कुमार सानू समेत इन गायकों को मिला लता अलंकरण सम्मान, CM Shivraj ने की बड़ी घोषणा
इंदौर, 29 सितंबर : राज्य शासन के प्रतिष्ठा प्रसंग राष्ट्रीय लता मंगेशकर सम्मान अलंकरण समारोह में फिल्मी जगत की गायन एवं संगीत क्षेत्र की तीन हस्तियों को राष्ट्रीय लता मंगेशकर सम्मान से अलंकृत किया गया। यह सम्मान प्राप्त करने वालों में शैलेन्द्र सिंह, आनंद-मिलिंद एवं कुमार सानू शामिल है। इन्हें यह सम्मान राज्य शासन की ओर से पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने प्रदान किया। वर्ष 2019 का सम्मान पार्श्व गायन के लिये शैलेन्द्र सिंह को वर्ष 2020 का सम्मान संगीत निर्देशन के लिये आनंद-मिलिंद को एवं वर्ष-2021 का सम्मान पार्श्व गायन के लिये कुमार सानू को प्राप्त हुआ है।
सीएम शिवराज ने कि बड़ी घोषणा
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इंदौर में सम्पन्न हुये प्रतिष्ठित राष्ट्रीय लता मंगेशकर अलंकरण समारोह को वर्चुअली रूप से सम्बोधित करते हुये स्वर कोकिला लता मंगेशकर की स्मृति को चिरस्थायी बनाने के लिये अनेक महत्वपूर्ण घोषणाएं की। उन्होंने कहा कि इंदौर में लता जी के नाम संगीत अकादमी, संगीत महाविद्यालय और संग्रहालय की स्थापना की जायेगी। उन्होंने कहा कि लता जी द्वारा संगीत के क्षेत्र में दिये गये योगदान को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता हैं।
लता जी की स्मृतियों को प्रदेश में चिरस्थायी रखा जायेगा
समारोह को सम्बोधित करते हुये मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, यह हमारे लिये सौभाग्य की बात है कि, स्वर कोकिला तथा भारत रत्न लता मंगेशकर का जन्म मध्यप्रदेश के इंदौर में हुआ है। लता जी भारत के इतिहास में महान अध्याय के रूप में दर्ज है, उनके द्वारा संगीत के क्षेत्र में दिये गये योगदान को भुलाया नहीं जा सकता हैं। आज वे भौतिक रूप से भले ही हमारे बीच में नहीं है, परंतु वे अपने गीत, देशभक्ति स्वभाव, संस्कार, मूल्य, आवाज के माध्यम से हमेशा हमारे बीच रहेंगी। उन्होंने कहा कि, लता जी के बगैर देश अधुरा है। गीत-संगीत सूना है। उनकी कमी पूरी नहीं हा सकती है। उन्होंने कहा कि लता जी की स्मृतियों को प्रदेश में चिरस्थायी रखा जायेगा।
अपनी आवाज में गाये, किसी की नकल नहीं करें
समारोह को सम्बोधित करते हुये पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर ने कहा कि, गीत-संगीत परमात्मा के पर्याय है। उन्होंने कहा कि कला एवं संस्कृति का संरक्षण एवं सवर्धन हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि गीत-संगीत के माध्यम से तनाव से मुक्ति मिलती है तथा सुख-शांति एवं संतुष्टि का मार्ग प्रशस्त होता है। अपने सम्मान के प्रत्युत्तर में शेलेन्द्र सिंह ने कहा कि, यह मैरा सौभाग्य है कि लता जी के नाम से स्थापित यह अवार्ड मुझे मिल रहा है। उन्होंने गीत-संगीत की साधना में लगे युवाओं से कहा कि वे लगातार रियाज करते रहें। अपनी आवाज में गाये, किसी की नकल नहीं करें।
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