Airlines: कोई पहिया खोलना भूल गया तो कोई इंजन, कोरोना के बाद कैसी गलतियां कर रहे हैं पायलट ? जानिए
न्यूयॉर्क, 15 अक्टूबर: हवाई यातायात धीरे-धीरे दुनियाभर में सामान्य हो रही हैं। अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को भी इजाजत मिलने लगी है। लेकिन, करीब डेढ़ साल से भी ज्यादा वक्त से जिस तरह से एयरलाइंस इंडस्ट्री दुनियाभर में ठप पड़ी रही है, उसका भयावह दुष्परिणाम नजर आ रहा है। कई पायलट विमान उड़ाने के दौरान बड़ी-बड़ी गलतियां कर रहे हैं। उन्हें याद ही नहीं रहता कि उन्हें आगे कौन सा लीवर खींचना है या किस बटन को पुश करना है। एक रिपोर्ट के मुताबिक कुछ ही हफ्तों में ऐसा दर्जनों बार हो चुका है। अभी तक महज संयोग है कि सब कुछ सकुशल है। क्योंकि कई बार बहुत भयानक हादसा होते-होते आखिर वक्त में टला है। सबसे बड़ी बात ये है कि यह जानकारी कोई आधिकारिक नहीं है। पायलटों ने आपसी बातचीत में ही जाहिर की है।
हाल में आखिरी वक्त में टले हैं कई बड़े विमान हादसे
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट हवाई यात्रियों को परेशान कर सकता है। इसके मुताबिक हाल में ऐसे कई हवाई हादसे टल गए हैं, जो कि भयावह हो सकते थे। क्योंकि, सभी मामले में दोष कोविड महामारी को दिया जा रहा जिसकी वजह से इन सारे पायलटों ने महीनों तक फ्लाइट ही नहीं उड़ाया है। रिपोर्ट के मुताबिक पिछले महीनों में ऐसी दर्जनों घटनाएं हुई हैं, जिसके बारे में पायलटों ने गोपनीय तरीके से खुलासा किया है। लेकिन, हकीकत यह है कि यह हवाई यात्रियों की सुरक्षा के लिए बहुत बड़ा खतरा बन चुका है। रिपोर्ट में उस व्यवस्था पर सवाल उठाया गया है, जिसमें ऐसी घटनाओं का डेटाबेस तैयार करने का तरीका बेहद पुराना है।
टेकऑफ के वक्त दूसरा इंजन स्टार्ट करना भूल गया पायलट
हाल के दिनों में पायलट की गलतियों की वजह से जो घटनाएं हुईं हैं, उसके बारे में सुनकर आपके पैरों के नीचे से जमीन खिसक जाएगी। मसलन, कोविड-19 से स्वस्थ होकर एक पायलट महीनों बाद कॉकपिट में लौटा था। वह टेकऑफ करने के लिए तैयार था। अचानक याद आया कि उसने प्लेन का दूसरा इंजन तो स्टार्ट ही नहीं किया है। उसने अगर वक्त रहते विमान को रोका नहीं होता तो एक बड़े हादसे को टालना असंभव था। हाल के दिनों में इससे भी बड़ी-बड़ी गलतियां पायलटों से हुई हैं, जिसका दोष कोविड से पैदा हुए हालतों को दिया जा रहा है।
लैंडिंग के वक्त पहिया खोलना ही भूल गया पायलट
एक पायलट महामारी की वजह से सात महीने बाद हवाई जहाज उड़ा रहा था। सुबह का समय था उसे एक व्यस्त हवाई अड्डे पर लैंड करना था। हवाई जहाज की ऊंचाई लगातार कम हो रही थी। अचानक उसे महसूस हुआ कि वह तो पहिया खोलना ही भूल गया है। उसने आखिरी वक्त में पहिया खोला। उस समय तक विमान रनवे से महज 240 मीटर की ऊंचाई पर रह था। अंदाजा लगाया जा सकता है कि पायलट को अपनी गलती का अहसास नहीं हुआ होता तो कितना भयानक हादसा हो सकता था।
