हिंदू 'हिंसक' क्यों नहीं हो सकता, सीताराम येचुरी ने उठाया सवाल
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2019 के लिए चार चरणों के मतदान हो चुके हैं, बचे हुए तीन चरणों की वोटिंग के बाद 23 मई को यह साफ हो जाएगा कि अगली सरकार किसकी होगी, फिलहाल तीन चरणों के लिए चुनाव प्रचार जोरों पर है और इस दौरान नेतागण भी विवादित बयान देने से बाज नहीं आ रहे हैं, इस क्रम में अब नया नाम जुड़ा है सीताराम येचुरी का, जिन्होंने 'हिंदू' को लेकर कुछ ऐसा कहा है, जिस पर बवाल मचना तय ही है।
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सीताराम येचुरी ने पूछा-हिंदू हिंसक क्यों नहीं हो सकता?
एक जनसभा में बोलते हुए सीपीआई (एम) के वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी ने लोगों से सवाल किया है कि क्या हिंदू 'हिंसक' नहीं है का दावा सही है? हिन्दूओं के रामायण और महाभारत हिंसा से भरे हुए हैं, इसे एक प्रचारक के तौर हिन्दू महाकाव्य के रूप में पेश करते हैं, इसके बाद भी लोग दावा करते हैं कि हिंदू 'हिंसक' नहीं है।
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हिंदू और हिंदुत्व को लेकर लगातार बयान जारी
आपको बता दें कि यह कोई पहला मौका नहीं है, जब हिंदू और हिंदुत्व को लेकर बयान दिया गया है, इस बयान से पहले जब मालेगांव ब्लास्ट की आरोपी साध्वी प्रज्ञा को भारतीय जनता पार्टी ने भोपाल से अपना प्रत्याशी बनाया, तब से हिन्दू आतंकवाद पर लेकर जमकर चर्चाएं हो रही है।
मोदी -अमित शाह भी पीछे नहीं
इसी कड़ी में पीएम मोदी और अमित शाह भी पीछे नहीं हैं, हाल ही में एक चुनावी रैली में अमित शाह ने कहा था कि अक्सर विरोधी दल हिंदू आतंकवाद के नाम पर हिंदुओं को बदनाम करते रहे हैं, साध्वी प्रज्ञा उसी के खिलाफ जवाब है।
साध्वी प्रज्ञा को लेकर पीएम ने कही बड़ी बात
हाल ही में एक टीवी इंटरव्यू में पीएम मोदी ने कहा था कि अक्सर कुुछ लोग हिंदू आतंकवाद के नाम पर हिंदुओं को बदनाम करते रहे हैं, जो कि गलत है, साध्वी प्रज्ञा पर आरोप लगे थे, जो कि सिद्ध नहीं हुए, मुझ पर भी आरोप लगे थे लेकिन सिद्ध नहीं हुए, कुछ लोग केवल लोगों को बदनाम करना चाहते है लेकिन सच सामने आ ही जाता है, साध्वी प्रज्ञा गलत नहीं है।
मुस्लिमों को लेकर भी हो रही है राजनीति
गौरतलब है कि सिर्फ हिंदू शब्द ही नहीं बल्कि मुस्लिम वोटों के लिए भी इस चुनाव में विवाद हुआ था, बसपा प्रमुख मायावती ने देवबंद की एक रैली में मुस्लिम मतदाताओं से अपील की थी कि वह एकजुट होकर महागठबंधन के लिए मतदान करें, जिसे चुनाव आयोग ने आचार संहिता का उल्लंघन माना था और उनपर 48 घंटे के लिए चुनाव प्रचार करने पर रोक लगाई थी, तो वहीं भाजपा की कद्दावर नेता मेनका गांधी ने जब मुस्लिमों के लिए टिप्पणी की थी वो भी चुनाव आयोग का निशाना बनी थीं।
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