कोरोना का असर, विश्व बैंक ने घटाई 2022 के लिए भारत की अनुमानित विकास दर
नई दिल्ली, 8 जून। कोरोना वायरस की दूसरी लहर का असर अब देश की अर्थव्यवस्था पर भी दिखने लगा है। विश्व बैंक ने वित्त वर्ष 22 के लिए अप्रैल में 10.1 प्रतिशत की विकास दर का अनुमान लगाया था लेकिन अब इसमें संशोधन करते हुए इसे 8.3% कर दिया है।
विश्व बैंक ने अपने नई वैश्विक आर्थिक संभावना रिपोर्ट में कहा भारत में कहर बरपाने वाली कोरोना वायरस की दूसरी लहर का जिक्र करते हुए कहा है कि इसने 2020-21 की दूसरी छमाही के दौरान देखे गए विशेष रूप से सेवा क्षेत्र में अपेक्षित सुधार को कमजोर किया है। कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी के बाद लगाए गए प्रतिबंधों के चलते काम और खुदरा व्यापार वाले क्षेत्रों में लोगों की गतिविधियां एक तिहाई से भी कम हो गईं।
इसमें आगे कहा गया है "वित्त वर्ष २०22 में आर्थिक गतिविधि को बुनियादी ढांचे, ग्रामीण विकास और स्वास्थ्य पर अधिक खर्च और सेवाओं और विनिर्माण में अपेक्षित सुधार सहित नीतिगत समर्थन से लाभ होगा।
22-23
में
7.5%
तक
धीमी
होने
का
अनुमान
रिपोर्ट
में
वित्त
वर्ष
2022-23
में
वृद्धि
दर
7.5%
तक
धीमी
होने
का
अनुमान
किया
गया
है।
रिपोर्ट
में
कहा
गया
है
कि
दुनिया
के
किसी
भी
देश
के
मुकाबले
भारत
में
कोरोना
के
सबसे
बड़े
प्रकोप
ने
भारत
की
अर्थव्यवस्था
के
पटरी
पर
लौटने
में
बाधा
पहुंचाई
है।
विश्व बैंक ने कहा है कि भारत ने वित्तीय वर्ष 2022 के बजट में महामारी के बाद की अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे पर लक्षित उच्च व्यय की ओर एक महत्वपूर्ण नीतिगत बदलाव को चिह्नित किया।