Abdul Rehman Makki ग्लोबल आतंकी घोषित, भारत के लिए है अहम बात, जानिए कैसे?
Abdul Rehman Makki: आखिर कौन है यूएनएससी द्वारा ग्लोबल आतंकी घोषित किया गया अब्दुल रहमान मक्की।अब्दुल रहमान मक्की का भारत में हुए कई आतंकी हमलों में हाथ है।
Abdul Rehman Makki: लश्कर ए तैयबा के आतंकी अब्दुल रहमान वक्की को यूएनएससी ने वैश्विक आतंकी घोषित कर दिया है। भारत और अमेरिका पिछले कई सालों से मक्की को वैश्विक आतंकी घोषित कराने के लिए कोशिश कर रहे थे। जिसे आखिरकार सफलता मिल गई है। यूएनएससी ने अब मक्की को वैश्विक आतंकी घोषित कर दिया है। अब्दुल रहमान मक्की की बात करें तो वह भारत में मोस्ट वांटेड आतंकी है जबकि अमेरिका ने भी उसे मोस्ट वांटेड आतंकी घोषित कर रखा है। अमेरिका ने तो मक्की के सिर पर इनाम भी घोषित कर रखा है।
वैश्विक आतंकी घोषित
अब्दुल रहमान मक्की की बात करें तो वह आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा के चीफ हाफिज सईद का बहनोई है। हाफिज सई मुंबई में हुए आतंकी हमले का मास्टरमाइंड है। दरअसल युनाइटेड नेसंश की सिक्योरिटी काउंसिल की एक अल कायदा सैंक्शंस कमेटी है, इसी के अंतर्गत यूएन के बैनर तले मक्की को वैश्विक आतंकी घोषित किया गया है। भारत और अमेरिका ने एक साझा प्रस्ताव रखा था, जिसे यूएन ने पास कर दिया है। इससे पहले कई बार इस प्रस्ताव पर चीन ने अडंगा लगाते हुए वीटो का इस्तेमाल किया था।
अमेरिका ने घोषित किया था इनाम
मक्की लश्कर ए तैयबा में कई पदों पर रह चुका है। वहीं अमेरिका की बात करें तो उसने स्टेट्स ऑफ रिवॉर्ड फॉर जस्टिस कार्यक्रम के तहत मक्की के बारे में जानकारी देने वाले को 2 मिलियन डॉलर का इनाम देने की घोषणा कर रखी है। मक्की लश्कर ए तैयबा के लिए किस तरह से पैसा इकट्ठा किया जाए इसके लिए काम करता है। भारत लगातार इस बात की कोशिश कर रहा था कि मक्की पर वैश्विक स्तर पर पाबंदी लगी।
कई हमलों में मक्की शामिल
अब्दुल रहमान मक्की का भारत में हुए कई आतंकी हमलों में हाथ है। जम्मू कश्मीर में आतंकी साजिश रचने, दहशतगर्जी के लिए ट्रेनिंग, फंडिंग और भर्ती के लिए मक्की लगातार काम करता रहा है। मुंबई के 26/11 और दिल्ली के लालकिले पर हुए आतंकी हमले सहित कई आतंकी गतिविधियों में मक्की का नाम सामने आ चुका है। भारत और अमेरिका लंबे समय से मक्की को ग्लोबल आतंकी घोषित करने की मांग कर रहे थे।
क्यों चीन ने खींचा हाथ
भारत और अमेरिका के लिए मक्की का ग्लोबल आतंकी घोषित किया जाना बड़ी सफलता है। दोनों ही देशों ने अपने देश में पहले ही उसे आतंकी घोषित कर रखा है। यूएनएससी की लिस्ट में वैश्विक आतंकी घोषित होने के बाद मक्की की तमाम तरह की फंडिंग पर रोक लग जाएगी। जिस तरह से चीन ने इस बार मक्की को आतंकी घोषित किए जाने पर आपत्ति नहीं जाहिर की उसकी बड़ी वजह माना जा रहा है कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था काफी संकट में है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था बुरी तरह से पिट गई है, उनके पास विदेशी मुद्री सिर्फ 4.5 बिलियन डॉलर है, वहीं भारत के पास 600 बिलियन डॉलर है। चीन की खुद अर्थव्यवस्था काफी संकट में है, यही वजह है कि चीन ने पाकिस्तान का साथ अब देने से इनकार किया है।
भारत के लिए क्यों अहम
मक्की को ग्लोबल आतंकी घोषित किए जाना भारत के लिए काफी अहम है। जम्मू कश्मीर में पहली बार 1990 में लश्कर का नाम सामने आया था। पहले दशक में यह सिर्फ घाटी तक ही सीमित था। बाद में लाल किले पर हुए हमले में इस आतंकी संगठन का नाम सामने आया। इस हमले के बाद से ही भारत मक्की को इस हमले का जिम्मेदार बता रहा है। 26/11 का आतंकी हमला, रामपुर सीआरपीएफ कैंप पर 2008 में हमला, करन नगर में 2018 में आतंकी हमला, बारामूला के खानपोरा में 2018 में आतंकी हमला, श्रीनगर में 2018 में आतंकी हमले में मक्की का नाम सामने आ चुका है। ऐसे में अगर मक्की का नाम ग्लोबल आतंकी की लिस्ट में शामिल होना भारत के दावों को मजबूत करता है।