निर्मल गंगा - निंदा रस पीना पसंद है मुरली मनोहर जोशी
नई दिल्ली(विवेक शुक्ला) भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी उन नेताओं में है जिन्हें गलतफहमी है कि वे जो कहते हैं वही अंतिम सत्य है। उनसे ज्यादा ना कोई समझदार इंसान हुआ है और ना होगा।
हाल ही में वाराणसी में हुए एक कार्यक्रम में मुरली मनोहर जोशी ने केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की कसकर खिंचाई की। उन्होंने पर्यावरण दिवस से संबंधित एक कार्यक्रम में कहा कि गंगा में जो लोग जहाज चलाने की बात करते हैं उन्हें इतिहास की समझ नहीं है। कुछ समय पहले ही गडकरी ने कहा था कि सरकार की योजना गंगा में जहाज चलाने की योजना है।
बंद करो कमियां निकालना
हालांकि जोशी जी भी वाराणसी से सांसद रहे पर मजाल है कि उन्होंने गंगा की सफाई के लिए कभी कोई बड़ी पहल की हो। अब जब गंगा की सफाई को लेकर देशभर में एक माहौल बन चुका है तो वे उसकी कमियां गिना रहे हैं। उनके पास लगता है कि कोई सुझाव तो नहीं हैं।
अब जोशी जी गंगा की साफ-सफाई को लेकर चलाए जा रहे अभियानों से प्रभावित नहीं दिखते। अब वे नमामी गंगे अभियान पर ही सवाल खड़े कर रहे हैं। वे मानते हैं कि इस तरह से गंगा की सफाई संभव नहीं है। तो कैसे संभव है, वे इस सवाल का भी कोई पुख्ता जवाब नहीं देते। वे यह भी नहीं बताते कि उन्होंने इसकी सफाई के लिए अब तक किस तरह के प्रयास किए।
अब वे कानपुर से सांसद हैं। कोई उनसे सवाल कर सकता है कि उनके संसदीय क्षेत्र में गंगा की बदहाली को दूर करने के लिए वे क्या कर रहे हैं। सबको पता है कि कानपुर में गंगा बेहद मैली है। उसे हर तरह से नष्ट किया जा रहा है। क्या उन्होंने कानपुर में ही गंगा को साफ करने के लिए कोई ठोस पहल की? कोई अभियान चलाया?
क्या जोशी ने कानपुर के लोगोंको गंगा की सफाई को लेकर को जन-जागरण अभियान चलाया? कतई नहीं। बेहतर होगा कि जोशी जी अब आप जो काम हो रहा है, उसे देखें। अब आलोचना सुनने के लिए किसी के पास वक्त नहीं है।