'अपने घर के आतंकियों के नाम बताओ शहबाज शरीफ', पाकिस्तानी पीएम के बयान पर भड़का अफगानिस्तान
तालिबान ने भी आधिकारिक तौर पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के बयान की आलोचना की है। वहीं, अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने कहा कि, अफगानिस्तान आतंकवाद का शिकार रहा है...
काबुल, सितंबर 26: अफगानिस्तान को आतंकियों का गढ़ बताने वाले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के खिलाफ गुस्सा फूट पड़ा है और अफगानिस्तान में शहबाज शरीफ की काफी आलोचना की जा रही है। अफगानिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री मोहम्मद हनीफ अतमार ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन में अफगानिस्तान से आतंकी खतरे के बारे में चिंता जताने के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की खिंचाई की है और कहा है, कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री अपने देश में भरे पड़े आतंकवादी और आतंकवादी संगठनों के नाम भी बताए।
शहबाज शरीफ के खिलाफ फूटा गुस्सा
पूर्व अफगान विदेश मंत्री ने कहा कि, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री संयुक्त राष्ट्र में अपने देश के आतंकवादियों के बारे में बताने में नाकाम रहे। मोहम्मद हनीफ अतमार ने एक के बाद एक कई ट्वीट शहबाज शरीफ की जमकर आलोचना की है और उन्होंने कहा कि, शहबाज शरीफ अपने भाषण में लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और जैश-ए-मोहम्मद (जेएम) जैसे पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों का नाम लेने में विफल रहने के लिए शरीफ को फटकार लगाई। आपको बता दें कि, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र में अफगानिस्तान में कई आतंकवादी संगठनों के होने की बात कहते हुए उसे दुनिया के लिए खतरा करार दिया था, जिसके बाद अफगानिस्तान में उनका भारी विरोध शुरू हो गया है और दोनों देशों के बीच संबंध और खराब होने की संभावना जताई जा रही है। पिछले दिनों तालिबान भी पाकिस्तान के खिलाफ जमकर भड़ास निकाल चुका है। हनीफ अतमार ने लश्कर-ए-तैयबा का नाम जानबूझकर हटाते हुए अच्छे और बुरे आतंकवादियों के बीच भेद करने के लिए पाक पीएम को फटकार लगाई और कहा कि, पाकिस्तान में सबसे ज्यादा आतंकी संगठन मौजूद हैं।
'अपने देश के आतंकियों के बारे में बताएं'
पूर्व अफगान विदेश मंत्री ने अपने ट्वीट में कहा कि, "यूएनजीए में प्रधानमंत्री शहबाज ने अफगानिस्तान से सक्रिय प्रमुख आतंकवादी समूहों द्वारा उत्पन्न खतरे के बारे में चेतावनी दी और उन्होंने कहा कि, अफगानिस्तान, क्षेत्र और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए महत्वपूर्ण चिंता का विषय होना चाहिए।" तो मैं उनसे कहना चाहता हूं, कि "सबसे पहले उन्होंने अपनी लिस्ट में भेदभाव की है और अपनी सूची से लश्कर और जेईएम का नाम हटाकर अच्छे और बुरे आतंकवादियों के बीच भेद किया है। लड़ाकों की ताकत के मामले में, लश्कर तालिबान के बाद दूसरे स्थान पर है और इस क्षेत्र में सक्रिय सभी विदेशी समूहों में सबसे बड़ा है।" इस क्षेत्र में लश्कर-ए-तैयबा की बढ़ती उपस्थिति को देखते हुए अतमार ने कहा कि, यह समूह के इतिहास और वर्तमान उद्देश्यों को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए एक गंभीर चेतावनी है। उन्होंने कहा कि, शहबाज शरीफ दुनिया के सामने अमेरिकी हमले का जिक्र कर रहे थे, फिर भी वो अपने देश के आतंकी संगठनों को लेकर कोई जिम्मेदारी नहीं ले रहे हैं।
पाकिस्तान के पास नहीं है रणनीति
अतमार ने कहा कि, इन समूहों से निपटने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के जोर में रणनीति का अभाव है। उन्होंने कहा कि, अफगानिस्तान को भी अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के सामने साफ करना चाहिए, कि आतंकवाद के खिलाफ स्थाई कार्रवाई और स्थाई शांति अफगान सरकार की प्रतिनिधित्व, समावेशिता और वैधता पर निर्भर करती है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, "अब, सवाल यह है कि क्या पाकिस्तान वास्तव में अंतर-अफगान वार्ता का समर्थन करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय प्रयास का हिस्सा बनने और दोहा समझौते के पक्षों के बाध्यकारी दायित्वों के आधार पर इस तरह के परिणाम के लिए एक राजनीतिक समझौता करने को तैयार है?" आपको बता दें कि, इससे पहले शुक्रवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने अफगानिस्तान से पैदा हो रहे आतंकवाद के खतरे पर चिंता जताई थी।
शहबाज शरीफ ने क्या कहा था?
यूएनजीए के 77वें सत्र में अपनी टिप्पणी के दौरान शहबाज शरीफ ने कहा था कि, पाकिस्तान अफगानिस्तान से संचालित आतंकवादी समूहों द्वारा उत्पन्न खतरे के संबंध में अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रमुख चिंता साझा करता है। उन्होंने इस्लामिक स्टेट- खुरासान (ISIS-K) और तहरीक-ए तालिबान पाकिस्तान (TTP), अल-कायदा, ईस्ट तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट (ETIM) और इस्लामिक मूवमेंट ऑफ उज्बेकिस्तान (IMU) सहित कई समूहों का नाम लिया था। टोलोन्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, शरीफ की टिप्पणी पर अफगानिस्तान से कड़ी प्रतिक्रिया मिली, जिसमें तालिबान भी शामिल है। तालिबान ने भी आधिकारिक तौर पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के बयान की आलोचना की है। वहीं, अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने कहा कि, अफगानिस्तान आतंकवाद का शिकार रहा है और पाकिस्तानी सरकार ने आतंकवादियों को संरक्षण देने का काम किया है और दशकों से ये आतंकवादी अफगानिस्तान के खिलाफ इस्तेमाल किए जा रहे हैं।
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