पीएम मोदी ने बढ़ाया हाथ तो हाथ जोड़कर क्यों खड़े हो गए अरुण जेटली?
नई दिल्ली। संसद में गुरुवार को राज्यसभा के उपसभापति का चुनाव हुआ। कांग्रेस की ओर से बीके हरिप्रसाद और एनडीए के उम्मीदवार हरिवंश नारायण सिंह के बीच मुकाबला हुआ। परिणाम एनडीए के उम्मीदवार हरिवंश के पक्ष में आया, जिन्होंने 125 वोटों के साथ जीत दर्ज की, जबकि विपक्षी उम्मीदवार बीके हरिप्रसाद के पक्ष में 105 वोट पड़े। इस जीत के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले हरिवंश नारायण सिंह को उनकी सीट पर जाकर बधाई दी। इसके बाद वह अरुण जेटली की ओर बढ़े। प्रधानमंत्री ने बड़ी खुशी से हाथ आगे बढ़ाया, लेकिन जेटली हाथ मिलाने की जगह हाथ जोड़कर खड़े हो गए।
किडनी ट्रांसप्लांट के ऑपरेशन के बाद अरुण जेटली गुरुवार को पहली बार संसद आए। वह पीएम नरेंद्र मोदी के बगल में ही बैठे थे। जब पीएम मोदी ने उनकी ओर हाथ बढ़ाया तो जेटली ने संकेत दिया कि वह हाथ नहीं मिला सकते, इसलिए वह हाथ जोड़कर नमस्कार करने लगे। पीएम मोदी ने भी उनका अभिवादन स्वीकार किया और उन्होंने भी हाथ जोड़कर नमस्कार किया। डॉक्टर्स ने अरुण जेटली को सलाह दी है कि वह लोगों से कम ही मिलें, ताकि इन्फेक्शन न रहे। जेटली ने सदन के बाहर मास्क भी पहन रखा था।
यही कारण था कि अरुण जेटली गुरुवार को जब राज्यसभा में आए तो सभापति वेंकैया नायडू ने पहले ही सदस्यों को जानकारी दे दी थी कि वह अरुण जेटली से हाथ न मिलाएं और थोड़ी दूरी बनाकर रखें। गुरुवार को अरुण जेटली करीब 3 महीने के अंतराल के बाद राज्यसभा पहुंचे तो न केवल बीजेपी के नेता बल्कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी ने भी मेज थपथपा कर उनका स्वागत किया। अरुण जेटली की सर्जरी मई में हुई थी। इस वजह से वित्त मंत्रालय का कामकाज पीयूष गोयल देख रहे हैं। अरुण जेटली मोदी सरकार बनने के बाद से वित्त मंत्रालय संभाल रहे हैं।