कौन हैं UNGA में पाकिस्तान के PM इमरान के भाषण को छोड़कर जाने वाले भारतीय ऑफिसर मिजितो विनीतो
न्यूयॉर्क। शुक्रवार के बाद से ही हर तरफ यूनाइटेड नेशंस (यूएन) में भारत के राजनयिक मिजितो विनीतो की ही चर्चा है। मिजितो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के यूनाइटेड नेशंस जनरल एसेंबली (उंगा) में दिए जा रहे संबोधन के बीच से ही उठकर चले गए थे। उनके इस अंदाज ने कई लोगों को उनका कायल बना दिया है। लोग उनकी तारीफ कर रहे हैं। इसके बाद मिजितो ने राइट टू रिप्लाई का प्रयोग किया और पाकिस्तान की धज्जियां उड़ा दीं। उनके वीडियोज को ट्विटर पर शेयर किया जा रहा है और लोग जानना चाहते हैं कि आखिर मिजितो कौन हैं। तो आइए आपको बताते हैं यूएन में इस भारतीय राजनयिक के बारे में।
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नागालैंड के रहने वाले मिजितो विनितो
मिजितो विनीतो भारत के नॉर्थ ईस्ट से आते हैं। वह नागालैंड के रहने वाले हैं और साल 2010 में उनका चयन इंडियन फॉरेन सर्विस (आईएफएस) के लिए हुआ था। मिजितो इससे पहले साउथ कोरिया में भारतीय दूतावास में सेकेंड सेक्रेटरी (व्यावसायिक एंड इनफॉर्मेशन) के तौर पर तैनात रहे हैं। फिलहाल वह यूएन में भारत के स्थायी मिशन में प्रथम सचिव के तौर पर कार्यरत हैं। वह इसके साथ ही सुरक्षा परिषद में भी तैनात हैं। शुक्रवार को जब इमरान अपना संबोधन दे रहे थे तो मिजितो ने चुपचाप अपना बैग उठाया और हॉल में सबके सामने से वॉक करते हुए बाहर निकल गए। उनके निकलते ही भारत का प्रतिनिधिदल भी यहां से निकल गया।
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सुमी नागा समुदाय से आते हैं विनीतो
जैसे ही पाकिस्तान के पीएम इमरान ने संबोधन में कश्मीर का राग अलापना शुरू किया और भारत पर हमला बोला, विनीतो वहां से उठकर चले गए। मिजितो विनीतो नागालैंड के सुमी नागा प्रजातीय समुदाय से आते हैं। यह ग्रुप नागालैंड के झुहेनबोतो, दीमापुर और खिपहाइरे जिले में है। अब नागालैंड के बाकी जिलों में भी इस समुदाय के लोगों को देखा जा सकता है। सुमी नागा को नागालैंड का सबसे बहादुर समुदाय माना जाता है। कहते हैं कि जब राज्य में क्रिश्चियन मिशनरीज नहीं आईं तो यह समुदाय बाकी नागा लोगों की ही तरह ही एक खास विधा में माहिर था।

मिजितो ने खोली पाकिस्तान की पोल
मिजितो विनीतो ने यूएनजीए में इमरान के संबोधन के जवाब में कहा कि पिछले 70 सालों से पाकिस्तान के पास एक ही 'महानता' बची है और वह है आतंकवाद। यूएन में भारत के स्थायी मिशन पर प्रथम सचिव के तौर पर तैनात विनीतो ने इमरान के भाषण को झूठ का पुलिंदा करार दिया और इसे मानने से इनकार कर दिया। उन्होंने इसके साथ ही पाक को स्पष्ट कर दिया कि भारत के पास अब सिर्फ पीओके की ही चर्चा बची है और पाक को इस पर अवैध कब्जा छोड़ना होगा। भारत की ओर से पाकिस्तान को जवाब देते हुए मिजितो विनितो ने कहा, 'पाकिस्तान के नेता ने आज कहा कि ऐसे लोग जो नफरत और हिंसा फैलाने का काम करते हैं, उन्हें गैर-कानूनी घोषित कर देना चाहिए। मगर उन्होंने जब ऐसा कहा तो हमें काफी हैरानी हुई, क्या वह खुद का ही जिक्र कर रहे थे?'

कभी लादेन को बताया था शहीद
उन्होंने पाकिस्तान पर आगे और प्रहार किया और कहा, 'यह वही देश है, जो खूंखार और लिस्टेड आतंकियों को राज्य फंड से पेंशन देता है। जिस नेता को आज हमने सुना, ये वही शख्स है, जिसने जुलाई महीने में अपनी संसद की एक बहस के दौरान आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को शहीद कहा था।' यूएनजीए में इमरान के भाषण की धज्जियां उड़ाते हुए मिजितो विनितो ने कहा, 'जिस नेता ने आज फिर जहर उगला है, ये वही हैं, जिन्होंने साल 2019 में अमेरिका में सार्वजनिक तौर पर यह स्वीकार किया था कि उनके देश में अभी भी 30-40 हजार आतंकवादी मौजूद हैं, जिन्हें पाकिस्तान की तरफ से ट्रेनिंग मिली है।