसमिति में बोलते हुए, पेंटागन के शीर्ष खुफिया अधिकारियों ने अलौकिक शक्तियों के बारे में कई घटनाओं का जिक्र किया है, हालांकि उन घटनाओं को लेकर उनके पासकोई स्पष्टीकरण नहीं था। हालांकि, अमेरिकी संसद में ऐसी शक्तियों को लेकर की गई सुनवाई को बैसेट अच्छा तो मानकते हैं, लेकिन उनका मानना है, कि सरकार की तरफ से ज्यादातर जानकारियां छिपा ली गई हैं और उन्होंने अमेरिकी सरकार के पास अन्य यूएफओ रहस्यों की खोज जारी रखने का वादा किया है। बैसेट ने कहा कि, वो सारी जानकारियां सार्वजनिक होते हुए देखना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि, 'अमेरिका के राष्ट्रपति पूरी दुनिया के सामने आकर इस बात की घोषणा करें, कि एलियंस की मौजूदगी वास्तविक है और इस ब्रह्मांड में हम अकेले नहीं हैं।' लेकिन, बैसेट ने कहा कि, 'दुर्भाग्य से मुझे पता है, क्यों इस जानकारी को सार्वजनिक होने से रोका जा रहा है।'
कैसे काम करते हैं एलियंस के वाहन?
पीआरजी के मुताबिक, एलियंस के विमान, जिन्हें हम यूएफओ कहते हैं, वो उड़ान भरने के लिए पारंपरिक इंधन का इस्तेमाल नहीं करते हैं, जो हमारी अर्थव्यवस्था को चलाते हैं। अगर तेल, पेट्रोल, गैस या फिर कोयला को लेकर बना-बनाया नेटवर्क प्रभावित होता है, तो फिर वैश्विक अर्थव्यवस्था ही तबाह हो जाएगी। उन्होंने कहा कि, "उनके पास एक अलग ऊर्जा प्रणाली है"। उन्होंने कहा कि, "एलियंस अपने विमान तके लिए काफी जटिल प्रणाली का इस्तेमाल करते हैं, जो एंटी-ग्रैविटी पर काम करता है।" उन्होंने दावा करते हुए कहा कि, "कुछ कार्यक्रम व्हाइट हाउस और कांग्रेस के अधिकार क्षेत्र से हटा दिए गए हैं और कुछ प्रोग्राम काफी गहराई से और गुप्त मोड में काम कर रहे हैं।" उन्होंने कहा कि, "मैं आपको विश्वास दिलाता हूं, जब अमेरिकी राष्ट्रपति आधिकारिक तौर पर इस तथ्य को स्वीकार करते हैं और सबूत पेश करते हैं, तो लोग चिंता करना शुरू कर देंगे और फिर इसके (एलियंस) बारे में और ज्यादा जानना चाहेंगे।" बैसेट का मानना है, कि सरकार को घबराना नहीं चाहिए, क्योंकि अगर अर्थव्यवस्था प्रभावित भी होती है, तो फिर इंसानों के पास नई तरह से अर्थव्यवस्था का विकास करने का भी मौका होगा।
कई अमेरिकी रिपोर्ट्स में दावा
दरअसल कुछ दिनों पहले रिपोर्ट आई थी कि अमेरिका में पिछले कई सालों में यूएफओ देखे जाने की घटनाएं बढ़ गई हैं। 2019 की दूसरी छमाही में ही कम से कम 19 बार एलियंस के यान को देखे जाने का दावा किया गया। इसमें से ज्यादातर घटनाओं के वीडियो अमेरिकी सरकार के पास हैं। इसके अलावा कई जमीनी जगहों पर भी यूएफओ देखे गए। ऐसे में कुल मिलाकर 24 अहम वीडियो हैं, जिनको जारी करने की मांग हो रही। हालांकि, अमेरिकी नौसेना ने ऐसा करने से इनकार कर दिया है। मामले में नौसेना के सूचना की स्वतंत्रता अधिनियम कार्यालय के उप निदेशक ग्रेगरी कैसन ने कहा कि, इस जानकारी को जारी करने से राष्ट्रीय सुरक्षा को नुकसान होगा, क्योंकि ये रक्षा विभाग/नौसेना संचालन, कमजोरियों और क्षमताओं के बारे में जानकारी प्रदान करता है। वीडियो के किसी भी हिस्से को रिलीज के लिए अलग नहीं किया जा सकता है।
पहले भी आ चुके हैं वीडियो
कैसन ने आगे कहा कि वे नेवी पायलटों और अन्य अज्ञात हवाई घटनाओं के तीन वीडियो को सार्वजनिक करने में सक्षम थे, जिन्हें दो साल पहले सार्वजनिक किया गया था। उन्होंने कहा कि सैन्य प्रमुखों ने 'राष्ट्रीय सुरक्षा को और नुकसान पहुंचाए बिना' ये कदम उठाना संभव समझा था, लेकिन अन्य फुटेज के बारे में ऐसा नहीं कहा जा सकता है। द ब्लैक वॉल्ट वेबसाइट के बॉस इस फैसले के खिलाफ अपील करने की योजना बना रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ अमेरिकी विदेश विभाग के ब्यूरो ऑफ इंटरनेशनल सिक्योरिटी एंड नॉनप्रोलिफरेशन के पूर्व विश्लेषक मारिक वॉन रेनेंकैम्फ ने कहा कि, वीडियो जारी किए जाने चाहिए। पेंटागन के पास कम से कम दो दर्जन या फिर उससे भी ज्यादा यूएफओ के वीडियो हैं। उनका मानना है कि गैर-संवेदनशील यूएफओ वीडियो को सार्वजनिक करने से इन मामलों की सच्चाई जल्दी दुनिया के सामने आ सकती है।
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