6 महीने बाद कॉकपिट में लौटा पायलट गलत दिशा में उड़ गया
कुछ हफ्ते पहले ही एक व्यस्त एयरपोर्ट से एक यात्री विमान ने उड़ान भरी। रनवे छोड़ने के साथ ही वह विमान गलत दिशा में मुड़ गया। विमान का कंट्रोल उस कैप्टन के हाथों में था, जो 6 महीने बाद पहली बार प्लेन उड़ा रहा था। 1918 के फ्लू के बाद कोविड-19 महामारी एकमात्र ऐसी बीमारी है, जिसने एयरलाइंस उद्योग को न सिर्फ चौपट किया है, बल्कि अब इसके भयावह साइड इफेक्ट दिखाई पड़ रहे हैं।
लगभग 1,00,000 पायलट लंबे समय कॉकपिट से दूर
कंसल्टिंग फर्म ओलिवर वायमन के अनुसार, एयरलाइनों की ओर से बड़ी कटौती ने वैश्विक स्तर पर लगभग 1,00,000 पायलटों को लंबे समय के लिए फ्लाइट से दूर कर दिया है। कई ने तो शायद डेढ़ साल से कॉकपिट का मुंह भी नहीं देखा होगा। ऐसे में जिस तरह से वैक्सीनेशन बढ़ने से हवाई मार्ग खोले जाने लगे हैं, सवाल उठ रहा है कि पायलटों की दक्षता और आत्मविश्वास में आई कमी और भूलने की नई समस्या कहीं पलभर में सुखद यात्रा को भयंकर त्रासदी में न बदल दे। दिक्कत ये है कि इस समस्या की निगरानी करने के लिए फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन का जो प्रोग्राम है, वह दशकों पुराना है, जो कि जोखिम की गंभीरता को और बढ़ा रहा है।
'वास्तव में बहुत ही गंभीर स्थिति है'
डोइच लुफ्थाांसा एजी के ग्राउंडेड एयरबस एसई ए380 के पायलट उवे हार्टर ने कहा है, 'वास्तव में बहुत ही गंभीर स्थिति है।' वह कहते हैं, 'इंडस्ट्री को अब जिस आखिरी चीज की जरूरत है, वह है एक बड़ी दुर्घटना।' उन्होंने खुद भी फरवरी, 2020 के बाद से हवाई जहाज नहीं उड़ाया है। उनके मुताबिक कुछ एयरलाइंस तो पायलट को पर्याप्त रूप से दोबारा से प्रशिक्षत कर रहे हैं, लेकिन कई नहीं के बराबर कर पा रहे हैं। जबकि, इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गेनाइजेशन और इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन महीनों से इस जोखिम की ओर इशारा कर रहा है। उन्होंने लंबे अंतराल में कॉकपिट में लौटने वाले पायलटों के लिए विस्तृत गाइडलाइन भी दे रखी है।
महामारी की वजह से पैदा हुई है यह भयानक समस्या
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि एशिया और यूरोप के पायलटों से जो बात की गई है और अमेरिका में अज्ञात अकाउंट से जो डेटाबेस मिला है, उससे पता चलता है कि ड्यूटी पर लंबे समय बाद लौटने वाले पालयकों की दक्षता और आत्मविश्वास में जो कमी है, उनमें वे भी पायलट शामिल हैं, जिन्होंने फिर से ट्रेनिंग के प्रोग्राम पूरे किए हैं। इसकी वजह यह भी है कि किसी भी क्लासरूम में या वर्चुअल थ्योरी से या उड़ान सिम्युलेटर में प्रैक्टिस से कॉकपिट के अंदर के वाली असली तनाव की स्थिति पैदा नहीं की जा सकती है। न ही इस तरह के कार्यक्रमों से महामारी की वजह से पैदा हुई मनोवैज्ञानिक, भावनात्मक और आर्थिक तनाव को दूर किया जा सकता है।(सारी तस्वीरें- सांकेतिक)