हम दिल्ली में हैं, हमें किसी ने बंधक नहीं बनाया, बीजेपी से हमारा कोई संपर्क नहींः पायलट समर्थित विधायक
नई दिल्ली। राजस्थान में राजनीतिक संकट और सियासी ड्रामें के बीच सचिन पायलट खेमे के मुरारी लाल मीणा समेत कई विधायकों ने कहा है कि वो सभी लोग दिल्ली में रह रहे हैं और उनका बीजेपी से कोई संपर्क नहीं है और न ही उन्हें किसी ने बंधक बनाया हुआ है। सोशल मीडिया पर बागी विधायक मुरारी लाल मीणा ने सोशल मीडिया पर साझा एक वीडियो में यह बात कही है।
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#WATCH: MLA Murari Lal Meena, who supports Sachin Pilot, says, "We are staying in Delhi. CM Ashok Gehlot said we are held hostage by BJP, it's untrue as we were never in touch with them. On the contrary, our families are scared due to use of SOG by CM." #RajasthanPoliticalCrisis pic.twitter.com/r3EqnKMYJp
— ANI (@ANI) July 24, 2020
जब राजस्थान में डूब रहा था अशोक गहलोत का राजनीतिक कैरियर, तब सचिन पायलट ने संभाला था मोर्चा!
CM गहलोत ने कहा था कि बीजेपी ने बागी विधायकों को बंधक बना रखा है
दरअसल, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को दिए एक बयान में दावा किया था कि कांग्रेस के बागी विधायकों को बीजेपी ने बंधक बना रखा है, लेकिन बागी विधायकों ने वीडियो के जरिए गहलोत के बयान को असत्य बताया है।
CM गहलोत द्वारा उनके खिलाफ एसओजी का उपयोग किया जा रहा है।
बागी विधायकों ने स्पष्ट करते हुए कहा है कि वो कभी बीजेपी के संपर्क में नहीं थे। हालांकि इसके विपरीत उन्होंने यह जरूर कहा कि उनके परिवार के लोग डरे हैं, क्योंकि मुख्यमंत्री द्वारा एसओजी का उपयोग जो किया जा रहा है।
मुझे लगता है कि मुख्यमंत्री स्वयं अपने जाल में फंस गए हैं: BJP
वहीं, दूसरी तरफ अब बीजेपी भी कांग्रेस पर हमलावर हो गई है। राजस्थान विधानसभा नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कहा, मुझे लगता है कि मुख्यमंत्री स्वयं अपने जाल में फंस गए हैं। शुरू से अब तक इनको निकलने का कोई रास्ता नहीं मिला और आज जो रास्ता ढूंढा है वो इस गरिमामय पद को गिराने वाला ही साबित होगा।
हाईकोर्ट ने बागी विधायकों की योग्यता को लेकर यथास्थित बरकरार रखा है
शुक्रवार को हाईकोर्ट द्वारा बागी विधायकों की योग्यता को लेकर यथास्थित बरकरार रखने के आदेश के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात किया और सोमवार को विधानसभा विशेष सत्र बुलाने की मांग की थी। हालांकि उससे पहले सीएम गहलोत ने राज्यपाल कलराज मिश्र को भी कटघरे में खड़ा करते हुए कहा था कि राज्यपाल केंद्र के इशारे पर सत्र नहीं बुला रहे हैं।