दुनिया की 200 मिलियन महिलाएं खतना का दर्द सहने को मजबूर
न्यूयॉर्क। यूनीसेफ की ओर से एक रिपोर्ट आई है जिसमें दुनिया का सामना उस दर्द भरे सच से कराने की कोशिश की गई है जिससे वह हर वर्ष गुजरने को मजबूर है।
गुरुवार को जारी हुई इस रिपोर्ट में यूनीसेफ की ओर से कहा गया है कि दुनिया की 200 मिलियन यानी करीब 20 करोड़ महिलाएं इस समय दर्दनाक खतना या जेनेटियन म्यूटिलेशन की प्रक्रिया को सहती हैं।
यूनीसेफ यूनाइटेड नेशंस का ही हिस्सा और यह संस्था बच्चों और महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर नजर रखती है।
इस रिपोर्ट के मुताबिक 200 मिलियन महिलाओं में से आधी महिलाएं इजिप्ट, इथोपिया और इंडोनेशिया जैसी जगहों पर रहती हैं। यूनाइटेड नेशंस की यह रिपोर्ट एक इंटरनेशनल इवेंट 'जीरो टॉलरेंस' से पहले जारी की गई है। रिपोर्ट के
मुताबिक जिबूती वह देश है जहां पर सबसे ज्यादा महिलाओं को खतना से गुजरना पड़ता है। हालांकि 30 देश ऐसे हैं जहां पर इस स्थिति में गिरावट आई है।
यूनाइटेड नेशंस ने अपने नए एजेंडे में इस बुराई को खत्म करने की अपील की है और इसके लिए वर्ष 2030 तक का समय तय किया गया है। यूएन का कहना है कि इस दिशा में उसकी ओर से काम जारी है। यूएन के इस एजेंडे को सितंबर में सभी देश स्वीकार कर चुके हैं।
यूएन के मुताबिक जिन 200 मिलियन महिलाओं का खतना कराया गया है उनमें से 44 मिलियन लड़कियों की उम्र 14 वर्ष या उससे भी कम होती है।
यूनीसेफ के मुताबिक जिन 30 देशों में इस रिवाज को सबसे ज्यादा माना जाता है वहां ज्यादातर लड़कियों का खतना उनके पांच वर्ष की आयु से पहले ही कराया दिया जाता है।