विश्व प्रख्यात वैज्ञानिक गगनदीप कांग का बयान, कोविशील्ड वैक्सीन से नहीं होगा ब्लड क्लॉट
नई दिल्ली। कई यूरोपिय देशों के अंदर पिछले कुछ समय से एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन से ब्लड क्लॉटिंग के मामले सामने आ रहे हैं। आपको बता दें कि एस्ट्राजेनेका ने भारत में भी ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की लैब में कोविशील्ड वैक्सीन का निर्माण किया है। भारत में कोविशील्ड का टीका बड़े स्तर पर लोगों को लगाया जा रहा है। ऐसे में भारत में भी ब्लड क्लॉटिंग का डर लोगों के अंदर बैठा हुआ है। ऐसे में विश्व प्रख्यात वैज्ञानिक गगनदीप कांग ने कहा है कि भारत में 'खून का थक्का' बनने का बहुत ही कम है।
घबराने की जरूरत नहीं है- गगनदीप कांग
गगनदीप कांग ने कहा है कि अगर एस्ट्राजेनेका के टीके को लेकर यूरोपीय स्तर का आकलन किया जाए तो भारत में अभी तक कोविशील्ड का टीका लेने से खून के थक्के बनने के 320 मामले आने चाहिए, लेकिन स्थिति ऐसी नहीं है, इसलिए घबराने की कोई जरूरत नहीं है।
यूरोप और ब्रिटेन में खून का थक्का जमने की स्थिति
वेल्लोर के क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर गगनदीप कांग ने कहा है कि यूरोपीय मेडिसीन एजेंसी (ईएमए) के मुताबिक, यूरोपीय स्तर के आकलन से एस्ट्राजेनेका के टीके से खून के थक्के बनने का खतरा एक लाख मामलों में एक का है और ब्रिटिश नियामक द्वारा 250,000 पर एक मामले की जानकारी दी गई है। आपको बता दें कि कई देशों में एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन के इस्तेमाल पर या तो कुछ पाबंदियां लगा दी हैं या फिर पूरी तरह से रोक लगा दी है। इन देशो में वैक्सीन के इस्तेमाल से खून का थक्का जमने के मामले सामने आए थे।
गगनदीप कांग ने एक इंटरव्यू में बताया है कि वैक्सीन लगवाने के बाद ब्लड क्लॉट के कुछ मामले सामने आ सकते हैं और इसकी आशंका रहती है, लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है। हमें यह जानने की जरूरत है कि क्या कम प्लेटलेट काउंट से खून के थक्का बनने का मामला जुड़ा है।