मुंबई में बिड़ला ग्रुप ने 220 करोड़ रुपये में क्यों खरीदा ये सालों पुराना बंगला, आखिर क्यों है इतना खास?
Birla Group Buy bungalow Sunny Ville in Mumbai Rs 220 crores: आदित्य बिड़ला ग्रुप की कंपनी बीजीएच प्रॉपर्टीज ने साउथ मुंबई में स्थित एक पुराने बंगले को 220 करोड़ रुपये में खरीदा है।
मुंबई का एक सालों पुराना बंगला चर्चाओं में है। मुंबई के पॉश इलाके के बंगले को आदित्य बिड़ला ग्रुप की कंपनी बीजीएच प्रॉपर्टीज ने 220 करोड़ रुपये में खरीदा है। साउथ मुंबई के कारमाइल रोड में ये बंगला है। इस बंगले का नाम सनी विले (Sunny Ville) है। ये बंगला आधा एकड़ में फैला है।
बंगला एक पारसी महिला अर्नेवाज खरशेदजी दुबाश (Ernevaz Kharshedji Dubas) की थी। अब आप सोच रहें होंगे कि आखिर इस बंगले में ऐसा क्या खास है, जो ये करोड़ों में बिकी है और इसका क्या होगा...?
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक बिड़ला ग्रुप की बीजीएच प्रॉपर्टीज ने साउथ मुंबई के कारमाइल रोड एमएल दहनुकर मार्ग पर स्थित इस आलीशान बंगले को खरीदा है। इस बंगले का रजिस्ट्रेशन 10 अप्रैल 2023 को बीजीएच प्रॉपर्टीज ने करवाया है। बंगला 18,494.05 स्क्वायर फुट में फैला है। वहीं कवर किए गए गैरेज का कुल क्षेत्रफल 190 वर्ग फुट है। इस संपत्ति की बिक्री की आय का उपयोग धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए किया जाएगा।
बंगले के लिए 13.20 करोड़ रुपये की स्टांप ड्यूटी का भुगतान भी किया गया है। वहीं प्रॉपर्टी का लेन-देन ट्रांसफर डीड के जरिए किया गया है। ट्रांसफर क डॉक्यूमेंट्स के जरिए ही पता चला है कि बंगले की मालकिन एक पारसी महिला अर्नेवाज खरशेदजी दुबाश थी। अर्नेवाज खरशेदजी दुबाश का 2013 में निधन हो गया था।
अर्नेवाज खरशेदजी दुबाश की मां ने अर्नेवाज दुबाश ने 18 मार्च 1960 को पेरोशॉ धूंजीशाव बोल्टन चैरिटीज के नाम से एक सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट का गठन किया था। इस बंगले में पहले ट्रस्टी सूनाबाई पेरोवशॉ बोल्टन और वकील नादिरशॉ रुस्तमजी मुल्ला थे।
लेकिन अपनी मौत से पहले अर्नेवाज खरशेदजी दुबाश ने 5 नवंबर 2012 को एक अंतिम वसीयत और वसीयतनामा बनाया था। इस वसीयतनामा में कहा गया था कि संपत्ति की देखरेख छह लोग करेंगे। वो हैं, मधुसूदन तिजोरीवाला, आदि एन पालिया, डेरियस सोरब कंबट्टा, साइरस सोली नालसेठ, आदि हिरजी जहांगीर, चेतन महेंद्र शाह। इन्ही 6 लोगों से बिड़ला ग्रुप कंपनी ने इस बंगले को खरीदा है।
एक पारिवारिक सूत्र ने कहा, "अर्नेवाज खरशेदजी दुबाश ने अपनी वसीयत में लिखा था कि उनकी सभी प्राचीन वस्तुएं, मूल मुगल पेंटिंग, चांदी के बर्तन बेचे दिए जाएं। और इससे मिलने वाली सारी रकम पेरोशॉ धूंजीशाव बोल्टन चैरिटीज को दी जाए।
2015 में अर्नेवाज खरशेदजी दुबाश का निजी संग्रह मुंबई की पुंडोले आर्ट गैलरी में एक सार्वजनिक नीलामी में बेच दिया गया था। वहां से 18 करोड़ रुपये मिले थे। इनमें 16वीं और 18वीं शताब्दी के मुगल काल की कई चीजें थीं।
सनी विले बंगले को विकास नियंत्रण विनियम 33 (7) के तहत विकास नियंत्रण विनियम 33 (7) के तहत पुनर्विकास किया जा सकता है। नए खरीदार को 70,000 वर्ग फुट से अधिक का कुल सकल निर्मित क्षेत्र मिल सकता है।
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