इंदौर: बेसहारा बुजुर्गों के साथ अमानवीयता, DM ने गलती के लिए भगवान से मांगी माफी
Indore News: इंदौर। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के इंदौर (Indore) में बेघर और बेसहारा बुजुर्गों को शहरी सीमा से जबरन हटाए जाने पर आलोचना का सामना कर रहे स्थानीय प्रशासन को अब अपनी गलती का एहसास हो गया है। जिलाधिकारी मनीष सिंह ने 'अधिकारियों की गलती' के लिए भगवान से माफी मांगने की बात कही है। डीएम मनीष सिंह ने खजराना गणेश मंदिर में रविवार को एक पर्व की पूजा-अर्चना के दौरान कहा कि उन्होंने बेसहारा बुजुर्गों के साथ नगर निगम कर्मचारियों की बदसलूकी के घटनाक्रम के लिए प्रशासन की ओर से ईश्वर से क्षमा मांगी है। उन्होंने यह भी कहा कि भले ही इस मामले में किसी भी व्यक्ति की गलती रही हो, लेकिन हम अधिकारी हैं और अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकते, इसलिए हमने ईश्वर से प्रार्थना की है कि वह हमें हमारी गलतियों के लिए क्षमा करें।
दरअसल, इंदौर नगर निगम के कर्मचारी अपनी गाड़ी में आठ से दस बेघर और बेसहारा कमजोर बुजुर्गों को लेकर आए थे। वे कुछ बुजुर्गों के हाथ-पैर पकड़ कर उन्हें जबरन गाड़ी से उतार रहे थे। इनमें दो महिलाएं भी शामिल थीं, जो चलने फिरने में असमर्थ थीं। इस घटनाक्रम को शहर के पास स्थित क्षिप्रा गांव में चाय की दुकान चलाने वाले शख्स नने अपने मोबाइल कैमरे में कैद किया। यह वीडियो उन्होंने सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि इनमें से कुछ बुजुर्ग अधिक उम्र की वजह से चलने-फिरने से भी लाचार थे और वे हताश होकर सड़क किनारे बैठ गए थे। बेसहारा लोगों के सामान की पोटलियां सड़क किनारे यहां-वहां बिखरी नजर आ रही थीं।
वीडियो ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है। शुक्रवार की इस घटना के वीडियो सामने आने के बाद फिल्म अभिनेता सोनू सूद से लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा समेत हजारों लोगों ने सोशल मीडिया पर इसकी आलोचना की। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस घटना पर नाराजगी जताते हुए नगर निगम के एक उपायुक्त को पहले ही निलंबित कर चुके हैं। नगर निगम के अतिरिक्त आयुक्त अभय राजनगांवकर ने रविवार को कहा कि मामले की विस्तृत जांच की जा रही है, जांच के बाद सारे तथ्य सामने आ जाएंगे।